मप्र में मचा घमासान, नाथ जाएंगे कमल के साथ! अचानक दिल्ली जा पहुंचे
मप्र की राजनीति में फिर भूचाल मचा हुआ है। कमलनाथ के भाजपा में जाने की अटकलेें तेज हो गईं हैं। अचानक दिल्ली जाने से इन अटकलों को और बल मिला है। कमलनाथ के साथ कई और भी विधायक हैं। जो कमलनाथ के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। ऐसा हुआ तो मप्र के कांग्रेस की राजनीति को तगड़ा झटका लेगा। वहीं भाजपा को कमलनाथ के पार्टी में आने का जबरदस्त फायदा मिलेगा। दिन भर सोशल मीडिया में कमलनाथ को लेकर अटकलों का दौर जारी रहा। उनके बेटे नकुलनाथ के सोशल मीडिया एकाउंट के स्टेटस से शुरू हुई अटकलें कमलनाथ के दिल्ली पहुंचने तक जारी रही। फिलहाल अब सब की नजर कमलनाथ पर टिकी हुई है। कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ से संपर्क में बने हुए हैं।
भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस में भाजपा बड़ी सेंध लगाने की तैयारी में है। सूत्रों की मानें तो एक दो दिन में कमलनाथ जहां अपने सांसद पुत्र नकुल नाथ के साथ भाजपा का दामन थाम सकते हैं, तो वहीं 23 से भी ज्यादा कांग्रेस विधायक भी कांग्रेस का हाथ छोड़ सकते हैं। यानि भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को तोडऩे की तैयारी मे ंहै। कांग्रेस में सियासी हलचल के बीच पूर्व सीएम कमलनाथ अपने सांसद पुत्र नकुलनाथ के साथ दिल्ली में हैं। सूत्रों की मानें तो कमलनाथ के अलावा 23 से ज्यादा कांग्रेसी विधायक भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। सूत्रों की मानें तो इसकी पटकथा लिखी जा चुकी है, पर इसे मूर्त रूप देना बाकी है। ऐसी चर्चाएं हैं कि नाथ अपने सांसद पुत्र के साथ सोमवार को भाजपा में विधिवत तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी दिल्ली में भगवा अंग वस्त्र पहनकर भाजपाई बनेंगे। उनके साथ नकुल नाथ भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे। सूत्रों का यह भी कहना है कि जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्यप्रदेश में होगी, उस दौरान 23 से भी ज्यादा कांग्रेसी विधायक भाजपा का साथ छोड़ सकते हैं। इसके कुछ दिनों बाद पार्टी के पूर्व विधायक, मंत्री और नाथ के करीबी बड़े नेता भी भाजपा का दामन थामेंगे। यानि कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा कांग्रेस पर तीन स्तर पर राजनैतिक प्रहार करेंगी।
9 बार सांसद रहे नाथ:
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे कहे जाने वाले कमलनाथ छिंदवाड़ा से 9 बार सांसद रहे हैं, उनकी पत्नी अलका नाथ और उनके मौजूदा पुत्र नकुल मौजूदा सांसद हैं, यानि कि नाथ परिवार 11 बार से छिंदवाड़ा संसदीय सीट पर निर्वाचित हुए हैं। 1980 में पहली बार छिंदवाड़ा सीट से लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार बने। इसी सीट पर चुनावी सभा को संबोधित करते हुए इंदिरा गांधी ने उन्हें अपना तीसरा बेटा बताते हुए वोट मांगे थे। इसके बाद वे 1984, 1990, 1991, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014) सांसद रहे। नाथ वर्ष 2,000-2018 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव रहे। इसके बाद उन्होंने मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का दायित्व संभाला। 2019 में मुख्यमंत्री बनने के बाद वह पहली बार छिंदवाड़ा से विधायक बने। 20 मार्च 2020 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया। 2023 में फिर से वे छिंदवाड़ा से विधायक चुने गए। इसी चुनाव में पार्टी की पराजय पर प्रदेशाध्यक्ष पद छोड़ा।
कई विभागों के केन्द्रीय मंत्री रहे नाथ
केंद्रीय मंत्री के तौर पर कमलनाथ के पास कई अहम विभाग का दायित्व निभाते रहे। नाथ 1991 से 1994 तक केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री, 1995 से 1996 केंद्रीय कपड़ा मंत्री, 2004 से 2008 तक केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री, 2009 से 2011 तक केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री और 2012 से 2014 तक शहरी विकास व संसदीय कार्य मंत्री रहे हैं। विधानसभा में सबसे कमजोर स्थिति होगी: यदि भाजपा की रणनीति के तहत फैसले होते हंै, तो मध्यप्रदेश कांग्रेस विधानसभा में अब तक की सबसे कमजोर स्थिति में पहुंच जाएगी। वर्तमान में कांग्रेस के 66 विधायक में से 23 भाजपा में चले जाएंगे, जिससे 43 विधायक ही बचेंगे। यह संख्या विधानसभा में अब तक की सबसे कम संख्या होगी, इससे पहले वर्ष 2013 में कांग्रेस के 58 विधायक ही जीतकर पहुंचे थे।
सांसद नकुल नाथ की पत्नी होंगी प्रत्याशी
सूत्रों का कहना है कि सांसद नकुल नाथ भले ही स्वयं छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव लडऩे का दावा कर चुके हों, लेकिन भाजपा नकुल नाथ की पत्नी प्रिया नाथ को छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ाने के मूड में है। राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा नाथ को राज्यसभा से दिल्ली भेज सकती है और उनके चुने जाने के बाद रिक्त छिंदवाड़ा विधानसभा से नकुल नाथ को उपचुनाव लड़ाकर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय किया जाएगा।
कमल नाथ के आने से महाकौशल क्षेत्र में भाजपा होगी मजबूत
लोकसभा में मध्यप्रदेश कांग्रेस का सूपड़ा साफ करने का लक्ष्य कमलनाथ के आने से पूरा हो सकता है। जानकार मान रहे हैं कि पिछले कई वर्षों से महाकौशल पर अपनी राजनैतिक पकड़ बनाने में जुटी भाजपा को अपेक्षित परिणाम नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में पार्टी ने नाथ को भाजपा में शामिल होने का ऑफर दिया है। भाजपा को उम्मीद है कि कमलनाथ के आने से छिंदवाड़ा सहित पूरे महाकौशल में भाजपा मजबूत होगी और यहां से कांग्रेस का सूपड़ा पूरी तरह से साफ हो जाएगा। इसके अलावा आदिवासी बाहुल्य दूसरे क्षेत्रों में भी भाजपा को लाभ मिलेगा।