थाना प्रभारी के मामले में बड़ी लापरवाही, रीवा विधायक ने भी रीवा के डाक्टरों का मनोबल तोड़ा

मिनर्वा हॉस्पिटल प्रबंधन की मनमानी और लापरवाही सामने आई है। घायल टी आई की जान से खिलवाड़ भी किया जा रहा है। टीआई के सीने में गोली धंसी हुई है और उन्हें तुरंत ऑपरेशन की जरूरत है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में दो कार्डियक थोरेसिक सर्जन मौजूद हैं ।इसके बाद भी उनका सदुपयोग नहीं किया गया । पूर्व विधायक और मंत्री ने भी जबलपुर और भोपाल के डाक्टर पर भरोसा जताया है। सुपर स्पेशलिटी को भी तवज्जो नहीं दी गई और यहां के डॉक्टरों का भी मनोबल तोड़ा गया है।

थाना प्रभारी के मामले में बड़ी लापरवाही, रीवा विधायक ने भी रीवा के डाक्टरों का मनोबल तोड़ा
मिनर्वा अस्पताल

रीवा। शहर में संचालित मिनर्वा हॉस्पिटल प्रबंधन की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। बताया गया है कि मिनर्वा हॉस्पिटल में कार्डियक थोरेसिक सर्जन उपलब्ध नहीं है ।उसके बावजूद गोली लगने से घायल हुए टी आई हितेन्द नाथ शर्मा को मिनर्वा हॉस्पिटल प्रबंधन ने एडमिट कर लिया। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि घायल टी आई के ऑपरेशन ऐसे चिकित्सकों के हाथो करने की तैयारी की जा रही थी जो कार्डियक थोरेसिक सर्जरी से ताल्लुक तक नहीं रखते। गनीमत रही की सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डाक्टर समय रहते पहुंच गए। बताया गया है की सुपर के डॉक्टरों ने सर्जरी करने की बात भी कही लेकिन प्रबंधन द्वारा दिल्ली और जबलपुर से डॉक्टर बुलाए जाने और उनके द्वारा ऑपरेशन करने की बात कहकर उनकी बात को अनसुना कर दिया गया। महत्वपूर्ण बात ये है की जब मिनर्वा हॉस्पिटल में कार्डियक थोरेसिक सर्जन उपलब्ध नहीं थे तो घायल टी आई को एडमिट क्यों किया गया। उन्हे सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए था। क्योंकि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में दो कार्डियक थोरेसिक सर्जन उपलब्ध है एक डॉक्टर राकेश सोनी दूसरे डॉक्टर अभिजीत सिंह। उसके बावजूद भी घायल टी आई को मिनर्वा हॉस्पिटल में एडमिट कर लिया गया, जो एक बड़ी लापरवाही को प्रदर्शित करता है।   जानकारों की माने तो गोली उनके चेस्ट को पार करती हुई फेफड़े में जा धंसी है। ऐसे में उनका कार्डियक थोरेसिक सर्जरी करना नितांत आवश्यक है। लेकिन अब तक सर्जरी नहीं की जा सकी है। पूर्व मंत्री और रीवा विधायक ने भी बाहर के ही डाक्टरों पर भरोसा जताया है। स्थानीय और सुपर स्पेशियल्टी अस्पताल को सिर्फ गरीबों के लिए ही बनाया गया है। बड़े लोग बाहर और प्राइवेट पर ही विश्वास कर रहे हैं।