कृषि विभाग के अधिकारी खा गए वर्मी कम्पोस्ट खाद, योजना की निकाल दी आत्मा, 3 करोड़ से ज्यादा का किया फर्जीवाड़ा, 7 पर ईओडब्लू ने दर्ज किया मामला

कृषि विभाग के अधिकारी और कंपनी ने मिलकर सरकार की योजना में करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया। योजना की आत्मा निकाल डाली। करीब 3 करोड़ का फर्जीवाड़ा किया। किसानों को वितरित करने वाले उपकरण और वर्मीकम्पोस्ट खाद तक खा गए। दिल्ली की कंपनी को तय राशि से अधिक का भुगतान भी किया। शिकायत के बाद ईओडब्लू ने जांच की। जांच में दोषी पाए गए उप संचालक सहित 7 के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।

कृषि विभाग के अधिकारी खा गए वर्मी कम्पोस्ट खाद, योजना की निकाल दी आत्मा, 3 करोड़ से ज्यादा का किया फर्जीवाड़ा, 7 पर ईओडब्लू ने दर्ज किया मामला
File photo

अनुपपुर कृषि विभाग में किया गया बड़ा फर्जीवाड़ा
किसानों को वितरित करने वाली खाद और उपकरण के नाम पर किया गया फर्जीवाड़ा
रीवा। सरकार किसानों को समृद्ध बनाने में लगी है और अधिकारी सरकार के योजनाओं की आत्मा निकाल रहे हैं। आत्मा परियोजना के तहत किसानों को मिलने वाले 2.29 करोड़ के वर्मीकम्पोस्ट खाद और उपकरण अधिकारी हजम कर गए। ईओडब्लू ने पास  धोखाधड़ी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली है।
यह पूरा मामला उप संचालक कृषि विभाग अनुपपुर का है। आत्मा परियोजना अंतर्गत अनूपपुर जिला के जैतहरी, अनूपपुर एवं पुष्पराजगढ़ विकासखण्डों में निवासरत किसानों को वर्मी कम्पोस्ट खाद, मल्टी टूल फ्रेम, सिकल (उन्नत हंसिया), वर्मी बेड, बायो इनोक्यूलेंट वितरित किया जाना था। विभाग के अधिकारियों ने किसानों को वितरित की जाने वाली सामग्री कागजों में बांट दी। सारा का सारा सामान गायब कर दिए। किसानों को एक मुट्ठी खाद तक नहीं मिली। करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया गया। किसानों का अधिकारियों ने हक मारा। किसानों की योजनाओं और मंसा पर पानी फेर दिया। किसानों को वितरण किये जाने वाली सामग्री, और शासकीय राशि का गबन किया गया। इसकी शिकायत आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में की गई। मामले की जांच करने पर एनडी गुप्ता, उप संचालक कृषि परियोजना संचालक (आत्मा) एवं उनके अन्य सहयोगियों द्वारा कुल राशि रुपये 2 करोड़ 29 लाख 09 हजार 972 रुपए का गबन एवं भ्रष्टाचार किया जाना पाया गया। इस पर ईओडब्ल्यू रीवा ने एफआईआर दर्ज की है।
कंपनी को भुगतान में भी की गई अनियमितता
इसके अतिरिक्त एन.डी. गुप्ता द्वारा शील बायोटेक कंपनी लिमिटेड दिल्ली को प्रोसेस डाक्यूमेंट क्लस्टर, आनलाइन रजिस्ट्रेशन, सॉइल सैम्पल कलेक्शन एण्ड टेस्टिंग रेसेड्यूस एनालिसिस सैम्पल की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बदले कंपनी को 79 लाख 89 हजार 150 रूपये का भुगतान किया जाना था। इसमें भी गड़बड़ी की गई। अधिकारियों ने कंपनी को फायदा पहुंचाते हुए 83 लाख 54 हजार 300 रूपये का भुगबतान कर दिया। इतना ही नहीं नियमानुसार 02 वर्ष में किये जाने वाले भुगतान के स्थान पर 01 ही वर्ष में भुगतान कर दिया गया।
इन सभी अधिकारियों पर दर्ज किया गया प्रकरण
कृषि विभाग में किए गए ककरोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार मामले में उप संचालक सहित कई अन्य अधिकारी भी लपेट में आए हैं। शिकायत सत्यापन के बाद  एन (0डी0 गुप्ता, उप संचालक कृषि परियोजना संचालक (आत्मा), एवं कृषि विभाग जिला अनूपपुर एवं निरीक्षण व भौतिक सत्यापन हेतु गठित निरीक्षण समिति के सदस्य श्रीमती निशा सिन्हा, उप परियोजना संचालक आत्मा जिला अनूपपुर, श्रीमती वर्षा त्रिपाठी सहायक संचालक कृषि जिला अनूपपुर , Ÿएस0के0 शर्मा जिला प्रबंधक म0प्र0 कृषि उ?द्योग विकास निगम जिला अनूपपुर,तत्कालीन वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, अनूपपुर कोतमा/जैतहरी /पुष्पराजगढ़ जिला अनूपपुर, प्रोपराईटर सील बायोटेक लिमिटेड दिल्ली एवं  अन्य संबंधित के विरुद्ध थाना आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल में धारा 120 बी, 409, 420, 467, 468, 471, भादवि, धारा 13 (1) ए, 13(2) भनिअ 1988 (संशोधन अधिनियम 2018) के अंतर्गत अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।