बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्र जीपीएस लैस और कोडेड वाहन में पहुंचा, अब यहां पर हुआ कैद, इस दिन निकलेगा लॉकर से प्रश्न पत्र
मप्र बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्र रीवा पहुंच गए हैं। शुक्रवार की सुबह भोपाल से ट्रक में बंद प्रश्न पत्र समन्वयक संस्था पहुंचा। अनकोडिंग के बाद ट्रक खोला गया। कलेक्टर प्रतिनिधि, डीईओ प्रतिनिधि, सीईओ और माशिमं के अधिकारियों की मौजूदगी में प्रश्न पत्र समन्वयक संस्था के लॉकर में लॉक किया गया। यह लॉकर अब 21 और 22 फरवरी को खुलेगा।
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केन्द्राध्यक्षों को ट्रेनिंग के दिन मिलेगा लिफाफे में केन्द्र का नाम
परीक्षा केन्द्रों में इस मर्तबा दो सहायक केन्द्राध्यक्ष होंगे तैनात
रीवा। मप्र बोर्ड परीक्षा की तैयारियां अब अंतिम पड़ाव पर है। 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्र भी रीवा पहुंच गए हैं। शुक्रवार को भोपाल से जीपीएस लैस ट्रक से प्रश्न पत्र रीवा पहुंचे। मार्तण्ड स्कूल क्रमांक एक समन्वयक संस्था में अधिकारियों की मौजूदगी में ट्रक से प्रश्न पत्र उतार कर लॉकर में लॉक कर दिया गया है। प्रश्न पत्रों का वितरण 21 और 22 फरवरी को समन्वयक संस्था से ही किया जाएगा। प्रश्न पत्रों का वितरण 21फरवरी को ग्रामीण क्षेत्रों के केन्द्राध्यक्षों को किया जाएगा। 22 फरवरी को शहरी क्षेत्र के केन्द्रों को वितरित किया जाएगा। इसमें केन्द्राध्यक्ष और सहायक केन्द्राध्यक्षों की मौजूदगी अनिवार्य रहेगी। 10वीं और 12वीं के प्रश्न पत्र दोनों ही एक साथ वितरित किए जाएंगे। प्रश्न पत्रों को केन्द्राध्यक्ष समन्वयक संस्था से ले जाने के बाद केन्द्र के करीबी थाना में सुरक्षित रखवाएंगे।
दो सहायक केन्द्राध्यक्ष किए जाएंगे तैनात
बोर्ड परीक्षा को लेकर इस मर्तबा सख्त नियम और व्यवस्थाएं बनाई गई हैं। बोर्ड परीक्षा में केन्द्रों में इस मर्तबा दो सहायक केन्द्राध्यक्ष तैनात रहेंगेे। एक परीक्षा केन्द्र परीक्षा प्रभारी को बनाया गया है। वहीं दूसरा सहायक केन्द्राध्यक्ष माशिमं की तरफ से तैनात किया जाएगा। रेंडमाइजेशन से उच्च माध्यमिक शिक्षकों को माशिमं की तरफ से तैनात किया जाएगा। दोनों ही सहायक केन्द्राध्यक्ष परीक्षा की तैयारियों में सहायता करेंगे। इतना ही नहीं प्राइवेट स्कूल जिन्हें परीक्षा केन्द्र बनाया गया है। वहां के स्टाफ की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। ऐसे में इन केन्द्रों में भी सरकारी शिक्षकों को ही सहायक केन्द्राध्यक्ष तैनात किया जाएगा।
ट्रेनिंग के दिन मिलेगा केन्द्रों के नाम का लिफाफा
बोर्ड परीक्षा के लिए केन्द्राध्यक्ष तय कर दिए गए हैं। रेंडमाइजेशन से केन्द्रों के केन्द्राध्यक्षों का नाम भी फाइनल कर लिया गया है। एनआईसी में रेंडमाइजेशन से केन्द्राध्यक्ष तय किए गए हैं लेकिन किस प्राचार्य को किस केन्द्र का केन्द्राध्यक्ष बनाया गया है। इसका खुलासा नहीं हुआ है। 17 और 18 फरवरी को केन्द्राध्यक्षों की ट्रेनिंग होनी है। इसी दिन इन सभी केन्द्राध्यक्षों को लिफाफा मिलेगा। इस लिफाफे में ही केन्द्रों के नाम दर्ज रहेंगे।
कक्ष में सीधे खुलेगा प्रश्न पत्र का लिफाफा
इस मर्तबा प्रश्न पत्र भी भोपाल से केन्द्रवार और कक्षवार सेट होकर आए हैं। अब केन्द्रों में पहुंचने के बाद कक्षवार प्रश्न पत्रों को सेट करने की जरूरत नहीं होगी। भोपाल से ही कक्षवार और छात्रसंख्या के अनुसार ही सेट तैयार कर भेजा गया है। थानों से कलेक्टर प्रतिनिधि की मौजूदगी में प्रश्न पत्र उठाएं जाएंगे। निर्धारित रूट से ही प्रश्न पत्र केन्द्रों तक पहुंचेगा। इसके बाद कक्ष में पहुंचने के बाद ही प्रश्न पत्रों का लिफाफा छात्रों के सामने ही खोला जाएगा। इतना ही नहीं इस मर्तबा केन्द्राध्यक्षों के मोबाइल रखने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सिर्फ कलेक्टर प्रतिनिधि के पास ही मोबाइल फोन रहेगा। प्रश्न पत्र थाना से उठाते समय कलेक्टर प्रतिनिधि को सेल्फी भी लेनी होगी।
रेग्युलर प्राचार्यों की ही ड्यूटी लगाई गई है
बोर्ड परीक्षा में इस मर्तबा सख्ती कुछ ज्यादा ही बरती गई है। इस मर्तबा रेग्युलर प्राचार्यों को ही केन्द्राध्यक्ष बनाया गया है। अब ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी महिला प्राचार्यों को होगी। रीवा जिला में 50 फीसदी प्राचार्य के पदों पर महिलाएं पदस्थ हैं। इन महिलाओं को यदि दूर दराज में रेडमांइजेशन से केन्द्र मिले तो उन्हें वहां समय पर पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। मऊगंज जिला के केन्द्राध्यक्षों की ड्यूटी मऊगंज जिला में ही लगाई जाएगी लेकिन रीवा का क्षेत्र व्यापक है। ऐसे में यदि रीवा के प्राचार्यों की ड्यूटी जवा और त्योंथर में लगी तो उन्हें समय पर पहुंचने में परेशानियां उठानी होगी। सुबह 6 बजे थानों में प्रश्न पत्र लेने पहुंचना अनिवार्य किया गया है।