पेंशन प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही पर फंसे बीईओ, कमिश्नर ने की बड़ी कार्रवाई
रीवा बीईओ पर शिक्षा विभाग के रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन प्रकरणों में देरी की सजा मिली है। टीएल बैठक में समीक्षा के दौरान लापरवाही मिलने पर कमिश्नर ने बीईओ की दो वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने के आदेश जारी किए हैं।
तीन रिटायर्ड कर्मचारियों का पेंशन प्रकरण पेंशन कार्यालय नहीं भेजने पर हुई कार्रवाई
दो वेतनवृद्धि रोकने की दी गई सजा
रीवा। आपको बता दें कि संभाग स्तरीय टीएल बैठक में 31 जनवरी 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के पेंशन प्रकरण निराकरण की जानकारी कमिश्नर के सामने प्रस्तुत की गई थी। समीक्षा में बीईओ रीवा की लापवाही सामने आई थी। जनवरी में 7 कर्मचारी शिक्षा विभाग से रिटायर हुए। इसमें जगन्नाथ केवट, प्रवीण तिवारी, श्रीमती राजकुमारी सिंगरौल, रामभूषण चतुर्वेदी, श्रीमती श्यामा सिंह, सुरेश प्रसाद त्रिपाठी, विनोद कुमार सिंह शामिल थे। पेंशन प्रकरण तैयार कर स्वत्वों का निराकरण कर संभागीय पेंशन कार्यालय रीवा में प्रकरण जमा करना था। इस कार्य में बीइ्रओ ने लापवाही बरती। इस पर बीईओ रामलल्लू दीपांकर प्रभारी बीईओ की लापरवाही सामने आई थी। इस पर कमिश्नर ने दो वेतनवृद्धियां असंचयी प्रभाव से रोकने जाने संबंधी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। 7 दिन में जवाब मांगा गया था। कारण बताओ सूचना पत्र जारी होने के बाद भी बीईओ ने किसी तरह का स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया। 31 जनवरी 2025 को टीएल बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी रीवा से प्राप्त जानकारी जेडी लोक शिक्षण ने प्रस्तुत की। परीक्षण में पाया गया कि 31 जनवरी को सेवानिवृत्त होने वाले 7 कर्मचारियों में से 3 कर्मचारियेां के पेंशन प्रकरण कार्यालय को प्रस्तुत ही नहीं किए गए। उन्हें लंबित रखा गया। इस पर कमिश्नर रीवा संभाग रीवा ने प्रभारी बीईओ के खिलाफ कार्रवाई करते ही दो वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने की कार्रवाई की है।
कमिश्नर ने लगातार दिए थे निर्देश फिर भी बरती गई कोताही
मप्र सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 के नियम 57 अनुसार सेवानिवृत्त कर्मचारी के पेंशन प्रपत्र तैयार करने की कार्यवाही सेवानिवृत्त तिथि के दो वर्ष पूर्व प्रारंभ करते हुए सेवानिवृत्त तिथि तक पेंशन और ग्रेच्युटी प्रकरण का निराकरण करने के निर्देश हैं। 12 नवंबर 2024, 19 नवंबर 2024 और 26 नवंबर 2024 को टीएल बैठक में तीन माह में सेवानिवृत्त हो रहे शासकीय सेवकों के प्रकरण की समीक्षा की गई थी। सभी के प्रकरण तैयार कर स्वत्व एवं पेंशन निराकरण के लिए प्रकरण पेंशनकार्यालय भेजने के निर्देश भी दिए गए थे। कमिश्नर के बार बार निर्देशों को नजर अंदाज किया गया। इसी वजह से बीईओ को कार्रवाई का सामना करना पड़ा।