चिडिय़ाघर के एक और सफेद बाघ की हालत खराब, पैर में हो गया है घाव
मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर में एक और सफेद बाघ पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। एक सफेद बाघ और घायल हो गया है। डॉक्टरों की निगरानी में इलाज चल रहा है। चल फिर नहीं पा रहा है। व्हाइट टाइगर सफारी के इनक्लोजर में रखा गया है। पर्यटकों को यह सिर्फ देखने के लिए बाड़े में रखा गया है।
रीवा। ज्ञात हो कि मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर में सफेद बाघों की संख्या लगातार घट रही है। दिल्ली से आए टीपू के साथ ही सफेद बाघों की संख्या अब तीन ही रह गई है। इसमें भी एक की हालत खराब हो गई है। टीपू के आने के पहले रघू और सोनम ही सफेद बाघ बचे थे। रघू भी चोटिल होने के बाद से बीमार चल रहा है। इसके पैर में घाव हो गया है। वह चलने फिरने और दौडऩे में सक्षम नहीं रह गया है। घाव पुराना हो चुका है लेकिन ठीक नहीं हो रहा है। यही वजह है कि रघू को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। इसका इलाज लगातार जारी है। घाव सूख ही नहीं पा रहा है। यही वजह है कि इसे सफारी में नहीं छोड़ा जा रहा है। पर्यटकों को सफेद बाघ दिख सके, इसकी व्यवस्था के लिए सफारी के अंदर बने बाड़े में रखा गया है। यहीं पर दिन भर रहता है। इसके बादा रात में नाहट हाउस में उसे शिफ्ट कर दिया जाता है।
कीड़े पड़ गए हैं
सूत्रों की मानें तो रघू का घाव कुछ ज्यादा ही गहरा है। सफेद बाघ को कई दिनों पहले पैर में चोट लगी थी। कई दिनों तक उसे रेस्क्यू सेंटर में रखा गया। रघू के पैर में कीड़े तक पड़ गए हैं। उसकी समय समय पर मरहम पट्टी हो रही है। घाव सूख नहीं पा रहा है। रघू के घाव को लेकर डॉक्टरों की चिंता भी बढ़ती जा रही है। लगातार चिडिय़ाघर में बाघों की हो रही मौत के कारण प्रबंधन के माथे पर भी बल पडऩे लगा है। रघू को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। 24 घंटे निगरानी की जा रही है।