संजय गांधी अस्पताल में होने वाले हैं बड़े काम, इन दो कामों से फिर प्रदेश में चमकेगा रीवा, डीएमई ने बैठक में दी हरी झंडी

संजय गांधी अस्पताल में फिर बड़े काम होने वाले हैं। यहां जेनेटिक क्लीनिक की शुरुआत होने जा रही है। सारी तैयारियां कर ली गई है। डीएमई ने भी हरी झंडी दिखा दी है। अब मां के कोख में ही बच्चे की आनुवांशिक बीमारियों का पता चल जाएगा। इसके आवा वर्किंग वुमन के बच्चों के लिए झूला घर बनाया जाएगा। महिलाएं बेफिक्र होकर काम करेंगी और बच्चे खेलते रहेंगे।

संजय गांधी अस्पताल में होने वाले हैं बड़े काम, इन दो कामों से फिर प्रदेश में चमकेगा रीवा, डीएमई ने बैठक में दी हरी झंडी
कार्यकारिणी की बैठक में डीएम‌ई

डीएमई ने अस्पताल का किया निरीक्षण, लापवाही पर लगी स्टोर इंचार्ज को फटकार, बैठक में भी भड़के
रीवा। आपको बता दें कि श्याम शाह मेडिकल कॉलेज की कार्यकारिणी की बैठक के अध्यक्ष डीएमई हैं। उनकी मौजूदगी में ही एजेंडों पर चर्चा और स्वीकृतियां होती है। शुक्रवार को श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में 20 से अधिक नए और पुराने एजेंडे चर्चा के लिए रखे गए। बैठक में डीएमई डॉ अरुण श्रीवास्तव शामिल हुए। इसके अलावा डीन डॉ सुनील अग्रवाल, अधीक्षक डॉ राहुल मिश्रा, उप अधीक्षक डॉ यत्नेश त्रिपाठी, डॉ चक्रेश जैन, डॉ रामाभिलाष दुबे, डॉ अक्षय श्रीवास्तव, डॉ हरिओम गुप्ता सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में मेडिकल कॉलेज की भूमि के सीमांकन से लेकर पुराने एजेंडों की कार्यपूर्णता जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान कई प्रस्ताव पूरे नहीं होने पर डीएमई ने संबंधित जिम्मेदारों को कड़ी फटकार भी लगाई। एक सप्ताह में सभी कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
कई कार्यों का बिल ही पास नहीं हुआ
डीएमई बैठक में कई कार्यों के पूरा नहीं होने पर भड़क गए। हास्टल में गीजर, टेबिल टेनिस जैसे कार्य होने थे। पिछले बैठक में ही इन सभी कार्यों को पूरा करने की स्वीकृति दे दी गई थी। बैठक में सारे काम पेडिंग मिले। इस पर डीएमई संबंधित लिपिक पर भड़क गए। उन्होंने कोई भी फाइल एक सप्ताह से अधिक पेडिंग नहीं रखने के निर्देश दिए। साथ ही पुराने जो भी प्रस्ताव स्वीकृत थे। उन सभी को एक सप्ताह में पूरा करने के निर्देश दिए। काम नहीं होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी।
भूमि सीमांकन पर पीडब्लूडी एसडीओ पर भड़के
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज की काफी जमीन पर अतिक्रमण है। कॉलेज के पास 14 रकबा हैं। करीब 47 हेक्टेयर भूमि हैं लेकिन कुछ रकबे की जमीन का कहीं पता ही नहीं है। यही वजह है कि डीएमई ने पहले भी सीमांकन के निर्देश दिए थे। पीडब्लूडी के एसडीओ से इस संबंध में जानकारी चाही गई तो उन्होंने कलेक्टर को दो मर्तबा पत्र लिखकर सीमांकन के आग्रह किए जाने की जानकारी दी। इस पर डीएमई भड़क गए। उन्होंने तुरंत कमिश्नर को सीमांकन के लिए पत्राचार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि कलेक्टर, एसडीएम, कमिश्नर से भी काम नहीं होता तो पीएस को पत्र लिखिए।
सिकल सेल जैसी गंभीर बीमारियों का गर्भ में पता चलेगा
संजय गांधी अस्पताल में जेनेटिक बीमारियों का पता लगाने के लिए जेनेटिक क्लीनिक की शुरुआत होने जा रही है। डीएमई ने क्लीनिक को जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश दिए हैं। क्लीनिक स्थल का भी निरीक्षण किया। डीएमई ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया है। जेनेटिक क्लीनिक के शुरू होने से सिकल सेल जैसी बीमारियों का पता मां के कोख में ही चल जाएगा। कोख में पल रहे बच्चे की बीमारी का पता चलने के बाद ऐसे बच्चों के जन्म लेने से रोका जा सकेगा।
वर्किंग वुमन साथ आ सकेंगे अस्पताल
संजय गांधी अस्पताल और श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में कई ऐसे कामकाजी महिलाएं हैं जिनके बच्चे छोटे हैं। घर में उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। ऐसी महिलाओं के लिए भी डीएमई ने अस्पताल परिसर या फिर मेडिकल कॉलेज परिसर में ही झूला घर बनाने के निर्देश दिए हैं। डीन और अधीक्षक को जगह का चयन करने के लिए कहा गया है। झूला घर में वर्किंग वुमन के बच्चे रखे जा सकेंगे। ड्यूटी के दौरान बच्चों की देखभाल भी होगी और महिलाएं निश्चिंत होकर काम कर सकेंगी।
जरूरी उपकरणों को खरीदी के दिए निर्देश
डीएमई ने डीन और अधीक्षक को निर्देशित किया कि मरीजों की सुविधाओं के लिए जो भी इक्यूपमेंट की जरूरत हो। उसका प्रस्ताव बनाकर दें और स्वीकृति के बाद खरीदी करें। मरीजों को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। अधिक से अधिक स्ट्रेचर, ईसीजी मशीन सहित अन्य उपकरण खरीदने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा एमरजेंसी वार्ड में आने वाले मरीजों को ज्यादा इंतजार न करना पड़े। इसके लिए भी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
यह व्यवस्थाएं देखकर खुश हुए डीएमई
संजय गांधी अस्पताल में निरीक्षण के दौरान साइन एज नजर आई जो मरीजों को इंट्री से लेकर विभाग तक का पता बताने के लिए बनाई गई है। यह रंग बिरंगी पट्टियां मरीजों की परेशानी विभागों को तलाशने में कम कर रही है। इसे देखकर डीएमई खुश हुए। इसके अलावा एमरजेंसी विभाग के पास ही निराश्रित वार्ड भी बनाया गया है। जहां गरीब और बेसहारा मरीजों को रखकर इलाज दिया जा रहा था। यहां पहुंच कर उन्होंने मरीजों से बातचीत भी की। उनकी समस्याएं भी देखी। इसके लिए अधीक्षक डॉ राहुल मिश्रा की तारीफ की।


