चन्द्रयान 3 की लैंडिंग लाइव देखें https://www.youtube.com/live/DLA_64yz8Ss?feature=share

भारत इतिहास रचने वाला है। चांद ही सतह से अब चन्द्रयान 3 कुछ ही दूर पर है। शाम को 6.04 बजे लैंडर और रोवर चन्द्रमा के दक्षिणी धु्रवीय क्षेत्र में उतरेगा। इस समय का पूरा देश और विश्व बेसब्री से इंतजार कर रहा है। इस पल का सभी साक्षी बनने को तैयार हैं।

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chandrayan3

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बेंगलुरु। इसरो का मिशन चंद्रयान-3 चांद पर अब सफलता के कदम छूने वाला है। लैडिंग की पूरी तैयारी कर ली गई है। बुधवार को चन्द्रयान 3 की सफल लैडिंग कराई जाएगी। यदि लैडिंग सफल रही तो ऐसा करने वाला भारत विश्व का चौथा देश बन जाएगा। भारत की सफलता पूरा विश्व देखेगा। चांद पर लैडिंग के पहले से ही विक्रम चांद की तस्वीरें जारी करने लगा है। चांद से पृथ्वी की भी तस्वीरें भेजी गई हैं।
चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रवीय क्षेत्र में उतरेगा
इसरो ने बताया कि तीसरा चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) बुधवार शाम को चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है। भारत ऐसा पहला देश है, जो चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 को लैंड कराएगा। इसरो के मुताबिक, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) वाला एलएम बुधवार शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के पास उतरेगा।
फिर 27 को लैडिंग कराई जाएगी
इसरो ने मंगलवार दोपहर को बताया कि मिशन तय समय पर है। सिस्टम की नियमित जांच हो रही है। सुचारू रूप से उड़ान जारी है। इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश देसाई ने कहा कि अगर 23 अगस्त को स्थिति असामान्य पाई जाती है, तो हम लैंडिंग में चार दिन की देरी कर 27 अगस्त कर देंगे।
इन्होंने चांद पर की है फतह
चंद्रयान-3 इसरो का चार साल के भीतर दूसरा मिशन है। अगर इसरो इस प्रयास में चंद्रमा पर टचडाउन करने और रोवर को उतारने में सफल हो जाता है, तो भारत अमेरिका, चीन और सोवियत संघ (अब रूस) के बाद ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। चंद्रयान-3 का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट-लैंडिंग करना है। इसके साथ ही चंद्रमा पर घूमना और इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना है। इससे पहले इसरो ने चंद्रयान-2 लॉन्च किया था, लेकिन उसका लैंडर विक्रम सात सितंबर, 2019 को टच डाउन करते वक्त क्रैश कर गया था। चंद्रयान का पहला मिशन 2008 में लॉन्च किया गया था।

चंद्रयान-3 पर 600 करोड़ रुपए हुए खर्च
मिशन चंद्रयान-3 पर 600 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था। इसके चंद्रमा के दक्षिणी ध्रव तक पहुंचने के लिए 41 दिन का समय निर्धारित किया गया था। जो अपने तय समयानुसार 23 अगस्त को चांद की सतह पर लैंड करेगा और सफल लैंडिंग करते ही नया इतिहास रचा जाएगा।
गति हो जाएगी धीमी
विक्रम लैंडर जिस समय चांद की सतह पर लैंड करेगा उस समय उसकी गति भी धीमी हो जाएगी। वह करीब 2 मीटर प्रति सेकंड की स्पीड से लैंड करेगा। होरीजोंटल गति 0.5 मीटर प्रति सेकंड होगी। विक्रम लैंडर 12 डिग्री झुकाव वाली ढलान पर उतर सकता है। इस गति दिशा और समतल जमीन खोजने पर ये सभी यंत्र विक्रम लैंडर की मदद करेंगे। सभी यंत्र लैडिंग के करीब 500 मीटर पहले एक्टिव हो

मप्र की स्कूलों में लाइव दिखाई जाएगी
संचालक लोक शिक्षण संचालक लोक शिक्षण ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को चन्द्रयान 3 मिशन की लाइव स्ट्रीमिंग देखने के लिए विद्यालयों में विशेष व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। भारत के चन्द्रयान 3 मिशन अंतरिक्ष अन्वेषण की खोज में एक मील का पत्थर है। यह मिशन भारतीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं उद्योग के लिए सााि ब्रांड इंडिया के लिए भी एक बड़ा कदम है। भारत के चन्द्रयान 3 की चन्द्रमा पर लैडिंग एक यादगार अवसर है जो विद्यार्थियों के मन में अंतरिक्ष विज्ञान अन्वेषण के लिए जिज्ञासा को बढ़ावा देगा। इसके साथ ही विद्यार्थियों के मन में राष्ट्रीय गर्व एवं एकता की भावना उत्पन्न करेगा। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 23 अगस्त को शाम 5.27 बजे से शुरू होगा। डीडी नेशनल टीवी चैनल, इसरो वेब साइट, इसरो फेसबुक पर इसे दखो जा सकेगा। जिले के सभी स्कूलों में 5.30 से 6.30 बजे तक विशेष सभा आयोजित एवं लाइव टेलीकास्ट की व्यवस्था कर शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की सहभागिता के निर्देश दिए गए हैं।