मुख्यमंत्री कन्या विवाह में फर्जीवाड़ा: करना था 1154 रुपए का भुगतान और पास हो रहा 4 हजार का बिल

प्रदेश सरकार की अति महत्वकांक्षी कन्या विवाह योजना में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। योजना के तहत टेंट व नाश्ता की व्यवस्था पर ही लाखों का खेल कर दिया गया है। प्रति जोड़ा 1156.31 रुपये का टेंडर जारी किया गया है, जबकि इसका भुगतान पांच गुना से भी ज्यादा यानी करीब 6 हजार रुपये के दर से किया जा रहा है। जनपद पंचायत व नगरीय निकाय के अधिकारी व कर्मचारी इसमें संलिप्त है, जो कमीशन के लिये ठेकेदारों को उपकृत करने का काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री कन्या विवाह में फर्जीवाड़ा: करना था 1154 रुपए का भुगतान और पास हो रहा 4 हजार का बिल
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रीवा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश की शिवराज सरकार ने गरीब व निराश्रित परिवार की बेटियों की शादी के लिये कन्या विवाह योजना चला रही है। इसकी जबावदारी जनपद पंचायत व नगरीय निकाय को दी गई है। बजट सरकार उपलब्ध करा रही है। लेकिन रीवा जिले में इस योजना के तहत लाखों का गबन करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बताया गया है कि संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण कार्यालय रीवा संभाग से विवाह कार्र्यक्रम का आयोजन कराने के लिये टेंट, नाश्ता व भोजन समेत अन्य व्यवस्थाओं के लिये टेंडर जारी किया गया था। दो फर्मों को प्रति जोड़ा 1156 रुपये 31 पैसे की दर से टेंडर दिया गया है। लेकिन अब इसमें भुगतान 6 हजार रुपये की दर से किया जा रहा है।
इन फर्मों को मिला है ठेका
जानकारी के अनुसार संयुक्त संचालक सामाजिक न्याया एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण कार्यालय से 20 फरवरी 2023 को टेंडर ओपेन किया गया। इस दौरान दुर्गा टेंट हाऊस एवं लाइट डेकोरेशन सिविल लाइन बोदाबाग रीवा व पवन टेंट हाऊस रीवा को ठेका दिया गया। उक्त फर्मों ने सबसे कम 1156.31 रुपये टेंडर राशि डाली थी। लेकिन अब उक्त फर्मों के संचालक करीब 6 हजार रुपये प्रति विवाह की दर से बिल लगा रहे हैं, जिसे जनपद व नगरीय निकायों से पास भी किया जा रहा है।
58 लाख से अधिक का फर्जीवाड़ा
विभागीय सूत्रों ने बताया है कि जिले के सभी जनपदों में मिलाकर अब तक करीब 1202 कन्याओं का योजना के तहत विवाह कराया जा चुका है। जिसका बिल टेंडर के हिसाब से 13 लाख 89 हजार 885 रुपये होना चाहिये। लेकिन  टेंडर पाने वाली फर्म दुर्गा टेंट एवं पवन टेंट ने करीब 6 हजार रुपये के मान से 72 लाख रुपये का बिल लगाया है। दावा किया गया है कि उक्त भुगतान किया भी जा चुका है। ऐसे में इस मामले में अब तक  58 लाख से अधिक का फर्जीवाड़ा जनपद पंचायत व नगरीय निकाय द्वारा किया गया है।
इन जनपदों का मिला टेंडर
पवन टेंट हाऊस रीवा: रायपुर कर्चुलियान, त्योंथर, सिरमौर, नईगढ़ी, गंगेव एवं संबंधित नगरीय निकाय
दुर्गा टेंट एवं लाइन डेकोरेशन: रीवा, हनुमना, मऊगंज, जवा व संबंधित नगरीय निकाय
1156 रुपये में करनी थी 36 व्यवस्थाएं
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण कार्यालय से जो टेंडर दिये गये हैं। उसके तहत टेंडर पाने वाली दोनों फर्मों को 1156 रुपये 31 पैसे में 36 तरह की व्यवस्थाएं करनी थी। जिसमें टेंट, बैंड-बाजा, पंडित, काजी, नाई, पानी, लाइट, स्टेज, पूजन सामग्री एवं भोजन व नाश्ता समेत 36 सामग्री व व्यवस्थाएं शामिल है।
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मेरे संज्ञान में मामला नहीं है। यदि टेंडर राशि से अधिक का भुगतान किया जा रहा है तो उसकी जांच करा कर संबंधितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। इसके अलावा फर्मों का टेंडर भी निरस्त किया जा सकता है।
सौरभ सोनबणे, सीईओ जिपं रीवा
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कन्या विवाह योजना के लिये चार फर्मों ने टेंडर डाला था। जिसमें से दो फर्में एल-1 राशि 1156.31 रुपये में कार्य करने की सहमति दी थी। यदि इस राशि से अधिक का बिल भुगतान हो रहा है तो जांच करा कर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
अनिल दुबे, जेडी
सामाजिक न्याय विभाग रीवा