देवतालाब शराब समूह चलाने से खड़े किए ठेकेदार ने हाथ, फिर बुलाया गया टेंडर
देवतालाब शराब समूह का टेंडर फिर हुआ। ई टेंडर बुलाया गया। 10 निविदा फार्म भरे गए। हालांकि इसमें सबसे अधिक दर भरने वाली सोम कंपनी को ही ठेका दे दिया गया है।
REWA.ज्ञात हो कि शराब दुकानों का 31 मार्च को टेंडर फाइनल कर दिया गया था। सभी 27 समूहों का टेंडर हो गया। इसमें से एक ग्रुप देवतालाब शराब समूह 11 मार्च को फाइनल हुआ था। इसे हिमांशु जायसवाल ने 14.39 करोड़ में लिया था। नए वित्तीय वर्ष में शराब दुकान संचालन के पहले सिक्योरिटी मनी ठेकेदार को जमा करनी थी। समय पर ठेकेदार सिक्योरिटी मनी जमा नहीं कर पाया। इसके कारण आबकारी विभाग ने टेंडर निरस्त कर दिया। मंगलवार को दोबारा ईटेंडर बुलाया गया। इसमें 10 ठेकेदार शामिल हुए। सभी ने निविदा डाली। हालांकि सोम ग्रुप को सबसे अधिक बोली लगाने पर देवतालाब शराब समूह सौंप दिया गया है। 12.67 करोड़ में टेंडर फाइनल हो गया है।
चहेते दरोगा पर अधिकारी मेहरबान
आबकारी विभाग में चेहेते दरोगा को उपकृत करने का खेल चल रहा है। फर्जी स्टाम्प में जो दरोगा फंसे थे। अब उन्हें उपकृत कर शहर में सबसे बड़े और मालदार सर्किल की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। मनोज बेलवंशी मऊगंज से सीधे रीवा में सर्किल ब के इंचार्ज बना दिए गए हैं। सर्किल ब में शहर की बड़ी शराब दुकानें और बार आते हैं। अब मनोज बेलवंशी की निगरानी में ही सब कुछ चलेगा। इसी तरह दूसरी महिला दरोगा शबनम बेग हैं। इनके पहले पहले सिरमौर सर्किल था। अब मऊगंज सर्किल का प्रभार है। साथ में देशी शराब के वेयर हाउस का भी प्रभार दिया गया है। देशी शराब के वेयर हाउस का प्रभार लंबे समय से इनके पास है लेकिन यह छूट नहीं रहा है। दोनेां ही दरोगा जिला आबकारी अधिकारी के करीबी हैं। यही वजह है कि इन्हें उपकृत करने के लिए सारे नियम भी तोड़े जा रहे हैं। तीन साल से अधिक समय होने के बाद भी वेयर हाउस का प्रभार तक नहीं बदला जा रहा है।