फिर कांग्रेस काल की आई याद, जूनियर को बना दिया जिला शिक्षा अधिकारी

रीवा का शिक्षा विभाग यूं ही बदनाम नहीं रहा। यहां नेताओं ने पूरी शिक्षा व्यवस्था को ही चौपट कर दिया है। जिला शिक्षा अधिकारी की कुर्सी पर जूनियर की पदस्थापना कर कांग्रेस काल की याद दिला दी गई है। कांग्रेस कॉल में हेडमास्टर को डीईओ बनाया गया था। अब वहीं परंपरा भाजपा सरकार में शुरू हो गई है। सहायक संचालक और सीनियर प्राचार्य इंतजार में ही रह गए और जूनियर प्रभारी प्राचार्य को डीईओ की कुर्सी मिल गई। हद तो यह है कि इसमें भी अदला बदली हुई है।

फिर कांग्रेस काल की आई याद, जूनियर को बना दिया जिला शिक्षा अधिकारी

दो अधिकारियों के बीच बदल गई डीईओ की कुर्सी, गंगा हटे तो सुदामा डट गए
रीवा। जिला शिक्षा अधिकारी की कुर्सी में अदला बदली कर दी गई है। सुदामा लाल गुप्ता कोई डाइट से हटाकर जिला शिक्षा अधिकारी बना दिया गया है। वहीं गंगा प्रसाद उपाध्याय को उनकी कुर्सी पर बैठा दिया गया है। अब जीपी उपाध्याय डाइट सम्हालेंगे।  उप संचिव मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है। इस आदेश में गंगा प्रसाद उपाध्याय प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी की नवीन पदस्थापना प्रभारी प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान जिला रीवा के रूप में की गई है। वहीं सुदामा लाल गुप्ता उच्च पद प्रभारी प्राचार्य उमावि को प्रभारी प्राचार्य डाइट से प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर पदस्थ कर दिया गया है। यह जितना सुनने में अटपटा लग रहा है। उतरा ही वास्तविकता भी है। सुदामा लाल गुप्ता रीवा 10 प्लस टू प्राचार्यों में जूनियर हैं। इसके अलावा रीवा में उप संचालक भी पदस्थ हैं। इसके बाद भी रीवा में सब को दरकिनार कर सुदामा लाल गुप्ता 10+2 प्रभारी प्राचार्य को जिला शिक्षा अधिकारी बना दिया गया। अब इनके अंडर में ही सीनियर प्राचार्यों को काम करना होगा।
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डीईओ की कुर्सी पर कोई भी बैठ जाता है
रीवा जिला में शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर दिया गया है। कांग्रेस कार्यकाल में जिला शिक्षा अधिकारी की कुर्सी पर एक हेडमास्टर को पदस्थ कर दिया गया था। हेडमास्टर को सीधे डीईओ बना दिया गया था। तब कांग्रेस के विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी की तूती बोलती थी। अब भाजपा राज है। यहां भी हालात अब कांग्रेस के जैसी ही हो गई है। जूनियर को ही डीईओ की कुर्सी पर पदस्थ कर दिया गया है। सारे सीनियर प्राचार्य दरकिनार कर दिए गए। प्रभारी 10+2 प्राचार्य सुदामा लाल गुप्ता को डीईओ बना दिया गया है।
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सिर्फ नाम के हैं सुदामा, जुगाड़ में सब को फेल कर दिए
सुदामा लाल गुप्ता की राजनीतिक पकड़ अच्छी बताई जाती है। यही वजह है कि यह कई पदों पर विराजमान रहे। सीधी में जिला पंचायत में परियोजना अधिकारी भी रहे। इसके बाद बहेरा डाबर हाई स्कूल में प्राचार्य पद पर पदस्थ रहे। हनुमना और रीवा में बीआरसी भी रहे। इसके बाद डीपीसी भी रीवा में बनाए गए। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ रहे। यहां से हटे तो सीधे डाइट की कुर्सी पर जा बैठे। अब यहां से हटे तो डीईओ की कुर्सी पर ही कब्जा जमा लिया। इनके पदों पर कब्जे से ही राजनीतिक पहुंच का भी अंदाजा लगाया जा सकता है।
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डीईओ रहते कई आरोपों में घिरे रहे
गंगा प्रसाद उपाध्याय भी विवादों में ही रहे। मार्तण्ड स्कूल क्रमांक 1 में प्राचार्य की कुर्सी पर पदस्थ रहे तब भी वह अनियमितता में मामले में फंस गए। महंगी दर पर सीमेंट की खरीदी और भुगतान में जांच खड़ी हो गई। अभी भी मामला जिला पंचायत में पेडिंग है। जिला शिक्षा अधिकारी की कुर्सी पर बैठे तो अनुदान घोटाले में हाथ फंस गए। सिविल लाइन थाना में एफआईआर के लिए जेडी ने आवेदन दिया हुआ है। इनका भी नाम शामिल हैं।