विवि में भर्रेशाही, 27 कर्मचारी मिले ड्यूटी से गायब, वेतन कटेगा
अवधेश प्रताप ङ्क्षसह विश्वविद्यालय में अरसे बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई है। घर में ठँड के मजे ले रहे 27 अधिकारी-कर्मचारियों इस कार्रवाई की जद में आये हैं। संबंधित कर्मचारियों के 1 दिन का वेतन काटने के आदेश विश्वविद्यालय प्रशासन ने जारी किए हैं।
रीवा। गौरतलब है कि स्वायत्त संस्था के रुप में काम कर रहे विश्वविद्यालय के कई अधिकारी-कर्मचारी अपनी मर्जी के मालिक हैं। तमाम तरह के वेतन, महंगाई भत्ता या अन्य लाभ लेने के बाद भी ऐसे लोकसेवक अपनी सीट पर नियत समय पर हाजिर नहीं होते या आते भी हैं तो मुँह दिखाई की रस्म तक मामला सीमित रहता है। अधिकारी-कर्मचारी के ऊपरी वर्ग में पहुँचे तो आचार्यगणों की स्थिति और आला दर्जे की है। बमुश्किल 2 से 3 घंटे ड्यूटी बजाने वाले कुछ आचार्य कार्यालय पहुँचते ही बीमार हो जाते हैं। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन की उक्त कार्रवाई की जद से अभी ऐसे आचार्यगण बाहर हैं।
सभी विभागों की उपस्थिति पंजी हुई तलब
बहरहाल, ताजा मामले में बात करें तो विगत 15 दिसम्बर को विश्वविद्यालय कुलसचिव ने उक्त कार्रवाई की है। बताते हैं कि कुलसचिव ने किसी कार्य को लेकर एक कर्मचारी को अपने कार्यालय बुलवाया तो पता चला कि वह अभी उपस्थित नहीं है। उनकी जगह दूसरे कर्मचारी को बुलवाया तो वह भी उपस्थित नहीं रहा। इस प्रकार एक-एक करके कुलसचिव ने अन्य कर्मचारियों की जानकारी ली। फिर सभी विभागों के उपस्थिति रजिस्टर तलब कर लिये। इस उपस्थिति पंजी पर कुलसचिव ने नजर दौड़ाई तो पता चला कि सुबह साढ़े 11 बजे तक प्रशासनिक भवन में संचालित विभागों के 27 कर्मचारी गैरहाजिर हैं। उक्त दिनांक को शैक्षणिक विभागों में पदस्थ लापरवाह कर्मचारी इस कार्यवाही से बच गए।
इन पर हुई कार्रवाई
जिन कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई है, उनमें आशा अनुरागी, नीता श्रीवास्तव, अमृतलाल तिवारी, सत्यनारायण गुप्ता वित्त, अनुराग दुबे उपयंत्री, अनुभाग अधिकारी सुखम्बर बसोर, मंगला शुक्ला, निहाल पाण्डेय, उर्मिला मिश्रा कार्मिक, सहा. कुलसचिव रामाश्रय कोल, रामहित काछी, योगेंद्र साकेत, बुद्धिमान त्रिपाठी, सत्येंद्र ङ्क्षसह, अधीक्षक पेंशन राघवेंद्र प्रताप ङ्क्षसह, रामानुज विश्वकर्मा, गणेश मिश्रा, संतोष वर्मा, जीतेंद्र चौधरी, उर्मिला ङ्क्षसह, चंद्रदेव साहू, उमेश ङ्क्षसह अकादमिक, शिवेंद्र तिवारी का नाम शामिल है। इन कर्मचारियों को 15 दिसम्बर के दिन अवैतनिक किया गया है।