भगवान राम से मिलने की धुन में नागपुर से पैदल ही नंगे पर निकल पड़ा युवक, इतने दिन रीवा पहुंचने में लगे जानकर हैरान रह जाएंगे
भगवान राम से मिलने की एक युवक में ऐसी धुन सवार हुई कि वह नागपुर से पैदल ही निकल पड़ा। 16 दिन में 500 किमी का सफर तय कर मंगलवार को रीवा पहुंचा। पैरों में चप्पल नहीं थी। पीठ में सिर्फ एक बैग और उसमें राम भगवान की झंडी लगी हुई थी। युवक ने कहा कि सफर में कहीं भी दिक्कत नहीं हुई। जो मिला वही खा लिया, जहां जगह मिली वहीं सो गया। सफर में ऐसा लगा जैसे खुद भगवान राम उनके साथ हैं। 10 दिनों में अयोध्या पहुंचने का लक्ष्य लेकर युवक आगे बढ़ गया।
16 दिन में 500 किमी का सफर तय कर मंगलवार को रीवा पहुंचा।
Rewa.ज्ञात हो कि कई साल इंतजार के बाद अब वह दिन करीब आ गया है जिसे पूरी दुनियों को इंतजार है। अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। भगवान रामलला के मंदिर निर्माण और उनकी प्राण प्रतिष्ठा ने एक युवक को इस कदर भावुक किया कि वह पैदल ही नागपुर से दर्शन के लिए चल पढ़ा। युवक का नाम राम वर्मा है। वह भगवान राम के दर्शन करने सारे काम छोड़कर पैदल ही चल पड़ा है। जब से युवक को पता चला कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। तभी से उनके अंदर राम से मिलने की धुन सवार हो गई। काम से छुट्टी ली। घर में माता पिता से आशीर्वाद लिया और पैदल ही अयोध्या के लिए निकल पड़ा। राम वर्मा ने 1 जनवरी को अयोध्या के लिए सफर तय करना शुरू किया था। 16 दिनों से वह पैदल ही चल रहा है। मंगलवार को वह रीवा पहुंचे। इसके बाद यहां से आगे के लिए बढ़ गए। उनके चेहरे में कहीं भी थकान नहीं थी। सिर्फ एक ही धुन अयोध्या पहुंचने की सवार थी। 10 दिनों का लक्ष्य तय कर राम वर्मा आगे बढ़ गए।
800 किमी का है सफर
राम वर्मा ने बताया कि नागपुर से अयोध्या की दूरी 800 किमी है। सारी चीजें तय करने के बाद ही वह घर से निकले हैं। किसी ने उन्हें ऐसा करने से नहीं रोका। घर वालों का भी साथ मिला। दोस्तों ने भी प्रोत्साहित किया। इसके बाद ही यह निर्णय लिया। अब तक का सफर बिना कष्ट के पूरा हुआ है। आगे भी भगवान राम ही पार लगाएंगे।
स्टील फैक्ट्री में काम करता है युवक
नागपुर से अयोध्या के लिए निकले युवक ने बताया कि वह स्टील फैक्ट्री में काम करता है। फैक्ट्री से अवकाश लेकर ही वह निकले हैं। 16 दिनों में 500 किमी का सफर तय कर लिए हैं। 300 किमी और शेष रह गया है। व भी 10 दिन में पूरा कर लेंगे।
नंगे पैर ही निकल पड़े, ज्यादा सामान भी नहीं था
युवक के पास सिर्फ एक पि_ू बैग के अलावा कुछ भी साथ में नहीं था। बैग में राम झंडी लगी हुई थी। पैरों में चप्पल भी नहीं थी। वह पैदल इसी तरह से निकले थे। उन्हें नंगे पैर चलने में कहीं भी दिक्कत नहंी हुई। राम वर्मा ने बताया कि रात होने पर जहां जगह मिलती थी। वहीं सो जाते थे। ढाबा और मंदिरों में सो कर रात गुजारी है। जहां भोजन मिला वहीं पर खा लिए। इसी तरह से उनका सफर आगे बढ़ता गया।
ऐसा लग रहा जैसे भगवान उनके साथ चल रहे हों
राम वर्मा ने बताया कि उन्हें 500 किमी का सफर तय करने में तनिक भी थमान नहीं लगी। उन्हें ऐसा लगा जैसे भगवान राम उनके साथ चल रहे हों। जैसे यहां तक भगवान राम ने पहुंचाया है। वैसे ही अयोध्या तक भी पहुंचाएंगे।