चित्रकूट की राह छोड़ आंखों का मर्ज दूर करने रीवा जीएमएच पहुंचे 84 मरीज, डॉक्टरों ने आपरेशन कर घर भेजा
आंखों के आपरेशन के लिए लोग भले ही चित्रकूट की तरफ दौड़ लगाते रहे हो लेकिन अब कईयों का नजरिया बदल रहा है। मैहर से 84 मरीज रीवा पहुंचे। जिला अस्पताल और गांधी स्मृति चिकित्सालय में सभी मरीजों के दो दिनों तक मोतियाबिंद के आपरेशन किए गए। सभी मरीज स्वस्थ्य हैं और उन्हें छुट्टी भी दे दी गई। मरीजों की हर सुविधा का ध्यान रखा गया। डीन से लेकर अधीक्षक तक व्यवस्थाओं में जुटे रहे। जूनियर डॉक्टरों ने परीक्षण किया और सीनियर ने सभी मरीजों का लगातार आपरेशन किया।

जिला अस्पताल और गांधी स्मृति चिकित्सालय में भर्ती कर मोतियाबिंद का किया गया आपरेशन
मैहर में लगाया गया था शिविर, 600 मरीजों की चिकित्सकों ने की थी जांच
रीवा। आपको बता दें कि मैहर सीमेंट वक्र्स और श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय के नेत्र रोग विभाग के साथ मिलकर एक नेत्र शिविर का आयोजन किया गया। नेत्र शिविर में करीब 600 लोग नेत्र का परीक्षण कराने पहुंचे थे। नेत्र शिविर लोगों से भरा हुआ था। सभी नेत्र परीक्षण के लिए आए लोगों की जांच की गई। इसमें 137 मरीजों के आंख में मोतियाबिंद की शिकायत मिली। इन्हें आपरेशन के लिए चिन्हित भी किया गया। मैहर सीमेंट वक्र्स 84 मरीजों को लेकर संजय गाध्ंाी अस्पताल पहुंचा। यहां 63 मरीजों को मोतियाबिंद के आपरेशन के लिए भर्ती किया गया। वहीं 21 मरीजों को जिला अस्पताल में भर्ती कराय ागया। संजय गांधी अस्पताल में सभी मरीजों के नेत्र का आपरेशन किया गया। आपरेशन और इलाज के लिए कॉलेज के डीन डॉ सुनील अग्रवाल, अधीक्षक डॉ राहुल मिश्रा, प्रभारी अधीक्षक डॉ यत्नेश त्रिपाठी, सिविल सर्जन डॉ प्रतभा मिश्रा का विशेष योगदान रहा। अस्पताल में आपरेशन के लिए सारी सुविधाएं और व्यवस्थाएं मुहैया कराई गईं। अस्पताल लाए गए मरीजों के नेत्रों का फिर से परीक्षण किया गया। जो मरीज मोतियाबिंद आपरेशन के लिए उपयुक्त पाए गए। उनकी सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद दो दिनेां तक लगातार आपरेशन किया गया। जिला अस्पताल में भी आपरेशन चला। 9 मरीजों को छोड़ कर सभी के आपरेशन सफल रहे। इन 9 मरीजों को डायबिटीज और आंसू की थैली के विकार से संबंधित परामर्श दिए गए। इतनी अधिक संख्या में सफल आपरेशन होने के बाद और भी कई मरीज यहां आने की तैयारी में है। 21 और मरीजों को चिन्हित किया गया है। इनके भी आपरेशन किए जाएंगे।
आपरेशन में सीनियर और जूनियर डॉक्टरों की रही भूमिका
मैहर से लाए गए मरीजों के नेत्र परीक्षण में जूनियर डॉक्टरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं आपरेशन में नेत्र विभाग की एचओडी डॉ शशि जैन, डॉ पंकज चौधरी, डॉ सुजाता लखटकिया, डॉ चारुदत्त चालीसगांवकर, डॉ अनामिका द्विवेदी, डॉ विकास जामरा, डॉ नेहा तिवारी शामिल रहे।