कांग्रेसियों को रास नहीं आ रहे राजेन्द्र शर्मा, पार्टी छोड़कर भाजपा में भाग रहे

कांग्रेस ने रीवा से राजेन्द्र शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से ही कांग्रेसियों का उत्साह कम होने लगा है। अभी से हारी मार लिए हैं। यही वजह है कि कांग्रेसी भाजपा की तरफ भाग रहे हैं। हर दिन कांग्रेसी भाजपा की सदस्यता ले रहे हैं। कई दिग्गज नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया है। कुलवंत सेम्भी जैसे नेताओं ने साथ छोड़ दिया है। इसके अलावा हर दिन भाजपा के उम्मीदवार और मंत्री राजेन्द्र शुक्ला के हाथों सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं। आने वाले दिनों में कहीं कांग्रेस ही हालत और खराब न हो जाए। सारे कांग्रेसी भाजपाई न हो जाएं।

कांग्रेसियों को रास नहीं आ रहे राजेन्द्र शर्मा, पार्टी छोड़कर भाजपा में भाग रहे

रीवा। प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री राजेंद्र शुक्ल के हाथों वार्ड क्रमांक 9 के पूर्व कांग्रेसी पार्षद शांति पांडे की अगुवाई में जवाहरलाल पांडे  मनोज पांडे सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने सभी को पार्टी का अंग वस्त्र पहनाकर पार्टी में स्वागत किया।  इसी तरह वार्ड  क्रमांक 9 एवं 10  के कांग्रेस पार्षद प्रत्याशियों के साथ बड़ी संख्या में युवाओं ने कांग्रेस को छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। मंत्री श्री शुक्ला ने सभी को पार्टी का अंग वस्त्र पहनते हुए भाजपा में प्रवेश दिलाया  सुंदर नगर के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता लालता प्रसाद तिवारी की अगुवाई में आशीष तिवारी सहित कई गणमान्य नागरिकों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। वहीं वार्ड क्रमांक 10 से आप प्रत्याशी पार्षद प्रत्याशी ओमप्रकाश मिश्रा उर्फ गुरु ने भी भाजपा ज्वाइन कर ली। इसके अलावा  200 से अधिक युवाओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की इस अवसर पर पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र शुक्ला वार्ड क्रमांक 9 के पार्षद सतीश सिंह मंडल अध्यक्ष शिवम द्विवेदी राजेंद्र द्विवेदी राजेश शर्मा तीर्थ साकेत राजकुमार बुनकर शाहिद वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।
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वार्ड 26 पार्षद स्वतंत्र शर्मा भी भाजपाई हो गए
इसके पहले रीवा से वार्ड 26 के पार्षद और उनके समर्थकों ने भी कांग्रेस से तौबा की थी। सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ स्वतंत्र शर्मा ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। लगातार कांग्रेस को रीवा से झटका मिल रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ता भाग रहे हैं। अभी से उन्हें हार का डर सताने लगा है। यही वजह है कि कार्यकर्ता हार का हिस्सा नहीं बनना चाहते और भाजपा के साथ जाने में ही भलाई समझ रहे हैं।