मेडिकल कॉलेज में भर्ती घोटाला, जिसे बनाया मेडिकल रिकार्ड आफीसर उसके दस्तावेज ही फर्जी!

मेडिकल कॉलेज में हुए भर्ती घोटाला में फिर नया मामला सामने आया है। एक अभ्यर्थी ने ही चयनित उम्मीदवार के दस्तावेजों को चैलेेंज कर दिया है। चयनित कंडीडेट ने जो दस्तावेज लगाकर नौकरी पाई है, वह फर्जी बताया जा रहा है। एक ही समय में तीन जगहों पर नियमित रूप से मौजूद रहकर सॢटफिकेट अर्जित किए। यह सवाल पूरी प्रक्रिया को ही कटघरे में खड़ा कर रहा है।

मेडिकल कॉलेज में भर्ती घोटाला, जिसे बनाया मेडिकल रिकार्ड आफीसर उसके दस्तावेज ही फर्जी!
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मेडिकल रिकार्ड आफीसर की नियुक्ति में पात्र को अपात्र और पात्र को वेटिंग लिस्ट में डाला था
फिर दोनों ही कंडीेडेट को जारी कर दिया गया ज्वाइनिंग लेटर
रीवा। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में मेडिकल रिकार्ड आफीसर के पद पर की गई नियुक्ति को लेकर फिर नया मोड आ गया है। एक अभ्यर्थी ने डीन को लिखित शिकायत कर चयनित अभ्यर्थियों के रिकार्ड पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी आहरित करने का आरोप लगाया गया है। साथ ही एक अभ्यर्थी को शैक्षणिक योग्यता में अपात्र होने पर ही नियुक्त किए जाने का आरोप लगाया गया है। डीन से दोनों ही चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति निरस्त करने की मांग की गई है।
 ज्ञात हो कि श्याम शाह मेडिकल कॉलेज ने वर्ष 2023 में मेडिकल रिकार्ड आफीसर के पद के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसमें कंडीडेट से आवेदन मांगे गए थे। कई उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। योग्यता के आधार पर तत्कालीन डीन डॉ मनोज इंदूरकर के समय पर आवेदनों की स्क्रूटनी के बाद पात्र अपात्र की सूची फरवरी 2024 में जारी की गई थी। मेडिकल कॉलेज से जारी लिस्ट में सिर्फ एक उम्मीदवार ही पद के लिए योग्य पाया गया था। लिस्ट जारी होने के बाद भी पात्र कंडीडेट को ज्वाइनिंग  आदेश जारी नहीं किया गया। आठ महीेने बाद 16 दिसंबर को नई स्क्रीनिंग कमेटी गठित की गई। मेडिकल रिकार्ड आफीसर के लिए आए आवेदनों की फिर से जांच कराई गई। इसके लिए डीन ने कमेटी का भी गठन किया। डीन ने पांच लोगों की कमेटी गठित की। फिर स्क्रूटनी और नए सिरे से चयन कार्यवाही किए जाने के बाद 20 दिसंबर को नई लिस्ट जारी कर दी गई। इसमें जो कंडीडेट अपात्र था। उसे पात्र और जो पात्र था उसे वेटिंग लिस्ट में डाल दिया गया। इसके बाद विजय शर्मा को संजय गांधी अस्पताल तो दूसरे कंडीडेट निशांत यादव को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में पदस्थ कर दिया गया है। दोनों कंडीडेट का नियुक्ति आदेश भी जारी कर दिया गया है। अब इसमें फिर से नया मोड आ गया है। मेडिकल रिकार्ड आफीसर के पद के लिए आवेदन करने वाले मऊगंज निवासी संयज दुबे ने डीन को अभ्यावेदन सौंपा है। इसमें दोनेां ही कंडीडेट की नियुक्ति पर सवाल खड़े करते हुए विजय शर्मा के रिकार्ड पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। संजय दुबे ने दोनों ही नियुक्तियों को निरस्त करने की मांग की है।
