बिलाबांग ने दिखाई होशियारी फिर भी फंस रहा, कलेक्टर की रडार में स्कूलें कईयों पर लगेगा जुर्माना

कलेक्टर के निर्देश पर 30 स्कूलों का निरीक्षण किया गया। टीम ने जांच कर रिपोर्ट एक साथ बनाकर सौंपी। कलेक्टर ने नाराजगी जताई। सभी स्कूलों की रिपोर्ट अलग अलग तलब की है। बिलाबांग 10 फीसदी से अधिक फीस बढ़ाने में फंस गई। इसे बचाने की कोशिश की गई फिर भी रडार पर आ गई है। 20 फीसदी से अधिक फीस अभिभावकों पर थोपा गया। मामला उजागर हुआ तो डीईओ कार्यालय पत्राचार से फीस वृद्धि की जानकारी भेजी है। इसमें भी फंस रही हैं। इसी तरह बालभारती स्कूल, ज्ञानस्थली, राजहंगा, सेंट्रल अकेडमी स्कूलें पुस्तकों के मामले में फंस रही हैं। इन सभी पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।

कलेक्टर ने स्कूलों की जांच रिपोर्ट पर जताई नराजगी, डीईओ को लगाई फटकार
अब सभी स्कूलों की अलग अलग बनाई जा रही जांच रिपोर्ट
रीवा। प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ की गई जांच के बाद सौंपी गई रिपोर्ट से कलेक्टर खुश नहीं हुई। कलेक्टर ने सभी स्कूलों की अलग अलग जांच रिपोर्ट तलब की है। कलेक्टर रीवा की प्राइवेट स्कूलों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है। इसलिए कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट पर अलग से रिपोर्ट तलब की है। बालभारती सहित कई स्कूलें रडार पर हैं।
ज्ञात हो कि नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत प्राइवेट स्कूलों में हो गई है। नए सत्र की शुरुआत के साथ ही फीस और पुस्तकों का दबाव भी अभिभावकों पर बढ़ गया है। लगातार पहुचं रही शिकायतों को देखते हुए कलेक्टर ने तीन टीमें बनाकर 30 स्कूलों की जांच कराई थी। जांच के बाद तीन दिनों में जांच रिपोर्ट कलेक्टर ने तलब की थी। जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच के बाद रिपोर्ट कलेक्टर के पास प्रस्तुत की। कलेक्टर इस रिपोर्ट पर नाखुश हुई। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को इस मामले में नराजगी जताते हुए सभी स्कूलों की अलग अलग रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इस पर अब स्कूल शिक्षा विभाग अलग अलग रिपोर्ट तैयार करने में जुट गया है। इस रिपोर्ट में कई स्कूलें कार्रवाई के दायरे में फंस रही हैं।
इन बिंदुओं पर कराई गई थी जांच
कलेक्टर के पास अभिभावकों की लगातार जांच पहुंच रही थी। इसी मामले में कलेक्टर के निर्देश पर जांच बैठा दी गई। 30 प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ तीन दलों ने जांच की। तीन दिनों तक जांच चली। स्कूलों में फीस वृद्धि और पुस्तकों की जांच की गर्ठ। इसमें पिछले साल और इस साल की फीस वृद्धि की रिपोर्ट खंगाली गई। वहीं पुस्तकों के प्रकाशकों की भी जानकारी जुटाई गई।
अब इसमें फंस गए स्कूल संचालक
कलेक्टर के पास 30 स्कूलों की जांच रिपोर्ट एक साथ प्रस्तु1त की गई। इसमें कलेक्टर विफर गईं। उन्होंने सभी स्कूलों की रिपोर्ट अलग अलग तलब की है। इसमें जांच के दौरान पिछले साल संचालिक प्रकाशकों की किताबें और इस साल संचालित प्रकाशकों की किताबों की जानकारी तलब की गई हैं। अधिकांश स्कूलों ने इस साल एनसीआरटी की पुस्तकें लागू कर दी हंै। इसी में सभी फंस रही हैं। पिछल ेसाल कुछ और इस साल एनसीआरटी की पुस्तकें दिखाने पर जांच के रडार में आ गई हैं। इसी तरह फीस वृद्धि की भी पिछले और इस साल की जांच रिपोर्ट तलब की गई हैं।
सभी पर 10 लाख रुपए जुर्माना लगेगा
कलेक्टर प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को लेकर कार्रवाई करने में मूड में हंै। बार बार निर्देशन के बाद भी प्राइवेट स्कूल संचालक हरकतों से बाज नहीं आ रही हैं। यही वजह है कि कलेक्टर सभी पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाने के मूड में ही हंै। जिला स्तर पर आयोजित पुस्तक मेला में भी जिला प्रशासन की बदनामी हुई। कई अभिभावक निराश होकर लौटे। ऐसे में प्राइवेट स्कूलों से निजी स्कूलों की सांठगांठ की सजा इन्हें मिलनी तय है। निजी प्रकाशकों से सीधे कमीशन के फेर में सांठगांठ के कारण निजी स्कूल संचालक हर साल किताबें बदल देते हैं। 
20 फीसदी से अधिक वृद्ध मिली थी, अब 12.5 फीसदी खुद बता रहा
बिलाबांग इंटरनेशनल स्कूल खुद ही फंस गया है। डीईओ की टीम ने स्कूल पहुंच कर जांच की थी। जांच में लापरवाही मिली थी। 20 फीसदी तक फीस वृद्धि सामने आई थी। वहीं आनलाइन फीडिंग भी नहीं मिली थी। स्कूल संचालक कलेक्टर की रडार पर था। जब जांच रिपोर्ट सौंपी गई तो लीपापोती कर दी गई। बाद में डीईओ कार्यालय बिलाबांग ने बाय पोस्ट जानकारी भेजी। इसमें 12.5 फीसदी फीस वृद्धि करना खुद ही स्वीकार किया है। इसमें भी स्कूल संचालक फंस गया है। जिला स्तर पर 10 फीसदी और इसके ऊपर प्रदेशस्तरीय कमेटी ही फीस वृद्धि का निर्णय ले सकती है।
कई स्कूलें पुस्तकों के संचालन में फंस रहीं
जांच में कई प्राइवेट स्कूलें जांच में फंस रही हैं। एनसीआरटी की पुस्तकें इस साल कई स्कूलों ने लागू की हैं। इसके पहले प्राइवेट प्रकाशकों की पुस्तकें संचालित कर रहे थे। इसके कारण अभिभावकों केा पिछले साल महंगी दरों पर किताबें खरीदनी पड़ी थी। वहीं इस साल एनसीआरटी की पुस्तकें लागू करने पर आर्थिक बोझ कम हो गया है। इस दायरे में बालभारती स्कूल, ज्ञानस्थली, राजहंस, गीतांजलि स्कूल, सेंट्रल स्कूल सहित अन्य स्कूलें आ रही हैं। इन सभी पर जुर्माना तय है।