बोर्ड परीक्षा की तैयारियों का कलेक्टर ने सम्हाला मोर्चा, मैरिट के लिए छात्रों को तैयार करने चलेगा आपरेशन निखार

बोर्ड परीक्षा में बेहतर परिणाम लाने अब कलेक्टर ने मोर्चा सम्हाल लिया है। 10वीं और 12वीं में पढ़ रहे कमजोर छात्रों के लिए निदानारात्मक कक्षाओं के संचालन के आदेश जारी किए गए हैं। इसके अलावा तिमाही में टॉप 10 वाले छात्रों के लिए आपरेशन निखार चलाया जाएगा। इसके तहत दोनों ही कक्षाओं से 10-10 छात्रों को चिन्हित कर उन्हें मैरिट सूची में जगह बनाने के लिए तैयार किया जाएगा। निदानात्मक कक्षाओं के संचालन और प्रगति की समीक्षा हर सप्ताह सोमवार को कलेक्टर टीएल बैठक में करेंगी।

बोर्ड परीक्षा की तैयारियों का कलेक्टर ने सम्हाला मोर्चा, मैरिट के लिए छात्रों को तैयार करने चलेगा आपरेशन निखार
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10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए चलाई जाएंगे रिमेडियल कक्षाएं
तिमाही में टॉपर छात्रों को मैरिट के लिए तैयार किया जाएगा
रीवा। हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों की मंडल से बोर्ड परीक्षा आयोजित की जानी है। इसे ध्यान में रखते हुए शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के कक्षा 10वीं, 12वीं के ऐसे छात्र एवं छात्राएं जो डी और ई श्रेणी के हैं। उनके लिए निदानात्मक कक्षाओं का संचालन नियमित कक्षाओं के संचालन के पूर्व समय चक्र तैयार कर अनिार्य रूप से किए जाने के निर्देश कलेक्टर ने दिए हैं। इसके लिए लोक शिक्षण संचालनालय से निदानात्मक कक्षाओं के लिए प्राप्त मॉडयूल विद्यार्थी अभ्यास पुस्तिका एवं कक्षा 10वीं के लिए वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के अभ्यास के लिए विशेष विशेषज्ञों द्वारा निर्मित वन लाइन का उपयोग किया जाएगा। पिछले 3 वर्षों के प्रश्न पत्रों का अभ्यास कराया जाना है। निदानात्मक कक्षाओं में साप्ताहिक मूल्यांकन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
तिमाही में टॉप 10 छात्रों को मैरिट के लिए तैयार किया जाएगा
कलेक्टर ने कहा है कि कक्षाओं के संचालन के बाद समय चक्र तैयार कर कक्षा 10वीं के त्रैमासिक परीक्षा की मैरिट अनुसार 10 छात्र एवं कक्षा 12वीं के संकायवार त्रैमासिक परीक्षा की मैरिट अनुसार 10 छात्रों का चयन कर नियमित कक्षा का संचालन किया जाए। इन छात्रों की विशेष तैयारी के लिए साप्ताहिक विश्लेषण कर प्रवीण्य सूची में स्थान लाने का प्रयास किया जाए। इस अभियान को ऑपरेशन निखार नाम दिया गया है। अभियान का उद्देश्य यह है कि माध्यमिक शिक्षा मंउल द्वारा आयोजित बोर्ड परीक्षाओं में परीक्षाफल शत प्रतिशत रहे और विद्यार्थी प्रदेश के प्रवीण्य सूची में स्थान प्राप्त करें। अभियान की प्रति सप्ताह सोमवार को कलेक्अर टीएल बैठक में समीक्षा भी करेंगी।
वार्षिक परीक्षा प्रारंभ होने तक चलेगीं कक्षाएंं
त्रैमासिक परीक्षाओं का विश्लेषण विमर्श पोर्टल पर उपलब्ध है। प्रत्येक शाला के पास सी, डी और ई ग्रेड के विद्यार्थियों की सूची मौजूद है। ई ग्रेड में भी दो श्रेणियां बनाई गई हैं। ई1 ग्रेड अर्थात ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने 20 से 33 के मध्य अंक प्राप्त किए हैं। ई2 ग्रेड अर्थात ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने 0 से 20 अंक प्राप्त किए हैं। ई 1 श्रेणी के विद्यार्थियों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा, ताकि ये विद्यार्थी न्यूनतम दक्षता प्राप्त कर सके व ऐसी शालाएं जहां डी एवं ई ग्रेड के अलग अलग सेक्शन निर्मित हैं। वहां सभी कालखंड में रेमेयिल टीचिंग के 2 कालखंड में भी ऐसे सेक्शन के लिए प्रत्येक दिवस किन्हीं 2 विषयों के लिए 80-80 मिनट के कालखंड एवं शेष 4 विषयों के 40-40 मिनट के कालखंड होंगे। 10 मिनट वाले कालखंड के विषय प्रतिदिन परिवर्तित रहेंगे। यदि प्रथम दिवस हिंदी एवं अंग्रेजी के 80 मिनट हैं तो अगले दिन विज्ञान एवं गणित के 80 मिनट के कालखंड होंगे।
छात्रों को होम वर्क भी दिया जाएगा
प्रत्येक विषय के लिए रेमेडियल की प्रत्येक विद्यार्थी की एक कॉपी बनवाई जाएगी। जो शिक्षक अध्यापन कराएंगे वह प्रतिदिन की दिनंाक एवं टॉपिक कापी में लिखवाएंगे। विद्यार्थियों से बार बार अभ्यास कराकर उन्हें दक्ष बनाएंगे।  निदानात्मक कक्षाओं का मूल उद्देश्य विद्याॢर्थयों से सतत अभ्यास कराकर उन्हें दक्ष बनाना है। प्रतिदिन निदानात्मक शिक्षण से संबंधित विषय पर अलग से कक्षा कार्य एवं गृह कार्य देना होगा। इसके साथ ही कापियों का मूल्यांकन कर गलतियों को सुधरवाना होगा। हर दिन विषय के 5 प्रश्न याद करने के लिए गृह कार्य दिया जाएगा।
सप्ताह में टेस्ट भी लिया जाएगा
विद्यार्थियों का प्रति सप्ताह टेस्ट लिया जाएगा। विषय शिक्षकों द्वारा मूल्यांकन कर रिकार्ड संधारित किया जाएगा। टेस्ट के आधार पर विद्यार्थी क्या सीख नहीं पाया इसका आंकलन कर उन विद्यार्थियों को पुन: उसी टॉपिक को पढ़ाया जाएगा। निरीक्षणकर्ता विद्यार्थियों को कापी देखकर रेमेडियल टीचिंग का अवलोकन करेंगे।