बिलाबांग स्कूल संचालक ने मांगी लिखित में माफी, जानिए गलितियों की सजा कैसे भुगतेगा स्कूल
बिलाबांग स्कूल संचालक ने लिखित में जिला शिक्षा अधिकारी और प्रशासन से माफी मांगी। बैग की वसूली गई कीमत को फीस में समायोजित किए जाने की बात कही। तब जाकर सीज कार्यालय और प्राचार्य कक्ष को खोलने की अनुमति दी गई।
बैग की कीमत स्कूल की फीस में समायोजित की जाएगी
फीस में भी नहीं कर पाएगा बढ़ोत्तरी, पुरानी फीस ही वसूलेगा
रीवा। शनिवार को जिला शिक्षा अधिकारी, तहसीलदार और जिला कोषालय अधिकारी ने बिलाबांग स्कूल में रेड मारी थी। शिकायत मिली थी कि स्कूल का लोगो लगा बैग अग्रसेन बुक डिपो से बेचा जा रहा है। अतिरिक्त वसूली की जा रही है। टीम ने पहले अग्रसेन बुक डिपो में रेड मारी थी। दुकान संचालक ने बताया कि बिलाबाँग स्कूल के बैग स्टीफन स्टोन एकेडमी द्वारा सप्लाई किए जा रहे हैं। इस कंपनी का पता बिलाबाँग स्कूल दर्ज मिला। टीम द्वारा मौके पर जाँच करने पर स्टीफन स्टोन एकेडमी कहीं संचालित नहीं पाई गई। प्राथमिक रूप से स्पष्ट हुआ कि इसका संचालन बिलाबांग स्कूल से ही किया जा रहा है। प्रिंसिपल कक्ष के पीछे के कक्ष में स्कूल का नाम लिखे एवं लोगो लिखे कई बैग बरामद किए गए थे। इसके बाद टीम ने प्राचार्य कक्ष और प्राचार्य कक्ष को सीज कर दिया था। इसके अलावा स्कूल संचालक और प्राचार्य को नोटिस जारी की गई थी। नोटिस के बाद हड़कंप मचा और स्कूल संचालक जवाब लेकर डीईओ के पास पहुंच गए। माफी मांगी इसके बाद ही उन्हें राहत दी गई।
फीस भी नहीं बढ़ाएगा और बैग की राशि समायोजित करेगा
जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा गुप्ता ने बताया कि बिलाबॉग स्कूल के संचालक आशीष काकवानी ने लिखित में सूचना दी है कि विद्यार्थियों से ली गई स्कूल बैग की राशि तथा बढ़ी हुई फीस समायोजित कर दी जाएगी। स्कूल द्वारा सत्र 2023-24 में जितनी फीस ली गई थी उतनी ही फीस सत्र 2024-25 में ली जाएगी। स्कूल के सभी विद्यार्थियों के अभिभावकों को इसकी सूचना दे दी गई है। बिलाबॉग स्कूल विद्यार्थियों से ली जाने वाली फीस के संबंध में शासन द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का पूरी तरह से पालन करेगा। इसके बाद ही कलेक्टर की अनुमति पर सीज कक्ष खोले गए।
अभी भी अवैध वसूली जारी है
प्रशासन की सख्ती के बाद भी निजी स्कूलों की सख्ती जारी है। कई प्राइवेट स्कूलें मनमानी वसूली कर रही हैं। आनलाइन भुगतान की जगह ऑफलाइन वसूली की जा रही है। बढ़ी हुई दरों पर फीस ली जा रही है। अभिभावक परेशान हैं लेकिन बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए शिकायत भी नहीं कर पा रहे हैं। यदि उनके नाम का खुलासा हुआ तो छात्रों के भविष्य के साथ भी यह निजी स्कूलें खिलवाड़ कर सकती हैं। यही वजह है कि इतनी सख्ती के बाद भी स्कूल संचालक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।
अब फीस की जानकारी ही सार्वजनिक नहीं कर रहे
निजी स्कूलों पर कलेक्टर ने सख्ती दिखाई तो अब संचालकों ने फीस की जानकारी ही ओपन करने से हाथ पीछे कर लिए हैं। छात्रों के अभिभावकों को फीस की जानकारी दी जा रही है। स्कूल में कहीं भी फीस की जानकारी चस्पा नहीं की गई है। स्कूल संचालक प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए चुनाव खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। यही वजह है कि स्कूल फीस तो वसूल रहे हैं लेकिन फीस की जानकारी को सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं।