खतरे में चोरहटा का नया एयरपोर्ट, यहां इतना खतरनाक फ्यूल छोड़ गई है फालकन की जो सब कुछ कर देगी जलाकर राख
चोरहटा हवाई अड्डा के विस्तार में फाल्कन एविएशन का खतरनाक फ्यूल बाधक बन गया है। मौके पर करीब 176 बैरल फ्यूल डंप है। इसे नष्ट कराया जाना है। इसे देखकर प्रशासन के भी हाथ पैर फूल रहे हैं। जब तक इसे नष्ट नहीं कराया जाएगा तब तक चोरहटा हवाई अड्डा पर खतरा भी मंडराता रहेगा।
176 बैरल से अधिक खराब फ्यूल है डंप, प्रशासन को कराना है नष्ट
रीवा।ज्ञात हो कि चोरहटा हवाई पट्टी को शुरुआती समय में फाल्कन एविएशन को ट्रेनी विमान उड़ाने के लिए सौंप दिया गया था। फाल्कन एविएशन के साथ ही सरकार ने अनुबंध किया था। ट्रेनी विभाग उड़ाने के साथ ही इसे ही रीवा से कई शहरों के लिए फ्लाइट का संचालन भी किया जाना था। इसी बीते इंडियन एयरपोर्ट अथॉरिटी से अनुबंध कर लिया और चोरहटा हवाई पट्टी को विस्तार के लिए आईएआई को 99 साल की ली पर दे दिया गया। अब एयरपोर्ट बन कर तैयार हो गया है। 1400 मीटर लंबा रनवे बनाया गया है। इसका ट्रायल डिप्टी सीएम कर चुके हैं। अब यहां से उड़ान शुरू करने की तैयारी है। चोरहटा हवाई अड्डा को शुरू करने से पहले इसके विस्तार कार्य को पूरा करना है और क्षेत्र को भी सुरक्षित किया जाना है। चोरहटा हवाई अड्डा में कुछ खराब फ्यूल भी भारी मात्रा में डंप है। इसे नष्ट किए या हटाए बिना एयर पोर्ट को शुरू करना खतरनाक हो सकता है। यही वजह है कि अब इस खराब फ्यूल को सबसे पहले नष्ट किया जाना है। इसकी जिम्मेदारी प्रशासन को सौंपी गई है। हालांकि फ्यूल इतनी अधिक मात्रा में है कि इसे नष्ट करने से पहले ही देखकर अधिकारियों के होश उड़ गए हैं।
176 बैरल फ्यूल हवाई अड्डा में है डंप
मिली जानकारी के अनुसार चोरहटा हवाई पट्टी को पहले फालकन एविएशन को दिया गया था। इसे यहां पर विमान को खड़ा करने और उड़ान भरने के सारे इंतजाम किए हुए थे। यहां बड़े बड़े गैलन में फ्यूल भी भरकर रखा गया था। इसका उपयोग समय पर नहीं हुआ तो वह खराब हो गया है। फाल्कन एविएशन ने अपना निर्माण कार्य तो हटा लिया। ट्रेनी विमान भी साथ ले गया लेकिन खराब फ्यूल नहीं ले जा पाया। यही वजह है कि अब हवाई अड्डा की शुरुआत में यही खराब फ्यूल बाधक बन रहा है। मौके पर करीब 176 बैरल फ्यूल मौजूद हैं। इसे नष्ट किया जाना है। नष्ट करने के लिए हवाई अड्डा में ही व्यवस्था की गई है लेकिन गर्मी के कारण इसे पूरी प्रक्रिया को शुरू नहीं किया जा सका। अब मौसम के ठंडे होने का इंतजार किया जा रहा है। जिससे किसी तरह की अनहोनी से बचा जा सके।