सुपर स्पेशलिटी को फिर झटका, एक और कार्डियोलॉजिस्ट ने छोड़ी नौकरी

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से एक और डॉक्टर ने तौबा कर ली है। इस मर्तबा भी कॉर्डियोलॉजिस्ट ने ही इस्तीफा दिया है। उन्हें यहां की व्यवस्थाएं रास नहीं आ रही हैं। चंद महीनों में ही यह दूसरे डॉक्टर हैं, जिन्होंने सुपर स्पेशलिटी से तौबा कर ली है।

सुपर स्पेशलिटी को फिर झटका, एक और कार्डियोलॉजिस्ट ने छोड़ी नौकरी
file photo

रीवा।  ज्ञात हो कि लोगों को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के रूप में एक वरदान मिला था। दिल का इलाज यहां सस्ते और बेहतर तरीके से हो रहा था। पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों की भी पदस्थापना कर ली गई थी। धड़ल्ले से आपरेशन हो रहे थे। इस पर अब ग्रहण लग रहा है। डॉक्टर यहां की अव्यवस्था से परेशान होकर नौकरी ही छोड़कर भाग रहे हैं। दो महीने के अंदर ही दूसरे डॉक्टर ने नौकरी से तौबा कर ली है। कॉर्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टर अंकित सिंह ने भी पद से इस्तीफा दे दिया है। वह सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से छोड़कर लखनऊ जा रहे हैं। इनके जाने के बाद एक और डॉक्टर छोडऩे की तैयारी में है। ऐसे में अब यहां सिर्फ दो डॉक्टर ही बचेंगे। एक तरफ पीएचई और जनसंपर्क मंत्री सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने और व्यवस्थाओं में जुटे हैं। वहीं दूसरी तरफ एक के बाद एक विकेट गिर रहा है। यदि जल्द ही डॉक्टरों की समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तो सारे डॉक्टर छोड़कर भाग खड़े होंगे और अस्पताल में ताला लग जाएगा। 
इसलिए छोड़कर भाग रहे डॉक्टर
अस्पताल में डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस एलाऊ नहीं है। इसके बाद भी कुछ डॉक्टर धड़ल्ले से प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। दूसरे डॉक्टरों  को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भी मरीज उपलब्ध नहीं होने देते। दूसरे डॉक्टरों के मरीजों को बाहर भेज देते हैं। यहां पर कंट्रोल करने वाला कोई है ही नहीं। अधीक्षक पदस्थ हैं लेकिन उनकी योग्यता यहां पदस्थ डॉक्टरों से कम है। ऐसे में वह उनकी बात सुनते ही नहीं और कंट्रोल में ही नहीं रहते हैं। यहां डायरेक्टर का पद ही स्वीकृत नहीं है। इसके कारण भी दिक्कतें हो रही हैं। डीन के भरोसे ही सुपर स्पेशसलिटी अस्पताल चल रहा है। डीन इस तरफ ध्यान ही नहीं देते। प्रमोशन, इन्सेन्टिव आदि की सुविधाएं समय पर डॉक्टरों को नहीं मिल रही हैं। यही वजह है कि डॉक्टर छोड़कर भाग रहे हैं।
मेडिकल कॉलेज से भी कईयों ने की तौबा
सिर्फ सुपर स्पेशलिटी से ही डॉक्टर छोड़कर नहीं जा रहे हैं। मेडिकल कॉलेज रीवा से डॉ अम्बरीश मिश्रा, डॉ जितेन्द्र चतुर्वेदी, डॉ एसपी गर्ग, डॉ विद्या गर्ग, डॉ धीरेन्द्र मिश्रा, डॉ बलबीर सिंह, डॉ अंकित जैन, डॉ रश्मि जैन, डॉ कपिला गायकवाड़, डॉ साक्षी चौरसिया, डॉ प्रभात सिंह बघेल, डॉ जितेश गावंडे सतना मेडिकल कॉलेज चले गए हैं।
कुप्रबंधन हावी, रेग्युलर डीन की खल रही कमी
कम वेतन में भी रीवा श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सतना मेडिकल कॉलेज ज्वाइन कर रहे हैं। इसके पीछे यहां का कुप्रबंधन है। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में काम करने वालों को अवसर नहीं दिया जाता। प्रमोशन का भी यहां चांस नहीं है। ओहदेदार पदों पर राजनीतिक सिफारिश वालों को ही मौका मिल रहा है। डीन के पद पर भी आज तक रेग्युलर नियुक्ति नहीं हो पाई। डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस में व्यस्त हैं। इन पर अंकुश तक नहीं लग पा रहा है। यही वजह है कि यहां के डॉक्टर भाग रहे हैं।
कॉर्डियोलॉजी विभाग पर ज्यादा असर
कार्डियोलॉजी विभाग में डॉ व्हीडी त्रिपाठी सह प्रध्यापक, डॉ एसके त्रिपाठी, डॉ हिमांशु गुप्ता ही बचे हैं। डॉ प्रदीप कुर्मी, डॉ ललन प्रताप सिंह और अब डॉ अंकित सिंह ने नौकरी छोड़ दी है। डॉ अंकित सिह ने इस्तीफा दे दिया है। इनके बाद एक और डॉक्टर के नौकरी छोडऩे की अटकलें तेज हो गई हैं।
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इस्तीफा दे दिया है। कुछ पर्सनल रीजन हैं। इसकी वजह से छोड़कर जा रहे हैं।
डॉ अंकित सिंह, कार्डियोलॉजिस्ट
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, रीवा