विजय शर्मा के रिकार्ड पर उठाए हैं सवाल
संजय दुबे ने लिखित शिकायत दर्ज की है। शिकायत में कहा है कि विजय शर्मा द्वारा ऑल इंडिया काउंसिल फॉर वोकेशनल एंड पैरामेडिकल साइंस नामक संस्था से सॢटफिकेट इन मेडिकल रिकार्ड टेक्नीशियन नाम डिप्लोमा उत्तीर्ण होने की जानकारी उपलब्ध कराई है। श्री शर्मा द्वारा मार्कशीट का अवलोकन करने पर इस बात की पुष्टि हुई कि वर्ष जून 2019 से वर्ष 2020 तक ऑल इंडिया काउंसिल पुॉर वोकेशनल एंड पैरामेडिकल साइंस नाम संस्था में नियमित रूप से अध्ययन किया गया है। शिकायत में कहा गया है कि श्री शर्मा द्वारा प्रस्तुत मार्कशीरट से एवं डिप्लोमा से इस बात की पुष्टि नहीं होती है कि श्री शर्मा नियमित अथवा दूरस्थ शिक्षा से आवश्यक डिप्लोमा पूर्ण किए हैं। सूचना के अधिकार से प्राप्त दस्तावेजों का हवाला देते हुए श्री दुबे ने कहा है कि सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला चिकित्सालय आगर मालवा में इस बात का उल्लेख है कि पीएम जन आरोग्य योजना में विजय शर्मा पिता रमेशचन्द्र शर्मा जिला चिकित्सालय में आयुष्मान मित्र के पद पर अपनी सेवाएं विडाल हेल्थ इंस्योरेंस कंपनी के माध्यम से 1 अगस्त 2019 से 22 दिसंबर 2021 तक दिए हैं। विजय शर्मा जून 2019 से जून 2020 तक सर्टिफिकेट इन मेडिकल रिकार्ड टेक्नीशियन का कोर्स कर रहे थे। ठीक उसी समय 1 अगस्त 2019 से दिनांक 22 दिसंबर 2021 तक जिला चिकित्सालय आगर मालवा में आयुष्मान मित्र के पद पर किस प्रकार उपस्थित हो सकते हैं यह जांच का विषय है।
एक ही समय में तीन जगह मौजूद रहे
शिकायत में श्री दुबे ने कहा है कि विजय शर्मा ने जो रिकार्ड प्रस्तुत किए हैं। उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि श्री शर्मा एक ही समय पर चिकित्सा महाविद्यालय शिवपुरी, जिला चिकित्सालय आगर मालवा एवं ऑल इंडिया काउंसिल फॉर वोकेशनल लैंड पैरामेडिकल साइंस नाम संस्था हिसार हरियाणा में भी मौजूद रहे। एक साथ ही तीन जगह नियमित रूप से उपस्थित होना किसी के लिए भी संभव नहीं है।
निशांत यादव को पहले अपात्र फिर पात्र किया गया
इसेक अलावा निशांत यादव के पात्र किए जाने को लेकर भी शिकायत की गई है। शिकायत में कहा गया है कि सुपर स्पेशलिटी की लिस्ट में निशांत यादव का नाम छठवें स्थान पर था। दूसरी सूची में निशांत यादव का स्थान पांचवे नंबर पर था। निशांत यादव को दोनों लिस्ट में मूल दस्तावेजों के परीक्षण उपरांत अपात्र घोषित किया गया था। इसके बाद 20 दिसंबर 2024 के माध्यम से अपात्र अभ्यर्थी को पात्र कर मेरिट सूचीे में प्रथम स्थान दिया गया। निशांत यादव पहले अनिवार्य शैक्षणिक अहर्रता के कारण अपात्र किए गए थे। अचानक उन्हें पात्र कर दिया गया। व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने की बात पत्र में कही गई है।