इस आदेश के बाद ऐसे चिकित्सा शिक्षकों की भी आस जगी जो पहले कॉलेज छोड़ चुके हैं

मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा शिक्षकों को बड़ी राहत, शासन ने कर दिए सारे नियम शिथिल जानिए ऐसा क्यों हुआ स्वशासी मेडिकल कॉलेजों में पदस्थ चिकित्सा शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। जिन्होंने अब तक नवीन कॉलेजों में ज्वाइनिंग नहीं की है। उन्हें अब एक महीने का वेतन भी जमा नहीं करना होगा। एक महीने सेवाएं भी नहीं देनी होगी। इन सभी शर्तों से उन्हें मुक्त कर दिया गया है। अब सीधे नवीन कॉलेज में ज्वाइनिंग का फरमान जारी हो गया है। सारी सेवा शर्तों को शिथिल कर दिया गया है।

इस आदेश के बाद ऐसे चिकित्सा शिक्षकों की भी आस जगी जो पहले कॉलेज छोड़ चुके हैं
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स्वशासी मेडिकल कॉलेजों में पदस्थ चिकित्सा शिक्षकों के लिए हुआ आदेश
नवीन शासकीय मेडिकल कॉलेज में नियुक्ति के बाद भी ज्वाइन नहीं कर पा रहे थे
रीवा। ज्ञात हो कि स्वशासी मेडिकल कॉलेज में पदस्थ चिकित्सा शिक्षकों को यदि नौकरी छोडऩी है तो इसके पहले उन्हें चिकित्सा शिक्षा विभाग के नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है। इस नियम के तहत पहले सूचना देनी होती है। इसके साथ ही एक महीने तक सेवाएं देने के साथ ही महीने भर का वेतन भी जमा करना होता है। एनओसी मिलने के बाद ही नौकरी छोड़ कर कहीं दूसरी जगह ज्वाइन कर सकते हैं। इस नियम से फिलहाल उन चिकित्सा शिक्षकों को राहत मिल गई है जिन्होंने अब तक नवीन मेडिकल कॉलेजों में नियुक्ति के बाद भी ज्वाइनिंग नहीं की थी। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी किया है। यह आदेश सचिव लोक स्वास्थ्य एंव चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जारी किया है। इस आदेश में साफ शब्दों में कहा गया है कि नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों में चिकित्सा शिक्षकों की नियुक्ति आदेश 21 मई 2024 को जारी किया गया। विभाग के संज्ञान में यह आया है कि नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में नियुक्त चिकित्सा शिक्षकों में से कुछ शिक्षक वर्तमान में विभाग के अधीन स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में पदस्थहैं। नियुक्ति आदेश में उल्लेखित शर्त के अनुसार सभी चिकित्सा शिक्षकों को 7 दिन की समयावधि में संचालनालय चिकित्सा शिक्षा भोपाल में कार्यभार ग्रहण करना अनिवार्य है। वर्तमान में स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय में कार्यरत ऐसे चिकित्सा शिक्षक जिनकी नियुक्ति नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में हुई है। उनके त्याग पत्र स्वीकृति के लिए स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा लागू सभी शर्तों से शिथिलीकरण करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से भारमुक्त किए जाने का आदेश किया जाता है।
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मान्यता पर मंडरा रहा है संकट, नवीन प्रवेश भी होने हैं
मप्र  में कई नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। एनएमसी से मान्यता के लिए आवेदन किया गया है। इसमें डॉक्टरों की उपलब्धता तो दिखा दी गई है लेकिन चिकित्सा शिक्षक ज्वाइन नहीं कर पा रहे थे। इन सभी चिकित्सा शिक्षकों को नियम और शर्तों से फिलहाल मुक्त कर दिया गया है। नीट परीक्षा के बाद अब कॉलेज में छात्रों के प्रवेश भी शुरू हो जाएंगे। यही वजह है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग जल्द से जल्द डॉक्टरों की ज्वाइनिंग में लगी हुई है।