रीवा के प्रकरण में आए एक फैसले ने तीन राज्यों को हिलाया, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
रीवा के अधिवक्ता ने तीन राज्यों को हिला दिया है। रीवा हुजूर के क्षेत्रों में पर्यावरण प्रदूषण, अवैध उत्खनन करने वाले क्रेशर प्लांट को लेकर एनजीटी में याचिका दायर की थी। एनजीटी ने सभी क्रेशर प्लांट और खदानों की डिया लीज निरस्त कर दी थी। इससे तीन राज्यों पर असर पड़ा। माइनिंग कारर्पोरेशन ने अपील की लेकिन राहत नहीं मिली। अब सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचा है। 6 फरवरी को सुनवाई होनी है।
एनजीटी ने डिया की अनुमति निरस्त कर दी थी सिया की अनुमति अनिवार्य करने के आदेश दिए थे
6 फरवरी में होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
रीवा। ज्ञात हो कि अधिवक्ता बीके माला एवं अन्य ने रीवा में संचालित क्रेशर प्लांट और खदानों को लेकर एनजीटी में याचिका दायर की थी। पर्यावरण प्रदूषण, अवैध रूप से संचालित लीज के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। 32 के्रेशर प्लांट को पार्टी बनाया गया था। इस याचिका के बाद भोपाल की टीम ने रीवा पहुंच कर जांच की थी। कई क्रेशर प्लांट को सीज किया था। इन प्लांट में से कईयों को नियम विरुद्ध तरीके से संचालित करने की अनुमति दे दी गई थी। अधिवक्ता बीके मामला ने बताया कि रीवा जिला के तहसील हुजूर रीवा के क्षेत्रों में पर्यावरण प्रदूषण अवैध उत्खनन, नियम विरुद्ध संचालित लीज के खिलाफ बृजेन्द्र कुमार माला बीके माला एडवाकेट ने एनजीटी सेंट्रल बेंच भोपाल में प्रकरण दायर किया था। याचिकाकर्ता ने रीवा के 32 क्रेशर संचालकों को पार्टी बनाया था। एनजीटी ने 13 सितंबर 2023 के आदेश पारित करते हुए कहा कि लीज की अनुमति सिया से लेना होगा। डिया की अनुमति को निरस्त किया था। न्यायालय एनजीटी में 32 क्रेशर संचालकों को अधिवक्ता ने पार्टी बनाया था। इस आदेश के बाद भी रीवा के प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी श्री बालमीक एवं खनिज अधिकारी दीप माला तिवारी ने पिटीशन में सम्मलित 12 क्रेशर संचालकों को बिना न्यायालय की अनुमति के खोलने की अनुमति दे दी जो की पूर्णत: नियम विरुद्ध था। अब एनजीटी से जारी आदेश को लेकर माइनिंग कार्पोरेशन लिमिटेड ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है। फिलहाल कोर्ट ने राहत देने से इंकार कर दिया है। अगली सुनवाई 6 फरवरी 2024 को नियत की गई है। एनजीटी के आदेश से तीन राज्यों की माइनिंग पर असर पड़ा है।
इन स्टोन क्रेशर को बनाया गया था पार्टी
याचिकाकर्ता ने 32 स्टोन क्रेशर को पार्टी बनाया था। यह सभी पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे थे। इन स्टोन क्रेशर में महादेव स्टोन क्रेशर खम्हरिया, सदगुरु क्रेशर खम्हरिया, प्रदीप सिंह पटेल स्टोन क्रेशर खम्हरिया, रुद्र स्टोन खम्हरिया, पाण्डेय स्टोन क्रेशर खम्हरिया, जनार्दन तिवारी स्टोन क्रेशर खम्हरिया, सुनील द्विवेदी मद्धेपुर, रमाकांत सिह, राम लाल सिंह, सोनार, त्रिपाठी स्टोन क्रेशर बैजनाथ, कुशवाहा स्टोन क्रेशर बैजनाथ, वायएन स्टोन क्रेशर बैजनाथ, मां कालिका मिनरल स्टोन क्रेशर,सम्राट स्टोन क्रेशर, मोनी स्टोन क्रेशर बैजनाथ, श्रीराम स्टोन क्रेशर बैजनाथ, कृष्णा मिनरल्स स्टोन क्रेशर, गुरुजी स्टोन क्रेशर, विजय सिंह स्टोन क्रेशर, अरुणेन्द्र पयासी हिनौती, मोती यादव हिनौती, गोविंद यादव स्टोन क्रेशर हिनौती, श्याम बाजपेयी हिनौती, गार्गी मिनरल्स बैजनाथ, पयासी स्टोन क्रेशर बैजनाथ शामिल हैं।