मऊगंज कलेक्टर का बड़ा फैसला, धारा 144 लागू, जानें क्या है वजह
मऊगंज कलेक्टर रीवा से फिर एक कदम आगे निकल गए हैं । उन्होंने ऐरा प्रथा पर रोक लगाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं । इसका कड़ाई से पालन करने के भी निर्देश दिए हैं। कलेक्टर अब ऐसे गौ-पालकों पर कार्रवाई करने जा रहे हैं जो मवेशियों को खुला छोड़ कर रखते हैं। उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी। गौवंश की वजह से दुर्घटना होने पर, जनहानि होने पर गौ-पालकों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
गौपालक हो जाएं सावधान वर्ना दर्ज होगा प्रकरण दर्ज
मऊगंज। ऐरा प्रथा के कारण रीवा और मऊगंज के किसान परेशान है ।आवारा मवेशी किसानों की पूरी फसल चट कर जाते हैं । सड़कों पर इन्हीं का राज रहता है। आए दिन सड़क दुर्घटनाएं इन आवारा मवेशियों की वजह से ही होती है। आवारा मवेशियों के कारण कई परिवार बर्बाद हो चुके हैं । रीवा जिला में ऐरा प्रथा पर रोक लगाने के लिए पहले आदेश निर्देश जारी हुए। पर उन पर अमल नहीं हो पाया । कई मर्तबा इन पर रोक लगाने की मांग उठी, पर कुछ नहीं हुआ । अब नया जिला मऊगंज बना है ।यहां लगातार दुर्घटनाएं हो रहे हैं ।किसानों की फैसले बर्बाद हो रही हैं । चारों तरफ से ऐरा प्रथा पर रोक लगाने की मांग उठने लगी । कलेक्टर नेक दिल है । तो इससे किसानों की उम्मीदें भी बढ़ गई । किसानों की उम्मीद पर कलेक्टर मऊगंज खरे उतरे । उन्होंने आवारा मवेशियों को लेकर सख्त आदेश निर्देश जारी किए। कलेक्टर मऊगंज ने आदेश जारी कर कहां है कि ऐरा प्रथा के कारण आए दिन सड़क दुर्घटना हो रही हैं। इससे जन और पशु हानि हो रही है। किसानों की फसलों को नुकसान होने से स्थानीय संस्थाओं तथा सीएमओ मऊगंज हनुमान, मऊगंज ने भी पत्र लिखकर उचित कदम उठाने की मांग की। इसे ध्यान में रखते हुए कलेक्टर ने आवारा मवेशियों को लेकर सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं ।इसका कड़ाई से पालन करने के भी निर्देश दिए गए हैं।यह आदेश दिनांक 20 सितम्बर 2023 की मध्य रात्रि से 19 दिसम्बर 2023 तक प्रभावशील रहेगा।
पशु पालकों पर दर्ज होगा मामला
कोई भी पशुपालक अपने पशुओं को आवारा खुला नहीं छोड़ेगा। यदि कोई पशुपालक ऐसा करते हुए पाया जाता है जिससे सड़क दुर्घटना के कारण पशु की मृत्यु होती है या जनहानि होती है तो उसके विरूद्ध पशु अतिचार अधिनियम व लोक परिशांति भंग होने की स्थिति के कारण दंड प्रक्रिया संहिता में विहित विधान अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी।
अस्थाई बाड़े बनाकर रखे जाएंगे
सड़कों पर आवारा भ्रमण करते हुए पशुओं एवं ग्रामीण क्षेत्र में विचरण करते हुए पशुओं के तात्कालिक व्यवस्था के लिए जिले की तीनों नगर परिषदों में मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं ग्रामीण क्षेत्र में सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत अस्थायी बाड़ों का निर्माण कर आवारा पशुओं को बाड़े में रखेंगे । उनके लिए पानी एवं चारे की समुचित व्यवस्था करेंगे ।
1000 हजार लगेगा जुर्माना
आदेश में कहा गया है कि यदि कोई पशुपालक यह दावा करता है कि बाड़े में अवरोधित पशु उसका है और वह उसे घर ले जाना चाहता है तो प्राधिकृत अधिकारी के द्वारा प्रति पशु 1000/- अर्थदंड अधिरोपित कर इस आशय का शपथ पत्र लेकर कि अब पशुपालक के द्वारा पशुओं को अपने घर पर रखा जाएगा। खुला नहीं छोड़ा जाएगा । पशु ले जाने की अनुशंसा प्राधिकृत अधिकारी के द्वारा प्रदाय की जाएगी। जिले की तीनों नगर परिषदों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं ग्रामीण क्षेत्र में सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत प्राधिकृत अधिकारी होंगे। यदि कोई नागरिक पशु सेवा हेतु स्वेच्छा से पशुओं का अपने घर ले जाकर पालन पोषण करना चाहता है। तो ले जा सकता है। किंतु पशु पालक द्वारा दावा करने पर नियमानुसार पशुपालक को उसका पशु वापस करना होगा।