रीवा के 2 लाख किसान मालामाल, हर साल इतने अरब रुपए पीएम किसान के पहुंच रहे....17 हजार लाभ से वंचित

पीएम किसान सम्मान निधि से रीवा के करीब 1 लाख 80 हजार किसान मालामाल हो रहे हैं। हर साल इनके खातों में केन्द्र से करीब 1 अरब 86 लाख से अधिक की राशि पहुंच रही है। इस फायदे से रीवा के 17 हजार किसान वंचित हैं। इनके एकाउंट केवायसी व अन्य कारणों से पेडिंग में हैं। इन्हें इसकी भनक ही नहीं है।

रीवा के 2 लाख किसान मालामाल, हर साल इतने अरब रुपए पीएम किसान के पहुंच रहे....17 हजार लाभ से वंचित
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रीवा के किसानों पर हो रही है धनवर्षा, हर साल 1 अरब रुपए केन्द्र से खाते में पहुंच रही
रीवा।ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार ने किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना शुरू की है। फरवरी 2019 में जब पीएम किसान योजना शुरू की गई थी, तब इसका लाभ केवल छोटे किसानों के परिवारों के लिए था। इसमें वो किसान शामिल थे, जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की कम्बाइन्ड लैंड होल्डिंग (संयुक्त भूमि) थी। जून 2019 में स्कीम को रिवाइज किया गया और सभी किसान परिवारों के लिए इसे एक्सटेंड कर दिया गया। पीएम किसान से बाहर किए गए लोगों में संस्थागत भूमि धारक, संवैधानिक पदों पर बैठे किसान परिवार, राज्य या केंद्र सरकार के सेवारत या रिटायर्ड अधिकारी और कर्मचारी हैं। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और सरकारी स्वायत्त निकाय के अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हैं। इनके अलावा डॉक्टर, इंजीनियर और वकील के साथ-साथ 10,000 रुपए से ज्यादा की मासिक पेंशन वाले रिटायर्ड पेंशनर्स और इनकम टैक्स भरने वालों को भी इस स्कीम से बाहर रखा गया है। रीवा में पीएम किसान सम्मान निधि के दायरे में आने वाले किसानों की संख्या 1 लाख 80 हजार 690 है। इन किसानों को केन्द्र सरकार से हर साल पीएम किसान सम्मान निधि की राशि भेजी जा रही है। किसानों के खाते में यह राशि सीधे पहुंच रही है। पहले एकाउंट में यह राशि आती थी लेकिन लोगों ने फ्रॉड करना शुरू कर दिया था। फिर में और बदलाव किया गया। अब सिर्फ आधार कार्ड से लिंक खातों में ही पीएम किसान सम्मान निधि पहुचं रही है। जिनके खाते आधार से लिंक नहीं हैं। वह पेडिंग में डाल दिए गए हैं। रीवा में करीब 17 हजार किसान ऐसे भी हैं जिन्हें इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इनके एकाउंट पेडिंग में डाल दिया गया है।
पीएम किसान सम्मान निधि की स्थिति
तहसील       लाभार्थी     पेडिंग केवायसी    पेडिंग एनपीसीआई
हुजूर            19419      598                  609
गुढ़              15990     597                  459
रायपुर          12808     269                  346
सिरमौर         23553    1587                1211
त्येंाथर        28877    1984                1300
मनगवां         27191     2169               1505
सेमरिया        22872     838                 770
जवा             23506     1772               1211
हुजूर नगर     6464       196                 246
योग             180690   10009             7657

10 हजार ऐसे जिनका केवीवायसी नहीं हुआ
रीव में करीब 10 हजार 9 किसान ऐसे हैं जो पीएम किसान सम्मान निधि के लिए पात्र तो हैं लेकिन उन्हें इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। सरकार ने केवायसी पूरा करने का समय दिया था। इसके बाद भी किसानों ने केवायसी नहीं की। इसके कारण इनके खाते पेडिंग में डाल दिए गए हैं। इन्हें पीएम किसान सम्मान निधि का फायदा नहीं मिल पा रहा है।
7657 ऐसे जिनके आधार में गड़बड़ी
पीएम किसान सम्मान निधि पाने के लिए योग्य 7657 किसान ऐसे हैं जिनके आधार में गड़बड़ी है। आधार खातों से लिंक नहंी है। इसके कारण ही इनकी राशि नहीं पहुंच रही है। इन किसानों को इसकी सही जानकारी भी नहीं मिल पाती। यह इधर उधर से पता लगाते है लेकिन किसी को कुछ भी पता नहीं चल पाता। इन किसानों के लिए शासन ने सबसे आधार उपाय बताया है। इन्हें पोस्ट आफिस में आईपीपीबी में खाता खुलवाना होगा। इससे इनका आधार भी अपडेट हो जाएगा और सीधे आधार से खाता भी खुल जाएगा। खाता लिंक होने के बाद इन किसानों की पीएम किसान सम्मान निधि रिलीज होने लगेगी।
मनगवां, त्योंथर, जवा और सिरमौर में अधिक पेडेंसी
जिन किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का फायदा नहीं मिल पा रहा है। उसमें चार तहसीलें सबसे ऊपर है। इन तहसीलों के हजारों किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का फायदा नहीं मिल पा रहा है। किसानों के आधार लिंक और केवायसी पेडेंसी के कारण किसान केन्द्र से मिलने वाली राशि से वंचित हो रहे हैं। सभी तहसीलों में निराकरण के लिए कर्मचारी अतिरिक्त रूप से पदस्थ किए हैं लेकिन किसानों की समस्याओं का निराकरण नहीं कर पा रहे। इतना ही नहीं केन्द्र सरकार के निर्देश पर सभी जिलों में अभियान चलाने के भी निर्देश दिए गए थे। इसके बाद भी राजस्व विभाग ने पेडिंग प्रकरणों का निराकरण नहीं किया। इसके कारण करीब 17 हजार किसान लाभ से वंचित हो रहे हैं।