सफेद बाघ लाने पहुंचा बांधवगढ़ से बाहन, जाने की थी तैयारी लेकिन इस वजह से खिसक गया मामला

ग्वालियर से सफेद बाघ लाने के लिए बांधवगढ़ से गाड़ी पहुंच गई है। अब सिर्फ डॉक्टर के अवकाश के से लौटने का इंतजार है। इसके बाद सांभर लेकर सड़क मार्ग से टीम रवाना हो जाएगी। डॉक्टर के अवकाश पर जाने के कारण ग्वालियर जाना कुछ दिनों के लिए आगे खिसक गया है। सांभर लेकर टीम 433 किमी का सफर करेगी।

सफेद बाघ लाने पहुंचा बांधवगढ़ से बाहन, जाने की थी तैयारी लेकिन इस वजह से खिसक गया मामला
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433 किमी का सफर तय करेगी टीम
सांभर लेकर जाएगी और सफेद बाघ लेकर आएगी
रीवा। सफेद बाघ को लाने की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। बांधवगढ़ से वाहन भी आ गया है। जू से दो सांभर लेकर 433 किमी का सफर कर टीम ग्वालियर जाएगी। फिर वहां से सफेद बाघ लेकर आएगी।
ज्ञात हो कि मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर मुकुंदुपर को लंबे इंतजार और तलाश के बाद सफेद बाघ मिलने जा रहा है। ग्वालियर चिडिय़ाघर ने सफेद बाघ देने की सहमति दे दी है। हालांकि इसके बदले एक जोड़ा सांभर की मांग की है। चिडिय़ाघर प्रबंधन ग्वालियर जाने की तैयारियां कर चुका है। रूट चार्ज आदि तैयार कर लिया गया है। टीम का भी चयन कर लिया गया है। अब सिर्फ यहां से कूच करने की तैयारी है। सांभर को लेकर जाने वाला वाहन भी बांधवगढ़ से मुकुंदपुर पहुंच गया है। अब सिर्फ डॉक्टर के छुट्टी से आने का इंतजार है। डॉक्टर के चिडिय़ाघर पहुंचते ही टीम भी ग्वालियर रवाना हो जाएगी।
40 से स्पीड से जाएंगे और 20 की स्पीड से आएंगे
विभागीय सूत्रों मानें तो दो सांभर को लेकर मुकुंदपुर चिडिय़ाघर की टीम ग्वालियर जाएगी। सांभर को लेकर टीम 40 की स्पीड से ग्वालियर के लिए जाएगी। सांभरों की जांच बीच बीच में जांच भी की जाएगी। ग्वालियर में सांभर को चिडिय़ाघर को हैंडओव्हर किया जाएगा। इसके बाद वहां से टीम सफेद बाघ को लेकर वापस लौटेगी। हालांकि आते समय सफेद बाघ की गाड़ी की स्पीड 20 से 40 किमी प्रति घंटे की रहेगी। सफेद बाघ को लाने में भी ज्यादा ध्यान रखा जाएगा। डॉक्टरों की टीम सफेद बाघ का जगह जगह पर स्वास्थ्य का परीक्षण भी करेगी।
जाने और आने में दो दिन लग जाएंगे
मुकुंदपुर से सांभर को लेकर जाने और फिर सफेद बाघ को ग्वालियर से लेकर आने में टीम को दो दिन लग जाएंगे। मुकुंदपुर से सांभर को लेकर टीम इसी हफ्ते कभी भी रवाना हो सकती है। एक दिन जाने और फिर सफेद बाघ को लेकर आने में एक दिन लगेंगे। हालांकि अभी यह भी तय नहीं है कि सफेद बाघ कौन सा मिल रहा है। अंदेशा है कि कुछ समय पहले कम उम्र के एक सफेद बाघ को ग्वालियर चिडिय़ाघर मुकुंदपुर को देने वाला था। शायद वही बाघ अब फिर से मुकुंदपुर चिडिय़ाघर को देने की योजना है।
ट्रांसफर होकर आए डॉक्टर और चले गए छुट्टी पर
मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर के रेस्क्यू सेंटर में नए डॉक्टर की पदस्थापना हुई है। पहले डॉ राजेश सिंह तोमर पदस्थ थे। उनका स्थानांतरण बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व हो गया है। उनकी जगह पर डॅा नितिन गुप्ता पदस्थ किए गए हैं। वह यहां आने के बाद अवकाश पर चले गए हैं। अब उनके लौटने के बाद ही चिडिय़ाघर की टीम यहां से रवाना होगी। इसमें एक सप्ताह का समय लग सकता है।