विद्युत विभाग में अफसरों का बड़ा घोटाला, 730 पंप कनेक्शन को 24 घंटे बिजली दे रहे और बिलिंग में कर रहे गड़बड़ी

विद्युत विभाग के अधिकारी, कर्मचारी पंप कनेक्शन के नाम पर लाखों का खेल कर रहे हैं। कृषि पंप कनेक्शन देकर विभाग को लाखों का नुकसान पहुंचा रहे हैं। 24 घंटे पंप को बिजली दे रहे और बिलिंग सिर्फ 10 घंटे की कर रहे हैं। कृषि पंपों की बिलिंग में गड़बड़ी कर खुद की जेब भरी जा रही है।

विद्युत विभाग में अफसरों का बड़ा घोटाला, 730 पंप कनेक्शन को 24 घंटे बिजली दे रहे और बिलिंग में कर रहे गड़बड़ी
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बिरसिंहपुर में ऐसी ही गड़बड़ी में सहायक अभियंता के खिलाफ निकल चुकी है रिकवरी
पंप का हो रहा कामर्सियल उपयोग और बिल 6 महीने में सिर्फ 400 से 600 रुपए
रीवा। ज्ञात हो कि विद्युत विभाग किसानों को अस्थाई कनेक्शन कृषि पंप के लिए देता है। यह कनेक्शन रीवा शहर में भी चल रहे हैं। सभी जोन में में कृषि पंप कनेक्शन दिए गए हैं। इससे ख्ेाती की सिंचाई तो नहीं होती लेकिन इसका उपयोग कामर्सियल रूप से जरूर होता है। कृषि पंप कनेक्शन को 10 घंटे बिजली का नियम है। इसी आधार पर इन्हें बिलिंग भी की जाती है। 6 महीने में प्रति हार्स पॉवर के हिसाब से बिलिंग की जाती है। वहीं जिनके यहां मीटर लगे हैं। उन्हें मीटर की यूनिट के हिसाब से बिल भेजने का नियम है लेकिन रीवा में ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है। सभी पंप कनेक्शन को फ्लैट रेट पर बिल भेजा जा रहा है। यानि की लाखों रुपए का नुकसान विद्युत विभाग को पहुंचाया जा रहा है। 2 से 3 हार्स पॉवर के मोटर पंप अधिकांश जगहों पर लगे हुए हैं। यहां 24 घंटे मोटर पंप चलते हैं लेकिन बिल 400 से 600 रुपए ही पहुंचता है। इसमें सारा खेल एई, जेई और लाइनमैन का है। इसमें सभी हिस्साबांट करते हैं।
कहां कितने कृषि पंप फ्लैट रेट में चल रहे
रीवा शहर संभाग में जोन क्रमांक 1 में 50, जोन क्रमांक 2 में 150 और जोन क्रमांक 3 में 530 कृषि पंप फ्लैट रेट पर चल रहे हैं। यहां कहीं भी मीटर तक नहीं लगाए गए हैं। इन्हें 6 महीने में बिल भेजा जाता है। आफ सीजन 95 रुपए प्रति हार्स पॉवर प्रति महीना और आनसीजन 170 रुपए प्रति हार्स पॉवर प्रति महीना के हिसाब से बिल भेजा जाता है। जबकि यह नियम के विपरीत है। 24 घंटे चलने वाले इन पंपों से आप को अंदाजा लग जाना चाहिए कि कितनी यूनिट बिजली खपाई जाती है। फिर भी इन्हें चंद रुपए का फ्लैट रेट के हिसाब से बिल भेजा जाता है। इसमें एई, जेई सभी जिम्मेदार हैं।
यहां सबसे ज्यादा होता है उपयोग
कृषि मोटरपंप रीवा शहरी क्षेत्र में अधिकंाश कामर्शियल जगहों पर लगा हुआ है। इनका कृषि से कोई लेना देना नहीं है। विभागीय अधिकारियों से सांठगांठ कर फ्लैट रेट कर लिया गया है। विवाहघर, बड़े बड़े होटलों में कृषि पंप कनेक्शन हैं। इसके अलावा रीवा में 100 से अधिक पानी बोटल, पाउच की फैक्टियां और वाटर सप्लायरों के कारखाने हैं। शहरों में अधिकांश जगहों पर इन्हीं के यहां से मीठा पानी दुकानों और घरों में पहुंचता है। इन्हें महीने में सिर्फ 400 से 600 रुपए ही बिलिंग होती है।
रीवा में अभयदान, नरसिंहपुर में एई से निकली रिकवरी
हद तो यह है कि रीवा में करीब 730 कृषि पंप फ्लैट रेट पर चल रहे हैं। किसी भी अधिकारी पर गाज नहीं गिरी। वहीं मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के ही नरसिंहपुर जिला में सहायक अभियंता पर इसी लापरवाही पर 5 लाख 89 हजार 786 रुपए की रिकवरी निकाल दी गई है। सहायक अभियंता प्रसून शर्मा से रिकवरी भी शुरू कर दी गई है। यदि रीवा शहर संभाग के सहायक अभियंताओं पर गाज गिरी तो जोन वन के सहायक अभियंता रविन्द्र कौशल, जोन 2 का सहायक अभियंता सनातन शर्मा, जोन 3 के चन्द्रमणि भास्कर बुरी तरह से फंस जाएंगे।
कहीं भी नहीं लगा है मीटर
शहरी क्षेत्र में कृषि पंप कनेक्शन में कहीं भी मीटर नहीं लगाया गया है। जबकि मीटर के आधार पर ही 24 घंटे बिजली की सेवा लेने वाले उपभोक्ताओं को यूनिट के हिसाब से बिल भेजना है। इसी का फायदा विद्युत विभाग के अधिकारी, कर्मचारी उठा रहे हैं। जो उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाते हैं। उसका कुछ परसेंट हर महीने यही अधिकारी, कर्मचारी वसूल कर ले जाते हैं। वहीं कुछ को जांच के नाम पर डरा कर भी वसूली करते हैं।