मऊगंज महाविद्यालय के प्राचार्य पर गिरेगी गाज, कलेक्टर ने कमिश्नर को लिखा पत्र
मऊगंज जिला स्थित शासकीय केदारनाथ महाविद्यालय प्रबंधन की लापरवाही से विधि संकाय की मान्यता पर संकट खड़ा हो गया है। कलेक्टर ने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ जांच कराने के लिए कमिश्नर रीवा संभाग रीवा को पत्र लिखा है। टीम गठित कराकर जांच कराने की बात पत्र में की गई है।
शहीद केदारनाथ महाविद्यालय में विधि संकाय की मान्यता का मामला
रीवा। ज्ञात हो कि शहीद केदारनाथ महाविद्यालय मऊगंज में संचालित विधि संकाय को बीसीआई की मान्यता नहीं मिली है। इस साल छात्रों को नए शिक्षण सत्र में प्रवेश भी नहीं दिया जा रहा है। इसे लेकर छात्रों ने कलेक्टर मऊगंज अजय श्रीवास्तव से मुलाकात की थी। कई दिनों तक यहां प्रदर्शन भी चला था। कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर उचित कार्रवाई की मांग की गई थी। इस मामले में कलेक्टर मऊगंज ने कमिश्नर रीवा संभाग रीवा को पत्र लिखा है। उन्होंने कमिश्नर रीवा संभाग रीवा से पत्र में कहा है कि विधि संकाय के विद्यार्थियों ने 24 मई 2024 को विभिन्न समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन किया था। ज्ञापन भी सौंपा था। ज्ञापन के माध्यम से कहा गया था कि महाविद्यालय में संचालित विधि संकाय को बीसीआई से मान्यता प्राप्त नहीं है। बिना मान्यता के ही इसका संचालन किया जा रहा है। विगत अनेकों वर्षों से बिना बीसीआई की मान्यता के ही इस संकाय में प्रवेश दिया गया। इस वर्ष 2024-25 में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। विधि संकाय संचालन के लिए बीसीआई द्वारा निर्धारित विभिन्न मापदंडों का पालन महाविद्यालय प्रशासन ने नहीं किया। विधि संकाय की फीस आदि का प्रथक से बैंक खाता में संधारण भी नहीं किया जा रहा है जो बीसीआई के निर्देशानों के अनुसार नहीं है। बीसीआई की मान्यता के अभाव में इस महाविद्यालय से पास हुए विद्यार्थियों का बार काउंसलिंग जबलपुर से रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा रहा है। कलेक्टर ने पत्र में कहा है कि महाविद्यालय के प्राचार्य से चर्चा करने पर कोई भी तत्थ्यात्मक और संतोषजनक जानकारी उपलब्ध नहीं करा पाए। शासकीय केदारनाथ महाविद्यालय मऊगंज के विद्यार्थियों में इस बात को लेकर असंतोष व्याप्त है। उन्होंने इस लापरवाही के लिए संबंधित व्यक्ति की जिम्मेदारी तय करने एक कमेटी अतिरिक्त संचालक रीवा संभाग रीवा की अध्यक्षता में बनाने की बात कही है। टीम गठित कर मामले की जांच कराने की मांग की है। कलेक्टर के इस पत्र से हड़कंप मच गया है।