अस्पताल का किया निरीक्षण, मेडिकल स्टोर इंचार्ज को दी चेतावनी
डीएमई डॉ अरुण श्रीवास्तव ने बैठक में शामिल होने के पहले अस्पताल का निरीक्षण किया। इसकी शुरुआत सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से की। उन्होंने सुपर स्पेशलिटी में निर्माणाधीन एमआरआई सेंटर का निरीक्षण किया। मेडिकल स्टोर देखा। पांचवी मंजिल में पहुंच कर सीवीटीएस वार्ड में मरीज से मुलाकात की। इसके बाद सुपर स्पेशलिटी के एक्सटेंशन वर्क का अवलोकन किया। फिर गांधी स्मृति चिकित्सालय में नए मैटरनिटी विंग, लेबर ओटी का अवलोकन कर जनरेटर कक्ष तक पहुंचे। यहां से संजय गांधी अस्पताल के मेडिसिन स्टोर पहुंचे। यहां पर दवाइयां सीपेज के कारण खराब हो रही थी। इस पर इंचार्ज को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने तुरंत दवाइयों को जमीन से ऊपर रैक बनाकर रखने के निर्देश दिए। यहां से वह सीधे एमरजेंसी वार्ड पहुंचे। यहां निरीक्षण के बाद मानसिक रोग विभाग पहुंचे। मानसिक रोग विभाग का निरीक्षण कर बैठक में शामिल हुए। निरीक्षण के दौरान डीन, अधीक्षक के अलावा एजाइल के कार्यकारी प्रबंधक पीयूष शुक्ला, प्रशांत पाण्डेय, अस्पताल सहायक प्रबंधक रवि सिंह बघेल, पुष्पेन्द्र पाठक, सीएसओ देवेन्द्र शुक्ला, अनुराग त्रिपाठी सहित अन्य मौजूद रहे।
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हमारा प्रयास अस्पताल की सुविधाओं को बेहतर बनाना है। पहले से बेहतर काम हुआ है।  अस्पताल के निरीक्षण में साफ सफाई बेहतर मिली। स्टोर में दवाइयां खराब हो रही थी। इस पर नाराजगी जताई गई। जेनेटिक क्लीनिक का सेटअप तैयार कर लिया गया है। जल्द इसकी शुरुआत की जाएगी। कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए झूलाघर बनाया जाएगा। बैठक में पुराने कार्य नहीं हुए थे। उन्हें एक सप्ताह में पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। भूमि के सीमांकन के लिए कमिश्नर को पत्र लिखने को कहा गया है।
डॉ अरुण श्रीवास्तव
डीएमई, चिकित्सा शिक्षा विभाग भोपाल