कोर्ट का बड़ा फैसला: सरपंच, सचिव बैंक मैनेजर, उपयंत्री, सहायक यंत्री को 5 साल की जेल, जुर्माना भी लगाया गया
कोर्ट ने ग्राम पंचायत में हुए भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के मामले में तत्कालीन सरपंच, सचिव, बैंक मैनेजर, उपयंत्री, सहायक यंत्री को 5 साल की सजा सुनाई है। 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
रीवा। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 जिला सतना के न्यायालय ने ग्राम पंचायत झिन्ना जनपद पंचायत अमरपाटन, जिला सतना के द्वारा मनरेगा योजनाओं में की गई 4 लाख 52 हजार 634 रूपये की अनियमितताओं/ भ्रष्टाचार के लिए तत्कालीन सरपंच सत्येंद्र सिंह, सचिव दीपक चौरसिया, ग्राम पंचायत झिन्ना को भारतीय दण्ड संहित की धारा 409,420, 467, 468, 471, 120 बी, 477 ए के तहत 5 -5 वर्ष के कारावास एवं कुल 30-30 हजार के अर्थदण्ड से एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) की सहपठित धारा 13 (2) के तहत 04 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 02 हजार के अर्थदण्ड, से दण्डित किया है। शारदा ग्रामीण बैंक झिन्ना के तत्कालीन बैंक मैनेजर अजीत चौबे , उपयंत्री सतेन्द्र पटेल, सहायक यंत्री समीर कुमार श्रीवास्तव, को भारतीय दण्ड संहित की धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी, 477 ए के तहत 5 -5 वर्ष के कारावास एवं कुल 28-28 हजार के अर्थदण्ड से एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) की सहपठित धारा 13 (2) के तहत 04 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 02-02 हजार के अर्थदण्ड, से दण्डित किया गया।
यह है पूरा मामला
मार्च 2012 में ग्राम पंचायत झिन्ना अमरपाटन सतना के तत्कालीन सरपंच सत्येंद्र सिंह सचिव दीपक चौरसिया शारदा ग्रामीण बैंक के मैनेजर के विरूद्ध ग्रामीण रोजगार योजना के अंतर्गत कराई जा रहे विकास कार्यों में शासकीय कर्मचारी नाबालिक, विकलांग, एवं मृतक व्यक्तियों का नाम मजदूरों के रूप में फर्जी रूप से मस्टर रोलो में भरने एवं फर्जी भुगतान का काम किया था। ग्रामवासियों ने लोकायुक्त भोपाल को सामूहिक शिकायत की थी। शिकायत जांच उपरांत प्रथम सूचना रिपोर्ट अंतर्गत धारा 420,467, 468, 471, 120 बी एवं 13 (1) (डी) सहपठित धारा 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोपी गणों के विरूद्ध दिनांक 22 फरवरी 2013 को प्रथम सूचना रिपोर्ट क्रमांक 38/2013 दर्ज की गई । विवेचना में फर्जी व्यक्तियों के नाम मस्टर रोल में भरकर शासकीय राशि का दुरुपयोग करने एवं रोड के निर्माण में कुल 4 लाख 52 हजार 634 रूपये की अनियमितता प्रमाणित पाई गई। आरोपी गणों के विरूद्ध वर्ष 2015 में अभियोग पत्र क्रमांक 172/2015 विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम)सतना में पेश किया गया। जिसे न्यायालय के विशेष प्रकरण क्रमांक 300005/2015 में दर्ज किया गया। अभियोजन द्वारा मामले को प्रमाणित करने के लिए कुल 33 गवाहों का साक्ष्य प्रस्तुत किया गया। सभी अभियुक्त गणों को कारावास के दण्ड से दण्डित किया गया है। अभियुक्त दीपक चौरसिया के स्वास्थ खराब होने से अस्पताल में भर्ती होने के कारण वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए। अत: उसकी अनुपस्थिति में ही उसके विरूद्ध दोष सिद्धि का निर्णय पारित किया गया। शेष आरोपीगणों को जेल वारंट बनाकर केन्द्रीय कारागार सतना में दाखिल कराया गया है।