कश्मिनर कार्यालय का एक कर्मचारी सिस्टम पर भारी, रिटायरमेंट के बाद भी अफसरों को पिला दिया पानी

रीवा में जुगाड़ सब पर भारी है। कमिश्नर कार्यालय में एक कर्मचारी ऐसा भी है जो रिटायरमेंट के बाद भी रेग्युलर जैसी सेवाएं दे रहा है। 7 जिलों के आईएएस, मेडिकल कॉलेज के डीन, डॉक्टर और अधिकारियेंा पर भारी पड़ रहा है। अफसरी कम नहीं हुई। जिस पद से रिटायर हुआ उसी पर वापस जम गया है। किसी तरह का आदेश भी नहीं हुआ। तत्कालीन कमिश्नर ने अपनी जरूरत के हिसाब से काम पर बुलाया तो अब कुर्सी छूट ही नहीं रही है। अधिकारी, कर्मचारी इस भर्रेशाही से परेशान है।

कश्मिनर कार्यालय का एक कर्मचारी सिस्टम पर भारी, रिटायरमेंट के बाद भी अफसरों को पिला दिया पानी
File photo

रीवा। रीवा में जुगाड़ किस तरह से हावी है वह एक कर्मचारी के सेवा काल से लेकर रिटायरमेंट के बाद तक सेवाओं से अंदाजा लगाया जा सकता है। कमिश्नर कार्यालय में उप संचालक पद पर पदस्थ रहे सतीश चन्द्र निगम सेवा से रिटायर हो चुके हैं। वह कमिश्नर कार्यालय में कई सालों तक जमे रहे और पूरे संभाग के अधिकारियेां के लिए सिरदर्द बने रहे। यह कमिश्नर के खास बन कर अधिकारियेंा, कर्मचारियेां को परेशान करने से नहीं चुके। इनके अंदर टैलेंट इतना बेहतर है कि यह अधिकारी को खुश करने के लिए कुछ भी कर गुजरते हैं। यही वजह है कि रिटायरमेंट के बाद भी तत्कालीन कश्मिनर अनिल सुचारी ने सतीश चन्द्र निगम का साथ नहीं छोड़ा। उन्हें रिटायरमेंट के बाद वापस काम पर बुला लिया। इतना ही नहीं उनहें पावर भी पहले जैसा ही दे दिया। जिस पद और कक्ष से रिटायर हुए। वहीं पर दोबारा आकर बैठ गए। हर बैठक और कार्यों में दखल भी पहले जैसा ही देते रहे। अब अनिल सुचारी कश्मिनर रीवा संभा रीवा का तबादला अन्यत्र हो गया। इसके बाद भी उनका मोह नहीं छूट रहा। नए कमिश्नर के ज्वाइनिंग के साथ ही फिर से जुगाड़ में जुट गए हैं। इनके कमिश्नर कार्यालय में रिटायरमेंट के बाद भी बैठने के कारण कई सरकारी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की संभावनाएं बढ़ गई है। यह कार्यालय में बैठकर अपने से उच्चपद पर आसीन अधिकारियेंा को भी रिमोट की तरह चलाते हैं। हद तो यह है कि अपने चहेतों को बचाने के लिए शासन से आने वाले पत्र और दस्तावेजों को भी इधर उधर कर रहे हैं। कलेक्टरों, अपर कलेक्टर, कमिश्नरी में पदस्थ अपन कमिश्नर तक को आदेश और निर्देश जारी करने से नहीं चूक रहे हैं। एक रिटायर्ड और निचले स्तर के कर्मचारी के इस व्यवहार से अधिकारी, कर्मचारी दुखी है। नए कमिश्नर के आने के बाद फिर से सतीश चन्द्र निगम ने जुगाड़ फिट करना शुरू कर दिया है। कमिश्नर कार्यालय में बैठक कर रिटायर्ड कर्मचारी बड़े बड़े गेम करने से भी बाज नहीं आ रहा है। यही वजह है कि इनकी कारस्तानी के कारण कोई भी इनके खिलाफ आवाज उठाने तक से डरता है। कर्मचारी, अधिकारी परेशान है। कमिश्नर के सह मिलने के कारण ही कमिश्नर कार्यालय में अराजकता का माहौल निर्मित हो गया है। इनके पुराने रिकार्ड और पदस्थापना पर गौर करें तो यह पूरे सेवाकाल में जुगाड़ से ही नौकरी किए। मूल पदस्थापना इनकी कहीं और थी लेकिन सेवाएं यह कहीं और ही करते रह गए। अंत में कमिश्नर कार्यालय में उप संचालक के पद पर पदस्थ हुए तो यहां से हटे ही नहीं। इनकी रिटारयमेंट के बाद की वापसी विवाद की वजह बनी हुई है।