बिना पद के ही बुला ली शिक्षकों की काउंसलिंग, सीट खत्म होते ही आंखों से निकल आए आंसू

शुक्रवार को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में विज्ञान विषय के अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग आयोजित की गई। काउंसलिंग में 108 शिक्षक पहुंचे। काउंसलिंग उच्च श्रेणी शिक्षकों से शुरू हुई। रीवा में सिर्फ 25 सीटें थे। वह चंद मिनटों में ही भर गई। माध्यमिक शिक्षकों की बारी ही नहीं आई। इसके बाद दूसरे जिलों के बार्डर की स्कूलें भी भर गई। सीटें भरते ही काउंसलिंग में शामिल महिला शिक्षकों की आंखों में आंसू आ गए। वह रोते हुए काउंसलिंग छोड़ कर घर चली गईं।

बिना पद के ही बुला ली शिक्षकों की काउंसलिंग, सीट खत्म होते ही आंखों से निकल आए आंसू

शुक्रवार को डीईओ कार्यालय में आयोजित की गई विज्ञान विषय के शिक्षकों की काउंसलिंग
सिर्फ 25 पद थे रिक्त और काउंसलिंग में 108 शिक्षको को बुलाया गया
सिर्फ विज्ञान विषय के लिए बदल दिया गया नियम, संभागभर के जिलों का आप्शन दिया गया
रीवा। आपको बता दें कि स्कूल शिक्षा विभाग अगस्त महीने से काउंसलिंग का आयोजन कर रहा है। अतिशेष शिक्षकों को हटाकर रिक्त पदों वाले स्कूलों में पदस्थ कर रहा है। पहले सहायक शिक्षक, प्राथमिक शिक्षकों की काउंसलिंग से पद भरे गए। इसके बाद मार्तण्ड, मॉडल स्कूल के शिक्षकों की काउंसङ्क्षलग हुई। फिर माध्यमिक और उच्च माध्यमिक में विज्ञान को छोड़कर काउंसलिंग आयोजित की गई। इन सभी काउंसलिंग में नियम अलग था। अंत में जब विज्ञान विषय के शिक्षकों की काउंसलिंग बुलाई गई तो नियम बदल दिए गए। काउंसङ्क्षलग में शिक्षकों को संभाग के अन्य जिलों में भी स्कूलों के चयन का आप्शन दे दिया गया। विज्ञान विषय के शिक्षकों के साथ स्कूल शिक्षा विभाग ने दगा कर दिया। जिला बदलने के लिए ही मजबूर कर दिया। हाल में स्थानांतरण लेकर रीवा आए शिक्षकों को फिर से बाहर भेजने की तैयारी कर दी गई है। काउंसलिंग में कई शिक्षक रीवा में रिक्त पद न होने पर रोने भी लगे। आंखों में आसू लेकर लौट गए।
गणित विषय की रिक्तता भी मान्य करनी थी
अभ्यावेदन में भी जिला स्तर पर मनमानी की गई। स्कूलों से सही जानकारी एकत्र नहीं की गई। शिक्षक परेशान होते रहे। विज्ञान विषय के शिक्षक प्राचार्य से गणित विषय के रिक्त पद की जानकारी लेकर अभ्यावेदन देने पहुंचे। उसमें भी गड़बड़ी कर दी गई। गणित विषय के रिक्त पद पर विज्ञान शिक्षक को समयोजत करने का आवेदन भी स्वीकार नहीं किया गया। 50 में सिर्फ 10 शिक्षकों के आवेदन स्वीकार किए गए। इसके कारण भी शिक्षकों को परेशानी हुई। स्कूल शिक्षा विभाग में रिक्त पद जो प्रदर्शित हो रहे थे। उसे भी जिला स्तर पर स्वीकार नहीं किए गए।


इन समस्याओं ने शिक्षकों को रुला दिया
स्कूल शिक्षा विभाग में शुक्रवार को आयोजित काउंसलिंग में महिला और पुरुष शिक्षक शामिल हुए। पुरुषों ने तो दूर दराज की स्कूलें स्वीकार कर ली लेकिन महिलाओं ने इंकार कर दिया। महिला शिक्षकों के सामने कई तरह की समस्याएं आन खड़ी हुई। कई शिक्षकों के छोटे छोटे बच्चे हैं। स्कूलों में पढ़ रहे हैं। बीच सत्र में बच्चों की पढ़ाई छुड़ाकर भी कहीं नहीं जा सकते। इसके अलावा घर परिवार में बुजुर्ग माता पिता की भी जिम्मेदारी है। कईयों के घर में माता पिता बीमार हैं। कई तरह की परेशानियों से घिरी महिला शिक्षकों ने दूर दराज जिलों में ज्वाइनिंग से इंकार कर दिया।
युक्तियुक्तकरण में कोई सुनवाई नहीं
समस्याओं से घिरे शिक्षकों की सुनवाई शून्य हैं। किसी भी तरह की परेशानियों का जिक्र करने पर भी सुनवाई नहीं की गई। सभी शिक्षकों को काउंसलिंग में शामिल कराया गया। यही वजह है कि विज्ञान विषय में पद से ज्यादा शिक्षक होने के बाद भी उनके अभ्यावेदन पर कम ही सुनवाई हुई और स्वीकार भी नहीं किए गए। सिर्फ 10 आवेदनों पर सहमति दी गई।
50 फीसदी शिक्षक काउंसलिंग में नहीं हए शामिल
विज्ञान विषय की काउंसलिंग में कुल 108 शिक्षकों को शामिल होना था। इसमें से कुल 56 शिक्षक शामिल हुए। वहीं 52 शिक्षक अनुपस्थित रहे। कई शिक्षक काउंसलिंग में पहुंचे लेकिन उन्हें मनपसदं जगह नहीं मिली तो वापस लौट गए। काउंसलिंग के दौरान इतनी भीड़ थी कि शिक्षकों को भी काउंसलिंग की प्रक्रिया समझने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
सिर्फ विज्ञान के शिक्षकों पर थोपे गए नियम
अब तक की काउंसलिंग में सभी शिक्षकों को रीवा की ही रिक्त पदों का आप्शन चुनने के लिए दिया गया। विज्ञान विषय की काउंसलिंग में नियम बदल दिए गए। रीवा में सीटें कम थी तो संभाग स्तर पर सीटों को चुनने का आप्शन रख दिया गया। सीधी, सिंगरौली, सतना की स्कूलों की भी रिक्त पदें प्रदर्शित की गई। इसके कारण रीवा की सीटें भी दूसरे जिले के शिक्षकों ने हड़प ली। कई शिक्षक कट गए।