ठेले से चल रही संजय गांधी अस्पताल में नौकरी लगाने की दुकान, सरगना पहुंचा तो पकड़ा गया

संजय गांधी अस्पताल में नौकरी लगाने के नाम पर एक सैलून संचालक ने बड़ा फर्जीवाड़ा किया। कॉलेज के लड़कों से रुपए लेकर उन्हें नियुक्ति दे दी। फर्जीवाड़ा पर पर्दा डालने के लिए रात में युवकों को लेकर अस्पताल पहुंचता था। नौकरी भी कराता था फिर घर भेज देता था। कुछ दिन बाद युवक कंपनी कार्यालय आईडी कार्ड मांगने पहुंचे तो खुलासा हुआ। फ्राड को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गया है। पुलिस मामले में पूछताछ कर रही है।

ठेले से चल रही संजय गांधी अस्पताल में नौकरी लगाने की दुकान, सरगना पहुंचा तो पकड़ा गया

कॉलेज के युवाओं को बनाया गया था निशाना, रुपए लेकर बांट रहे थे नौकरी
रात में युवकों को ले जाते थे अस्पताल और कराते थे ड्यूटी
रीवा। मिली जानकारी के अनुसार यह पूरा गिरोह अमहिया से ही संचालित हो रहा था। यहां कुछ युवकों ने संजय गांधी अस्पताल में नौकरी दिलाने के लिए गिरोह बना रखा था। कॉलेज के छात्र, छात्राओं को नौकरी दिलाने का झांसा दिया जाता था। इनके आवेदन और रुपए लिए जाते थे। इसके बाद सभी को चुपचाप संजय गांधी अस्पताल में लाकर नौकरी के नाम पर अलग अलग जगहों पर तैनात कर दिया जाता था। 7 से 8 घंटे तक उन्हें अस्पताल में ही तैनात किया जाता था। इसके बाद शिफ्ट चेंज होने का झांसा देकर दूसरे युवक, युवतियों को खड़ा कर दिया जाता था। इस पूरे फर्जीवाड़ा का खुलासा रात में सुरक्षाकर्मियों की पूछताछ में हुआ। ड्यूटी पर तैनात किए गए युवक आईकार्ड और कामकाज की जानकारी लेने सुरक्षाकर्मियों के पास पहुंच गए। तब इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। इसकी जानकारी कंपनी के अधिकारियेां को दी गई। तब कंपनी ने जाल बिछाया और मुख्य सरगना को पकडऩे के लिए युवकों से उसे अस्पताल बुलवाया गया। जैसे ही सरगना अस्पताल पहुंचा। सुरक्षाकर्मियों ने उसे धरदबोचा और पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस मामले में पूछताछ कर रही है। पकड़ा गया युवक अपना नाम सुभाष सेन बता रहा है। उसकी अमहिया मार्ग में सैलून की दुकान है।
एक दर्जन युवक, युवतियों को दे दी फर्जी नियुक्ति
संजय गांधी अस्पताल में नौकरी दिलाने का झांसा देकर कई कॉलेज के छात्र छात्राओं से फ्राड किया गया। इसमें साइंस कॉलेज, टीआरएस और जीडीसी के छात्र छात्राएं शामिल हैं। इसमें एक गिरोह काम करता है। एक ठेला वाला भी शामिल हैं। इसके अलावा अमित नाम का युवक भी इसमें सुपर वाइजर की भूमिका निभा रहा है। युवकों ने बताया कि नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे रुपए भी वसूले गए हैं। 15 हजार रुपए प्रति महीना में नौकरी दिलाने का झांसा दिया गया था।