भाजपा दूसरी लिस्ट तैयार, पीएम और गृहमंत्री की मौजूदगी में लगेगी नामों पर मुहर
मध्यप्रदेश भाजपा कोर ग्रुप ने सोमवार को जिन नामों पर मंथन किया था। उन पर बुधवार को केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में मोहर लग सकती है। बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे।
BHOPAL। भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की अगुवाई में बुधवार को दिल्ली में केन्द्रीय चुनाव समिति जब बैठेंगी,तो उसमें सोमवार को भाजपा कोरग्रुप की बैठक में जिन विधानसभा सीटों को लेकर मंथन किया गया था,उस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि फैसला हो जाने के बाद सूची कब जारी किया जाना है,इस पर भी नेताओं से विचार विमर्श किया जाएगा,क्योंकि मध्यप्रदेश में इन दिनों भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा चल रही है और 25 सितम्बर को भोपाल में पार्टी का कार्यकर्ता महाकुंभ होना है। जिसमें 10 लाख कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटाने का लक्ष्य तय किया गया है। इस आयोजन पर सूची जारी होने से कोई असर पड़ सकता है,इसकी आशंका को टटोलने के बाद ही सूची को जारी करने के बारे में निर्णय लिया जाएगा। हालांकि सूत्र बता रहे है कि प्रदेश स्तर के नेता महाकुंभ से पहले सूची जारी कराने के पक्ष में है। ऐसे में यदि प्रदेश के नेता शीर्ष नेतृत्व को ये समझाने में सफल हो जाएंगे कि सूची जारी होने का महाकुंभ के आयोजन में कोई फर्क नहीं पड़ेगा,तो बैठक के बाद से कभी भी 64 से 70 विधानसभा सीटों के लिए भाजपा प्रत्याशियों के नाम सामने आ जाएंगे।
सांसदों को भी मैदान में उतारेगी भाजपा
सूत्रों की माने तो भाजपा ऐसे विधानसभा सीटों पर अपने सांसदों को मैदान में उतार सकती है,जहां सर्वे में स्थिति खराब बताई जा रही है। कांग्रेस के बड़े नेताओं को घेरने पार्टी किसी बाहरी की बजाय स्थानीय मजबूत चेहरे को ही प्राथमिकता देगी। एक सीट पर मजबूत दावेदार की संख्या ज्यादा है,तो उन्हें जिले की दूसरी ऐसी सीट से मैदान में उतारा जा सकता है,जहां वह जीत सकता है।
18 विधायकों पर मंडराया खतरा
सूत्रों की माने तो कोर ग्रुप की बैठक में दो दर्जन से अधिक मौजूदा विधायकों की जगह युवाओं और जीतने वाले चेहरों को मैदान में उतारने पर सहमति बनी है। इनमें मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी, कांग्रेस में शामिल हुए कोलारस विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी सहित 18 विधायकों का टिकट काटा जा सकता है। हालांकि सूत्र यह भी कह रहे है कि पार्टी ने अब तक नारायण त्रिपाठी के बारे में अंतिम निर्णय नहीं लिया है, क्योंकि जो सर्वे सामने आए है,उसमें नारायण त्रिपाठी को अब भी मजबूत बताया जा रहा है। ऐसे में पार्टी वहां त्रिपाठी के अगले कदम का इंतजार करेगी।
सबसे ज्यादा खतरा मालवा निमाड़, विंध्य ग्वालियर चंबल और बुंदेलखण्ड की अलग-अलग विधानसभा सीटों से जीते विधायकों पर है। इनमें मालवा के एक वरिष्ठ मंत्री का नाम भी लिया जा रहा है। इसी तरह कुछ राज्यमंत्रियों के भी टिकट काटकर उनके स्थान पर नए चेहरे उतारे जाने पर सहमति बनने की खबर है। ंिभंड, ग्वालियर की कुछ सीटों को लेकर भी अभी तक फैसला नहीं हो पाया है। भिंड से विधायक संजीव सिंह संजू बसपा से भाजपा में शामिल हो चुके है तो बिजाबर से सपा से चुने गए विधायक राजेश शुक्ला भी भाजपा में है, ऐसे में वहां से वे भी दावेदारी कर रहे है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा गुजरात फार्मूले पर भी फोकस बनाए हुए है,यानि कि सरकार बनाने के लिए पार्टी उन सभी को टिकट दे सकती है,जो जीत सकते है,भले ही वे दूसरे दल से भाजपा में शामिल क्यों न हुए हो।