रीवा की दहलीज तक पहुंचा हाथियों का झुंड, रातभर पहरेदारी करता रहा वन अमला
हाथियों का दल रास्ता भटक कर मुकुंदपुर पहुंच गया है। दो दर्जन से अधिक हाथियों ने मुकुंदपुर में डेरा डाल लिया है। इनकी लोकेशन मिलने के बाद वन विभाग की टीम अलर्ट मोड पर आ गई है। रात में हाथियों की सर्चिंग शुरू कर दी गई। ग्रामीण क्षेत्रों से दूर हटाने के प्रयास में लगे रहे।
कोरीडोर से भटक कर पहली बार मुकुंदुपर के जंगल तक पहुंचा हाथियों का झुंड
रीवा। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ से हाथियों का झुंड सिंगरौली से संजय टाइगर रिजर्व डुबरी तक पहुंचते थे। हाथियों का कोरीडोर बना हुआ था। पिछले दिनों सिंगरौली में कई हाथियों की मौत के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था। इस मामले में कई अधिकारियों पर गाज भी गिरी थी। सीएम ने हाथियों की मौत के बाद टास्क फोर्स गठन का भी फैसला लिया है। हाथियों की सुरक्षा को लेकर प्रदेश सरकार कुछ ज्यादा की एक्टिव है। ऐसे में हाथियों का मूव्हमेंट कारीडोर को तोड़ रहा है। हाथी अपने रास्ते से भटक कर दूसरे क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं। एक दिन पहले एक हाथी का बच्चा भटकते हुए मुकुंदपुर पहुंच गया था। जहां करंट लगने से उसकी मौत हो गई। हाथी का बच्चा अकेले नहीं है। उसके साथ करीब दो दर्जन हाथियों का झुंड आया है। मुकुंदुपर के जंगल और गांव में हाथियों ने डेरा डाल लिया है। हाथियों के मूव्हमेंट की खबर लगते ही वन विभाग की नींद उड़ी हुई है। हाथियों के लोकेशन ट्रैस करने के साथ ही उनके मूव्हमेंट पर नजर रखी जा रही है। रात में मुकुंदुपर के गांवों की तरफ हाथियों के मूव्हमेंट की जानकारी लगते ही कई वन परिक्षेत्रों की टीम मौके पर पहुंची। इसमें मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर की टीम और एक्सपर्ट भी शामिल रहे। टीम ने लोकेशन ट्रेस करने के साथ ही हाथियों को गांव से दूर करने की कोशिश की। सूत्रोंं की मानें तो हाथियों के झुंड में वयस्क के साथ ही बच्चे भी हैं। इनकी संख्या 20 से भी अधिक है।
वापस ब्यौहारी की तरफ भेजने में जुटे हैं वनकर्मी
देर रात को पूरी टीम मुकुंदपुर में मौजूद रही। मुकुंदपुर, मझिगवां, मैहर, मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर की टीम ने मौके पर डेरा डाल लिया था। अंधेरो होने के कारण हाथियों को लोकेट करने में टीम को जरूर दिक्कतें आ रही थी लेकिन सभी वनकर्मी क्षेत्र में डटे रहे। हाथियों की टीम को मुकुंदपुर से वापस ब्यौहारी तरफ भेजने की कोशिश में टीम लगी हुई है। टीम का सबसे पहला टारगेट ग्रामीणों को हाथियों के हमले से सुरक्षित करना है।
पहली बार इस तरफ पहुंचा हाथियों का झुंड
ऐसा पहली बार हुआ है कि हाथियों का झुंड भटक कर मुकुंदपुर के जंगल की तरफ मूव्ह किया है। इसके पहले कभी भी हाथी रीवा और सतना के जंगल तक नहीं पहुंचे। उनका कोरीडोर फिक्स है। छत्तीसगढ़ से सिंगरौली और संजय टाइगर रिजर्व डुबरी तक ही इनकी सीमाएं थी लेकिन अब वह रास्ता भटक कर मुकुंदपुर तक पहुंच रहे हैं। हाथियों के मूव्हमेंट ने वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की टेंशन बढ़ा दी है। इसके अलावा ग्रामीण भी दहशत में आ गए हैं।
रीवा की सीमा के करीब पहुंचे
मुकुंदपुर में मूव्हमेंट के बाद रीवा के भी वन अधिकारी अलर्ट मोड पर आ गए हैं। मुकुंदपुर का जंगल रीवा से जुड़ा हुआ है। रीवा की तरफ भी हाथियों का झुंड बढ़ सकता है। गोविंदगढ़, बैसा, पढ़ोखर की तरफ भी इनका मूव्हमेंट हो सकता है। यही वजह है कि रीवा वन विभाग की टीम को भी अलर्ट कर दिया गया है।