नहीं सुधर रही जिला न्यायालय की पार्किंग व्यवस्था
इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। तमाम प्रयासों के बावजूद जिला न्यायालय परिसर में पार्किंग की समस्या हल होने का नाम नहीं ले रही। हालत यह है कि कार्यदिवसों में जिला न्यायालय परिसर में पैर रखने तक की जगह नहीं होती। पक्षकारों को वकीलों की टेबलों तक पहुंचने में काफी मशक्कत करना पड़ती है। इतना ही नहीं वकीलों को भी टेबल से उठकर न्यायालय कक्ष तक पहुंचने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। जिला न्यायालय परिसर की पार्किंग व्यवस्था सुधारने के नाम पर कई बार योजनाएं बनीं लेकिन न इन पर अमल हुआ न पार्किंग की समस्या हल हुई। वकीलों का कहना है कि इंदौर जिला न्यायालय परिसर में बाहरी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाकर ही इस समस्या को कुछ हद तक हल किया जा सकता है। इंदौर अभिभाषक संघ अध्यक्ष गोपाल कचोलिया के मुताबिक जिला न्यायालय के मुख्य द्वार पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेशानुसार स्पष्ट सूचना चस्पा है कि न्यायालय परिसर में केवल न्यायाधीशगण, अभिभाषकगण और न्यायिक कर्मचारियों के वाहनों को ही प्रवेश दिया जाएगा। बावजूद इसके मुख्य द्वार पर तैनात पुलिसकर्मियों की लापरवाही और निष्क्रियता के चलते परिसर में पूरे दिन बाहरी व्यक्तियों और पक्षकारों के वाहन बगैर किसी रोकटोक के आते-जाते हैं।
इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। तमाम प्रयासों के बावजूद जिला न्यायालय परिसर में पार्किंग की समस्या हल होने का नाम नहीं ले रही। हालत यह है कि कार्यदिवसों में जिला न्यायालय परिसर में पैर रखने तक की जगह नहीं होती। पक्षकारों को वकीलों की टेबलों तक पहुंचने में काफी मशक्कत करना पड़ती है। इतना ही नहीं वकीलों को भी टेबल से उठकर न्यायालय कक्ष तक पहुंचने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। जिला न्यायालय परिसर की पार्किंग व्यवस्था सुधारने के नाम पर कई बार योजनाएं बनीं लेकिन न इन पर अमल हुआ न पार्किंग की समस्या हल हुई। वकीलों का कहना है कि इंदौर जिला न्यायालय परिसर में बाहरी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाकर ही इस समस्या को कुछ हद तक हल किया जा सकता है।
इंदौर अभिभाषक संघ अध्यक्ष गोपाल कचोलिया के मुताबिक जिला न्यायालय के मुख्य द्वार पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेशानुसार स्पष्ट सूचना चस्पा है कि न्यायालय परिसर में केवल न्यायाधीशगण, अभिभाषकगण और न्यायिक कर्मचारियों के वाहनों को ही प्रवेश दिया जाएगा। बावजूद इसके मुख्य द्वार पर तैनात पुलिसकर्मियों की लापरवाही और निष्क्रियता के चलते परिसर में पूरे दिन बाहरी व्यक्तियों और पक्षकारों के वाहन बगैर किसी रोकटोक के आते-जाते हैं।