बड़ी लापरवाही: खराब ट्रांसफार्मर नहीं बदल पाया विभाग, क्षेत्रीय स्टोर में ट्रांसफार्मर की भरमार
विद्युत विभाग खराब ट्रांसफार्मर नहीं बदल पा रहा है। क्षेत्रीय स्टोर में ट्रांसफार्मर की भरमार है। इसके बाद भी 270 ट्रांसफार्मर सुधारे और बदले नहीं गए। इससे लोगों को अच्छी खासी परेशानी उठानी पड़ी। कई गांव ऐसे हैं जहां कई दिनों से अंधेरा पसरा हुआ है। लोगों के कार्य और छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
रीवा में 270 ट्रांसफार्मर हैं खराब, सितंबर महीने तक नहीं बदले गए
रीवा। रीवा संभाग में जले और खराब ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए हर दिन हल्ला मचता है। सबसे अधिक परेशानी ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को उठानी पड़ती है। ग्रामीण क्षेत्रों में खराब ट्रांसफार्मर को बदलने में महीनों लग जाते हैं। लोगों को खराब ट्रांसफार्मर बदलने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ता है। विधायक से लेकर मंत्री से सिफारिश करनी पड़ती है। तब जाकर खराब ट्रांसफार्मर बदल पाते हैं। ऐसा नहीं है कि विभाग के पास ट्रांसफार्मरों की कमी है लेकिन विभाग की लापरवाही और अधिकारियों की टालमटोली से लोगों की परेशानियां बढ़ जाती हैं। सितंबर महीने की स्थिति पर बात करें तो क्षेत्रीय स्टोर में 1767 ट्रांसफार्मर मौजूद रहे। फिर भी 270 खराब ट्रांसफार्मरों को विद्युत विभाग बदल नहीं पाया। सूत्रों की मानें तो खराब ट्रांसफार्मरों को बदलने के लिए सीई कार्यालय से ही स्वीकृति नहीं मिलती। इसके कारण ही लेटलतीफी होती है। इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है। इन खराब 270 ट्रांसफार्मरों को लेकर भी विद्युत विभाग दो मापदंड तय किए हैं। इसमें 84 ट्रांसफार्मर पात्र की श्रेणी में है और जिन ट्रांसफार्मरों पर बिल बकाया है उन्हें अपात्र की श्रेणी में रखा गया है। पात्र ट्रांसफार्मर यानि जिन्हें विभाग बदल सकता था। उनकी संख्या 84 थी। उसे भी विभाग समय पर नहीं बदल पाया। वहीं अपात्र की श्रेणी में 186 खराब और जले ट्रांसफार्मर शामिल रहे। इन्हें भी विभाग ने नहीं बदला।
जिलों में भी नहीं है पर्याप्त ट्रांसफार्मर
खराब ट्रांसफार्मरों को लेकर विद्युत विभाग कुछ ज्यादा ही उदासीन रहा। खरीफ सीजन में शुरुआती महीनों में बारिश कम हुई। ऐसे में किसान पूरी तरह से बोर और नहरों पर निर्भर रहे। कई गांव ऐसे थे, जहां के ट्रांसफार्मर जले थे। इसके कारण उन्हें सिंचाई के लिए बिजली ही नहीं मिली। विद्युत विभाग के पास जिलों में पर्याप्त ट्रांसफार्मर तक नहीं थे। रीवा जिले में सिर्फ 68, मऊगंज में 9, सतना में 62, मैहतर में 8, सीधी में 21 और सिंगरौली में सिर्फ 24 ट्रांसफार्मर ही सितंबर महीने की स्थिति में रहे। वहीं कुल जले हुए ट्रांसफार्मरों की संख्या 270 रही। उसके मुकाबले जिलों में सिर्फ 192 ट्रांसफार्मर ही मौजूद रहे।
रीवा संभाग में खराब और उपलब्ध ट्रांसफार्मरों की स्थिति
जिला कुल ट्रांसफार्मर जले/खराब बदले नहीं गए
रीवा 21251 759 58
मऊगंज 4786 208 30
सतना 18045 969 49
मैहर 4458 248 38
सीधी 6543 231 58
सिंगरौली 7180 240 37
कुल 62263 2691 270