एनजीटी का बड़ा फैसला, अब झील, जलाशय और तालाब में नहीं चलेंगी मोटर बोट और क्रूज

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की सेंट्रल बेंच ने क्रूज और मोटर बोट्स से होने वाले प्रदूषण को देखते हुए बड़ा और ऐतिहासिक फैसला दिया है। एनजीटी के आदेश के मुताबिक मध्यप्रदेश में किसी भी जलाशय, झील और तालाब में मोटर बोट्स और क्रूज नहीं चलाए जाएंगे।

एनजीटी का बड़ा फैसला, अब झील, जलाशय और तालाब में नहीं चलेंगी मोटर बोट और क्रूज
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BHOPAL। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने माना कि प्रदेश की वॉटर बॉडी में चलाई जा रही क्रूज और मोटर बोट्स के संचालन से लगातार एयर एक्ट 1981, वॉटर एक्ट 1974, इंवारमेंट प्रोटेक्श एक्ट 1986, वैटलेण्ड रूल्स 2017 का उल्लंघन हो रहा है, इसलिए इन पर तत्काल रोक लगाई जाए। एनजीटी के इस आदेश के बाद भोपाल के बोट क्लब समेत ओमकारेश्वर, तवा बांध और हनुमंतिया टापू पर चल रही बोट और क्रूज के संचालन पर रोक लग जाएगी। एनजीटी का यह आदेश मध्यप्रदेश के सभी जल संसाधनों पर लागू होगा।
पेडल बोट, 4 स्ट्रोक इंजन बोट के लिए बनेगी एसओपी
पेडल बोट को एनजीटी के इस आदेश से बाहर रखा है, मतलब उनका संचालन होता रहेगा। शर्त यह है कि उससे किसी भी रूप में पर्यावरण को क्षति न पहुंचती हो। ऐसी वॉटर बॉडी जो वेटलैण्ड के दायरे से बाहर हो, वहां 4 स्ट्रोक इंजन वाली बोट चलाने की सशर्त अनुमति दी जा सकती है। इसके लिए भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एसओपी बनाने के आदेश दिए गए हैं।
नो कंट्रक्शन जोन के निर्माण भी टूटेंगे
एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि वेटलैण्ड और अन्य वॉटर बॉडी के नो कंट्रक्शन जोन, जोन आफ इंफ्यूलेंस और बफर जोन में स्थायी निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती। यदि इस सेंसेटिव क्षेत्र में कोई निर्माण हो गया है तो उसे तत्काल प्रभाव से तोड़ा जाए। इसके लिए पीसीसीएफ को जिम्मेदारी दी गई है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और वन विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी गतिविधि के संचालन से वन्य जीवों पर इसका असर न पड़े।
मनोरंजन के  लिए चलाई जा रही क्रूज ट्रेड के दायरे में
एनजीटी ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि एक बड़ी जनसंख्या के मनोरंजन के लिए चलाई जा रही क्रूज और मोटर बोट्स व्यवसायिक मानी जाएंगी, जो ट्रेड के दायरे में आएंगी और उसी के तहत नियमों का पालन करना होगा। मामले में जिम्मेदार अधिकारी इनके संचालन के लिए पर्यावरणीय नियम संबंधी कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके, इस कारण फैसला याचिकाकर्ता के पक्ष में दिया गया।

मध्यप्रदेश की 14 झीलों के नाम और शहर
झील का नाम                      शहर
मुंशी हुसैन खान तालाब         भोपाल
सिद्दीकी हुसैन खान तालाब    भोपाल
मोतिया लेक                      भोपाल
लेंदिया लेक                       भोपाल
सनग्राम सागर लेक            जबलपुर
जलपरी लेक                      जबलपुर
तवा जलाशय                   नर्मदापुरम
हलाली जलाशय                विदिशा
रानी लेक                          रीवा
तेलिया रेक                      मंदसौर
मोरवन जलाशय                नीमच
नगछोन लेक                    खण्डवा
मुंज सागर लेक                 धार
धरम सागर लेक                पन्ना
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क्रूज और मोटर बोट्स के संचालन से पर्यावरण और पानी को हो रहे नुकसान को देखते हुए एनजीटी ने ऐतिहासिक आदेश दिया है, जिसका असर राष्ट्रीय स्तर पर देखने को मिलेगा। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को 3 महीने में आदेश के परिपालन की रिपोर्ट एनजीटी रजिस्ट्रार को सौंपनी होगी, यदि आदेश का पालन हो गया है तो इस केस को बंद कर दिया जाएगा और यदि ऐसा नहीं हुआ तो उस अनुसार आगे एनजीटी फैसला लेगी।
- डॉ. सुभाष सी पांडे, याचिकाकर्ता