आटो वाले की बेटी बनी डिप्टी कलेक्टर, बैकुंठपुर का लाल ने दूसरी बार पीएससी किया पास

रीवा की बेटी ने कमाल कर दिया है। आटो चालक पिता का मान बढ़ाया है। मप्र लोक सेवा आयोग परीक्षा 2022 में डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुई हैं। वहीं बैकुंठपुर के सुधी कुमार दिनकर का चयन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में विकासखंड अधिकारी के पद के लिए हुआ है। बेटा और बेटी के चयन ने परिवार में खुशियां ला दी है।

माता पिता के सपनों को बेटी ने किया सकार
रीवा। आपको बता दें कि मप्र लोक सेवा आयोग की 2022 की परीक्षा का अंतिम परिणाम शनिवार को जारी किया गया। इसमें रीवा के दो होनहारों का चयन हुआ है। रीवा की आयशा अंसारी का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है। आयशा ने अपनी इस उपलब्धि के लिए माता पिता, दोस्तों को श्रेय दिया है। आयशा का कहना है कि उनके माता पिता का मानना था कि लड़कियां भी पढ़ लिखकर अच्छे मुकाम पर पहुंच सकती है। उनकी इसी सोच को उन्होंने साकार किया है। आयशा की प्रारंभिक शिक्षा प्राइवेट स्कूल में हुई फिर 12वीं पीके स्कूल से पूरी की। कॉलेज आदर्श विज्ञाान महाविद्यालय से किया। इसके बाद पीएससी की परीक्षा की तैयारी की। उन्होंने बताया कि माता पिता का पूरा सहयोग रहा। उन्होंने पढ़ाई के बीच में किसी तरह की कमियों को आने नहीं दिया। उन्होंने बताया कि पिता आटो चलाते थे। वर्तमान में उनकी तबीयत खराब रहने लगी तो घर पर ही रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रारंभ से ही उनके शिक्षक को उन पर विश्वास था। हमेशा प्रोत्साहित करते रहे थे। आयशा ने बताया कि यह उनका तीसरा अटेम्ट है। तीसरे अटेम्ट में उन्हें सफलता मिली है। आयशा के पिता का नाम मुस्लिम अंसारी है। माता हाउस वाइफ हैं।
दूसरी मर्तबा सुधीर ने पीएससी की परीक्षा पास की
पीएससी की परीक्षा पास करने वालों में एक और नाम शामिल हुआ है। बैकुंठपुर से सुधीर कुमार दिनकर का चयन पंचायत एवं ग्रामीण विकस विभाग में विकासखंड अधिकारी के पद पर चयन हुआ है। यह दूसरी मर्तबा है जब सुधीर ने पीएससी की परीक्षा पास की है। इसके पहले उनका चयन पीएससी 2019 में भी हुआ था। तब उनका चयन आबकारी उप निरीक्षक के लिए हुआ था। सुधीर कुमार बैकुंठपुर के वार्ड 14 निवाी है। उनके पिता का नाम दिनेश प्रसाद साकेत है। सुधीर कुमार के पीएससी में चयन के बाद क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। सुधीर ने अपनी सफलता का श्रेय माता पिता और गुरुजनों को दिया है।