आरएसएस प्रमुख के एक बयान ने मचा दिया है हड़कंप, मणिपुर को लेकर जानिए क्या कह गए डॉ मोहन भागवत

मणिपुर हिंसा को लेकर अब तक विपक्ष ही सरकार पर निशाना साधते आई है। लेकिन इस मर्तबा आरएसएस प्रमुख डॉ मोहन भागवत ने भी मणिपुर में जारी हिंसा पर चिंता जताई है। उन्होंने नागपुर में आयोजित विकास वर्ग के समापन समारोह में मणिपुर मुद्दे पर कहा कि वहां के लोग एक साल से शांति की राह देख रहा है।

आरएसएस प्रमुख के एक बयान ने मचा दिया है हड़कंप, मणिपुर को लेकर जानिए क्या कह गए डॉ मोहन भागवत

नागपुर में आयोजित कार्यकर्ता विकास वर्ग के समापन समारोह में कहा मणिपुर शांति की राह देख रहा है
नागपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने मणिपुर में जारी हिंसा पर चिंता जताई। नागपुर में सोमवार को आयोजित कार्यकर्ता विकास वर्ग के समापन समारोह में भागवत ने मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि मणिपुर बीते एक साल से शांति की राह देख रहा है। बीते 10 साल से राज्य में शांति थी, लेकिन अचानक से वहां गन कल्चर बढ़ गया। जरूरी है कि यहां की समस्या को प्राथमिकता से सुलझाया जाए। चुनाव लोकतंत्र में हर पांच साल में होने वाली घटना है। हम अपना कर्तव्य करते रहते हैं। लोकमत हर चुनाव में करते हैं और इस बार भी किया है। चुनाव सहमति बनाने की प्रक्रिया है। संसद में किसी भी प्रश्न के दोनों पहलू सामने चुनाव ऐसी व्यवस्था हैं। चुनाव प्रचार में जिस प्रकार एक दूसरे को नीचा दिखाना, तकनीकी का दुरुपयोग, असत्य प्रसारित किया जाता है ये ठीक नहीं है। प्रतिपक्ष को विरोधी नहीं कहना चाहिए। हमें चुनाव की बातों से हटकर देश की समस्याओं पर विचार करना होगा।
 हमारी संस्कृति में कोई समस्या नहीं, बस हम ही हैं, इस मानसिकता से हटना होगा
अभी चुनाव संपन्न हुए। उसके परिणाम भी आए। कल सरकार भी बन गई। सब हो गया, लेकिन उसकी चर्चा अभी तक चल रही है। जो हुआ वह क्यों हुआ, कैसे हुआ, क्या हुआ? यह अपने देश के प्रजातांत्रिक तंत्र में प्रति 5 साल में होने वाली घटना है। चुनाव के अपने नियम हैं। समाज ने अपना मत दे दिया, उसके अनुसार सब होगा। क्यों, कैसे, क्या हुआ इस चर्चा में नहीं पड़ते हैं। बाहरी विचारधाराओं के साथ समस्या यह है कि वे खुद को सही होने का एकमात्र संरक्षक मानते हैं। भारत में जो धर्म और विचार आए, उनके भी कुछ लोग अलग-अलग कारणों से अनुयायी बन गए, लेकिन हमारी संस्कृति में इससे कोई समस्या नहीं है।
हमें बस इस मानसिकता से छुटकारा पाना चाहिए कि सिर्फ हम ही सही हैं। बाकी लोग सही नहीं हो सकते।