ठेले वालों से अवैध वूसली में फंस गया ठेकेदार, निरस्त होगा टेंडर, नोटिस जारी
ठेले, गुमटी वालों से वसूली पर रोक लगी है। इसके बाद भी ठेकेदार मनमानी वसूली कर रहा था। इसकी शिकायत कमिश्नर नगर निगम से की गई। शिकायत के बाद नगर निगम ने एक्शन लिया है। उपायुक्त राजस्व ने ठेकेदार सुशील कुमार पाण्डेय पिता भारत प्रसाद पाण्डेय को नोटिस जारी किया है। तीन दिन में जवाब मांगा गया है।
रीवा। ज्ञात हो कि समान फ्लाई ओव्हर के नीचे वाहन पार्किंग का ठेका सुशील कुमार पाण्डेय को मिला हुआ है। ठेकेदार यहां दुकान लगाने वालों से भी अवैध वसूली करता है। रुपए नहीं देने पर मारपीट तक किया जाता है। इसी अवैध वसूली का विरोध वार्ड क्रमांक 13 एवं वार्ड क्रमांक 16 के पार्षद का विरोध किया था। इसके बाद ही नगर निगम एक्शन में आया है। ठेकेदार सुशील कुमार पाण्डेय को नोटिस जारी किया है। ठेकेदार को 1 मई 2023 से 31 मार्च 2024 तक का वाहन पार्किंग ठेका दिया गया है। इसके बाद भी वह अवैध वसूली में लिप्त रहते हैं। इसी को लेकर ठेकेदार को 9 अक्टूबर 2023 और 10 जनवरी 2024 को भी नोटिस जारी किया गया था। इनका जवाब ठेकेदार ने नहीं दिया। इस पर उपायुक्त नगर निगम ने अल्टीमेटम नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा है कि उनके खिलाफ अवैध वसूली, हाथ ठेला, पथ विक्रेताओं के साथ अभद्रता एवं मारपीट की शिकायत फिर से मिली है। नोटिस में कहा गया है कि 23 जनवरी 2024 को स्थल निरीक्षण के दौरान नगर पालिक निगम रीवा के सहायक राजस्व अधिकारी , राजस्व निरीक्षक, वार्ड क्रमांक 13 एवं वार्ड क्रमांक 16 के पार्षद की उपस्थिति में ठेला व्यवसायियों ने अवैध रूप से अधिक दर पर वसूली करने एवं मारपीट करने की शिकायत की गई है। जिसका पंचनामा भी प्रस्तुत किया गया है। नोटिस में कहा गया है कि अनुबंध की कंडिका 23 के अनुसार 10 हजार रुपए तथा कंडिका 24 के अनुसार रुपए 21 हजार की राशि अधिरोपित करते हुए अनुबंध की कंडिका 14 के प्रावधान अनुसार ठेका निरस्त करने की कार्रवाई जाना है। तीन दिन में ठेकेदार से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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50 रुपए, 100 रुपए तक करता है वसूली
समान फ्लाई ओव्हर के नीचे दुकान लगाने वाले ठेले, गुमटी वालों के साथ ठेकेदार के कर्मचारी हर दिन अवैध वसूली करते हैं। इसके खिलाफ वार्ड क्रमांक 13 की पार्षद नम्रता सिंह ने विरोध किया। बुधवार को दिन भी मौके पर ही तैनात रही। साथ में वार्ड 16 के पार्षद भी रहे। कई ठेले वालों से वसूली की गई थी। यह राशि भी ठेकेदार से वापस कराई गई। इसके बाद स्थितियां जस की तस हो गई। ठेकेदार ने वसूली का काम नहीं बंद किया।