टोंस सिरमौर में 18 लाख का बैट्री घोटाला, ईओडब्लू ने दर्ज किया सीई सहित तीन अफसरों और सप्लायर पर एफआईआर

पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड टोंस जल विद्युत परियोजना सिरमौर में बैट्री घोटाला किया गया। अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ की कंपनी से मिलकर 7 हजार की बैट्री 24 हजार में खरीदी। करीब 18 लाख से अधिक का घोटाला किया। बैट्री घोटाले में ईओडब्लू रीव ने तीन अधिकारियों सहित कोरबा की कंपनी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।

टोंस सिरमौर में 18 लाख का बैट्री घोटाला, ईओडब्लू ने दर्ज किया सीई सहित तीन अफसरों और सप्लायर पर एफआईआर
File photo

7 हजार की बैट्री अधिकारियों ने तीन गुना दर पर खरीदी थी
शिकायत के बाद जांच में हुआ खुलासा, छत्तीगसढ़ की कंपनी के प्रोपराइटर भी फंसे
रीवा। मिली जानकारी के अनुसार मुख्य अभियंता कार्यालय मप्र पॉवर जनरेटिग कंपनी लिमिटेड टोंस जल विद्युत परियोजना रीवा में एक्साइड कंपनी की 110 नग बैट्री खरीदने के लिए निविदा निकाली गई थी। एकल निविदा प्राप्त हुई थी। समिति ने मेसर्स अशोक इलेक्ट्रिकल्स एंड हार्डवेयर कोरबा छत्तीसगढ़ की निविदा को स्वीकार किया गया। कंपनी ने बाजार दर से करीब 3 गुना अधिक दर भरी थी। इसके बाद भी निविदा को स्वीकार कर लिया गया था। तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य अभियंता मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी सिरमौर एवं अन्य सहयोगियों ने 18 लाख 74 हजार 495 रुपए का बैट्री खरीदी में गबन किया। इस मामले की जांच में खुलासा होने के बाद रीवा ईओडब्लू ने एफआईआर दर्ज कर ली है।
जोन मैनेजर जानकारी ली तो चौंक गए
ईओडब्लू ने खरीदी गई एक्साइड बैट्री के बारे में जानकारी जुटाई। टोंस परियोजना सिरमौर में जो बैट्री खरीदी गई थी। उसकी कीमत जब कंपनी से जुटाई गई तो अधिकारियेां के होश उड़ गए। एक्साइड इंडस्ट्रीज के जोनल मैनेजर एडमिनिस्ट्रेशन वेस्ट से प्राप्त जानकारी के अनुसरा एक बैट्री की कीमत 7 हजार 325 रुपए है। वहीं आरोपीगणों ने इसी बैट्री को 24 हजार 415 रुपए में खरीदा था। इस प्रकार कुल 110 नग बैट्री खरीदीने में 18 लाख 74 हजार 495 रुपए से अधिक से भुगतान किया गया।
इन पर प्रकरण किया गया दर्ज
आर्थिक अपराा प्रकोष्ठ में प्राप्त शिकायत के सत्यापन के बाद तत्कालीन मुख्य अभियंता जवाहर लाल दीक्षित टोंस परियोजना सिरमौर, इन्द्रिय दमन कौशिक तत्कालीन कार्यपालन अभियंता मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी टोंस परियोजना सिरमौर, नितिन मिश्रा तत्कालीन सहायक यंत्री टोंस सिरमौर,  गौरव मोदी प्रोपराइटर अशोक इलेक्ट्रिकल्स एंड हार्डवेयर कोरबा छग एवं अन्य संबंधित के विरुद्ध धारा 420, 409, 120 बी, भादवि 13(1) ए, 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधन अधिनियम 2018 के तहत अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।