24 घंटे बाद मऊगंज विधायक का ड्रामा खत्म, रात भर मानते रहे नहीं मानें जब यह अधिकारी पहुंचे तो मान गए

मऊगंज विधायक प्रदीप सिंह पटेल ने गुरु वार की दोपहर संयुक्त आयुक्त सहकारिता कार्यालय में धरना दे दिया। रातभर धरने पर डटे रहे। दूसरे दिन शुक्रवार का जब मऊगंज और रीवा कलेक्टर मौके पर पहुंचे तब विधायक मानें। 24 घंटे मऊगंज विधायक का ड्रामा चला। सिर्फ आश्वासन पर ही यह ड्रामा शांत हुआ। पहले विभाग के अधिकारी आश्वासन दे रहे थे तो नहीं मानें फिर कलेक्टर पहुंचे तो मान गए।

24 घंटे बाद मऊगंज विधायक का ड्रामा खत्म, रात भर मानते रहे नहीं मानें जब यह अधिकारी पहुंचे तो मान गए

सहकारी बैंक से अमानतदारों की राशि का भुगतान नहीं होने से थे नाराज
गुरुवार की दोपहर धरना दिए फिर शुक्रवार की दोपहर 12 बजे ही उठे
रीवा। पूरा मामला सहकारी समितियों द्वारा संचालित बैंक में जमा अमानदारों की राशि से जुड़ा हुआ है। लोगों ने पांच सहकारी समितियों में राशि जमा की थी। अब जब लोगों को यह राशि चाहिए तो सहकारी समितियां देने में आनाकानी करने लगी। अमानदारों ने परेशान होकर इसकी शिकायत कलेक्टर मऊगंज से की। मऊगंज कलेक्टर ने तुरंत मामले की गंभीरता को समझते हुए आयुक्त सहकारिता को पत्र लिखा। इसमें आयुक्त ने तीन सदस्यीय कमेटी बैठा दी। जांच जारी थी। इसी बीत कई लोग मऊगंज विधायक प्रदीप सिंह पटेल के पास पहुंच गए। मऊगंज विधायक को शायद इसी पल का इंतजार ही था। वह गुरुवार को दोपहर 12 बजे सीधे संयुक्त आयुक्त सहकारिता कार्यालय पहुंच गए और कार्यालय में ही धरना दे दिए। रीवा से लेकर भोपाल तक हड़कंप मच गया। आयुक्त सहकारिता से लेकर रीवा में पदस्थ सहकारी केन्द्रीय बैंक के महाप्रबंधक, संयुक्त आयुक्त सहकारिता सहित अन्य अधिकारी मऊगंूज विधायक को मनाने में लगे रहे। देर रात तक मानमनौव्वल चला लेकिन वह नहीं मानें। तुरंत भुगतान किए जाने पर अड़े रहे। रातभर कार्यालय में ही काटी और धरने पर समर्थकों के साथ डटे रहे। दूसरे दिन शुक्रवार को हल्ला मचा। मऊगंज विधायक को मनाने मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव और रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल मौके पर पहुंचे। दोनों ने विधायक को आश्वासन दिया। जल्द से जल्द जमानदारों की राशि के भुगतान किए जाने का आश्वासन दिया। इसके बाद ही मऊगंज विधायक धरना से उठे और वापस लौटे। मऊगंज विधायक की जिद के कारण सहकारिता विभाग के अधिकारियेंा के होश उड़े हुए थे।
यह है पूरा मामला
मऊगंज जिला की 5 सेवा सहकारी समितियों ने अमानदारों से एफडी और बचत बैंक खाते में राशि जमा कराई गई थी। गौरी, हर्दी, हटवा, पटेहरा देवरा और टटिहरा में राशि जमा कराई गई थी। बचत खाते में 2732 अमानतदारों के 5.34 करोड़ की राशि जमा की गई थी। समितियों के पास अब चुकानें के लिए राशि ही नहीं है। 50 हजार से कम वाले 2680 अमानदार हैं। इन्हें भुगतान के लिए 2.18 करेाड़ चाहिए। इसी तरह 50 हजार से अधिक के 675 अमानदार हैं। इनका 8.44 करोड़ रुपए बकाया है।
तीन सदस्यीय कमेटी कर रही जांच
कलेक्टर मऊगंज के पास यह मामला पहुंचा था। मऊगंज कलेक्टर ने आयुक्त सहकारिता को पत्र लिखा था। आयुक्त ने इस मामले में संयुक्त आयुक्त सहकारिता रीवा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम का गठन कर दिया था। कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। फिलहा जांच चल रही है। इसके पहले ही मऊगंज विधायक ने बवाल कर दिया।