काउंसलिंग तो रुकी नहीं लेकिन 5 सदस्यीय टीम दावा आपत्तियों के लिए जरूर बना दी गई फिर दें सकेंगे अभ्यावेदन
अतिशेष शिक्षकों को काउंसलिंग से राहत नहीं मिली लेकिन उनकी आपत्तियों की सुनवाई के लिए एक और मौका जरूर दिया है। इस मर्तबा पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। यह टीम अभ्यावेदनों की सुनवाई करेगी। आनलाइन नंबर जनरेट किया जाएगा फिर डीईओ कार्यालय में अभ्यावेदन जमा होगा।
विमर्श पोर्टल पर पहले दर्ज करनी होगी आनलाइन जानकारी फिर डीईओ आफिस में जमा करना होगा
रीवा। ज्ञात हो कि स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण कर रहा है। पद से ज्यादा शिक्षकों को अन्यत्र पदस्थ कर रह है। सभी वर्गों के शिक्षकों को तो उसी जिला में स्कूलों के चयन का आप्शन दिया गया लेकिन माध्यमिक शिक्षक विज्ञान के लिए संभागीय व्यवस्था कर दी गई। विज्ञान के शिक्षकों के लिए जिले में पद ही कम पड़े गए। यह पूरे प्रदेश की स्थिति है। कई संभाग में भी अतिशेष शिक्षकों के लिए पद नहीं मिले। इतना ही नहीं इस अतिशेष की सूची में अधिकांश महिलाएं प्रभावित हुए हैं। जिन्हें दूसरे जिलों में भेजने के लिए बाध्य किया जा रहा है। महिला शिक्षकों ने इसके खिलाफ विद्रोह कर दिया। महिला शिक्षकों ने काउंसलिंग का ही बहिष्कार कर दिया। रीवा में भी महिला शिक्षक काउंसलिंग में शामिल नहीं हुई। डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला का उनके निवास पर घेराव भी किया। इसके बाद भी काउंसलिंग पर रोक नहीं लगी। अब स्कूल शिक्षा विभाग ने काउंसलिंग में शामिल अतिशेष शिक्षकों के आपत्तियों की सुनवाई के लिए एक मौका जरूर दिया है। अतिशेष किए गए शिक्षकों से अभ्यावेदन मांगा जा रहा है। इसकी सुनवाई पांच सदस्यीय टीम करेगी। 5 से 11 अक्टूबर तक अभ्यावेदन शिक्षक डीईओ कार्यालय में जमा कर सकेंगे। इन अभ्यावेदनों की सुनवाई 14 से 18 अक्टूबर के बीच पूरी करनी होगी।
टीम में यह बनाए गए हैं सदस्य
अभ्यावेदन की सुनवाई के लिए जो टीम गठित की गई है। उसमें संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण अध्यक्ष रहेंगे। राज्य स्तर से एक प्रतिनिधि उप संचालक से अनिम्र स्तर के सदस्य रहेंगे। इसके अलावा सदस्यों में संभागीय जिले के प्राचार्य डाइट, जिला शिक्षा अधिकारी, संयुक्त संचालक कार्यालय से संबंधित जिले के लिए अतिशेष की काउंसलिंग के दौरान नियुक्त प्रतिनिधि शामिल होंगे।
इस तरह से करना होगा आवेदन
लोक शिक्षण संचालनालय से जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि जो शिक्षक अतिशेष हुए हैं। यदि वह आपत्ति के निराकरण से संतुष्ट नहीं हैं तो ऐसे अतिशेष शिक्षक अपना अभ्यावेदन प्रमाण सहित जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत कर सकेंगे। उन्हें इसके लिए विमर्श पोर्टल पर शिक्षक को अभ्यावेदन संबंधी विवरण संलग्न प्रपत्र 1 में प्रविष्ट करना होगा। पोर्टल एक रिफरेंस नंबर जनरेट करेगा। इसी नंबर को अभ्यावेदन में दर्ज कर दस्तावेज और प्रमाण के साथ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 5 अक्टूबर से 11 अक्टूबर के बीच जमा करना होगा। जिला शिक्षा अधिकारी अपने कार्यालय में अभ्यावेदन प्रापत करने के लिए किसी एक अधिकारी को उत्तरदायित्व सौपेंगे। संबंधित अधिकारी के नियंत्रण में लिपिक द्वारा अभ्यावेदन की प्रविष्टि रजिस्टर में निर्धारित प्रपत्र में दर्ज की जाएगी। इस अभ्यावेदनों का 14 से 18 अक्टूबर के बीच निराकरण करना होगा। इसके बाद स्पीकिंग आर्डर जारी किए जाएंगे। इसकी जानकारी जेडी विमर्श पोर्टल पर भी दर्ज करेंगे।