बोर्ड परीक्षा: संस्कृत के प्रश्न पत्र से इतना डरे छात्र कि 566 आए ही नहीं

एक तरफ संस्कृत विश्वविद्यालय खोला जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ संस्कृत से ही छात्रों को डर लगने लगा है। स्कूलों में संस्कृत पढ़ाया ही नहीं गया। इससे डर कर छात्रों ने परीक्षा से ही दूरी बना ली। 10वीं बोर्ड परीक्षा में संस्कृत का प्रश्न पत्र देने 566 छात्र परीक्षा केन्द्र पहुंचे ही नहीं। इन छात्रों की अनुपस्थिति ने पूरे शिक्षा व्यवस्था और शैक्षणिक स्तर पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।

बोर्ड परीक्षा: संस्कृत के प्रश्न पत्र से इतना डरे छात्र कि 566 आए ही नहीं
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सबसे अधिक रीवा विकासखंड से नहीं आए छात्र, 141 ने छोड़ दी परीक्षा
रीवा।  ज्ञात हो कि हाई और हायर सेकेण्डरी की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो गई है। रीवा में परीक्षा के लिए 99 केन्द्र बनाए गए हैं। इन केन्द्रों में चाकचौबंद सुरक्षा के बीच परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। शुक्रवार को रीवा में संस्कृत की परीक्षा का आयोजन हुआ। इसमें कुल छात्र 31 हजार 504 रजिस्टर्ड थे लेकिन परीक्षा देने सिर्फ 30 हजार 938 ही पहुंचे। 566 छात्रों ने परीक्षा ही नहीं दी। परीक्षा के दौरान हालांकि किसी तरह की व्यवधान नहीं भी उत्पन्न नहीं हुआ। कोई नकल प्रकरण भी नहीं बनाया गया।
कहां कितने छात्र रहे अनुपस्थित
सिरमौर विखासखंड में 3768 में 78, हनुमना में 2840 छात्रों में से 63, मऊगंज में 3191 छात्रों में से 55, रायपुर कर्चुलियान में 1582 छात्र में से 20, जवा में 2644 में से 60, त्योंथर में 2497 में से 51, गंगेव में 3529 में से 52, नईगढ़ी में 1989 में से 46, रीवा  में 9401 में से 141 छात्रों ने परीक्षा ही छोड़ दी। परीक्षा से अनुपस्थित रहे।