एसजीएमएच में बड़ा बदलाव: पुरानी ओपीडी भवन में अब इसकी होगी शुरुआत, पुराना जीएमएच भवन तोड़कर जानिए बनेगा कौन सा भवन

संजय गांधी अस्पताल में बड़े बदलाव की तैयारी है। इसका खाका भोपाल में अब लगभग फाइनल हो चुका है। वर्तमान ओपीडी का कायाकल्प होगा। इस भवन में ट्रामा सेंटर और एमरजेंसी मेडिसिन विभाग चलेगा। जीएमएच का आधा हिस्सा टूटेगा। इस टूटे भवन की जगह 5 मंजिला ओपीडी भवन बनेगा। गायनी और शिशु रोग भवन के लिए भी अलग भवन बनेगा। पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन को निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

एसजीएमएच में बड़ा बदलाव: पुरानी ओपीडी भवन में अब इसकी होगी शुरुआत, पुराना जीएमएच भवन तोड़कर जानिए बनेगा कौन सा भवन
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ट्रामा सेंटर और एमरजेंसी मेडिसिन यूनिट खुलेगी
गायनी और शिशु रोग विभाग के लिए नया भवन बनेगा
रीवा। ज्ञात हो कि संजय गांधी अस्पताल में कई निर्माण कार्य होने हैं। करोड़ों रुपए का बजट स्वीकृत हो चुका है। लंबे समय से इसे लेकर माथा पच्ची चल रही है। जगह और एजेंसी तय नहीं हो पा रही थी। कौन सी बिल्डिंग कहां बनेगी। इसके लिए जगह का निर्धारण नहीं हो पा रहा था। कई मर्तबा भोपाल से टीम रीवा का निरीक्षण और सर्वे करने भी पहुंची। अब जाकर सब कुछ फाइनल हुआ है। जगह और निर्माण एजेंसी दोनों फाइनल कर दी गई है। भोपाल में हाल ही में हुई बैठक के बाद कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। संजय गांधी अस्पताल परिसर में होने वाले सारे इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कार्य पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन देखेगी। पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन को ही सारी जिम्मेदारी सौंप दी गई है। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसकी शुरुआत सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के पीछे खाली पड़ी जगह से की जाएगी।
नई ओपीडी के लिए  टूटेगा आधा जीएमएच
गांधी स्मृति चिकित्सालय का भवन काफी पुराना है। यह अब जर्जर हालत में पहुंच चुका है। इसे डिस्मेंटल करने को लेकर इंजीनियरों ने सुझाव भी दिया था। अब इस अपर अमल किया जाएगा। जीएमएच में गांधी जी की प्रतिमा के पूर्व की तरफ का हिस्सा तोड़ा जाएगा। इस हिस्से तो तोड़कर ही नई ओपीडी बिल्डिंग बनाई जाएगी। यह बिल्डिंग ग्राउंड फ्लोर के अलावा 5 मंजिला ऊपर बनाई जाएगी। इसी में ओपीडी शिफ्ट किया जाएगा। इस ओपीडी के निर्माण में करीब 40 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यह बिल्डिंग पूरी तरह से अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी।
गायनी और शिशु रोग विभाग पीछे शिफ्ट होंगे
वर्तमान में जिस जीएमएच की बिल्डिंग में गायनी और शिशु रो विभाग संचालित किया जा रहा है। उसे यहां हटा दिया जाएगा। इसके लिए अलग से भवन का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए जगह भी तय कर लिया गया है। जीएमएच के पीछे खाली पड़ी जगह पर ही इसका निर्माण किया जाएगा। जिस जगह पर पुराना पीडब्लूडी कार्यालय का उसके एक हिस्से में जी प्लस टू भवन बनाया जाएगा। इसी में दोनों विभाग को शिफ्ट किया जाएगा।
ओपीडी का कर देंगे कायाकल्प
रीवा में ट्रामा सेंटर नहीं है। प्रस्ताव कई साल पहले शासन को भेजा गया था लेकिन जगह की कमी के कारण इस पर अमल नहीं हो पा रहा था। अब इसे खोलने की तैयारी है। इसके साथ ही एमरजेंसी मेडिसिन भी खोला जाएगा। इसके लिए जगह निर्धारित कर दी गई है। वर्तमान में जिस जगह पर ओपीडी संचालित की जा रही है। उसी जगह पर ट्रामा सेंटर और एमरजेंसी मेडिसिन का संचालन किया जाएगा। इस बिल्डिंग का तोड़ा नहीं जाएगा। सिर्फ कायाकल्प किया जाएगा। कायाकल्प कर उसे ट्रामा सेंटर के हिसाब से बनाया जाएगा। ट्रामा सेंटर के लिए सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी।
सुपर की नई विंग ठीक पीछे बनेगी
सुपर स्पेशलिटी की भी नई बिल्डिंग बनाई जानी है। यह करीब 26 करोड़ की लागत से बनेगी। इसके लिए भी जगह सुरक्षित किया गया है। सुपर स्पेशलिटी और नई मैटरनिटी विंग के बीच में ही इसे नए भवन का निर्माण किया जाएगा। पीडब्लूडी कार्यालय को तोड़कर इसे समतल किया गया था। तब से लेकर अभी तक यह उसी स्थिति में पड़ी हुई है। अब यहां पर जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
आधे जीएमएच में चलेगा अधीक्षक कार्यालय
गांधी स्मृति चिकित्सालय का आधा हिस्सा तोडऩे से छोड़ दिया जाएगा। इसी बिल्डिंग में सारे विभाग संचालित किए जाएंगे। अधीक्षक कार्यालय इसी भवन में चलेगा। इसके अलावा भी अन्य स्टोर व कार्यालयों को भी यहीं पर लाया जाएगा। इस भवन में संचालित होने वाले नेत्र रोग और ईएनटी विभाग को ओपीडी के नए भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा।