अनुदान घोटाले में उलझ गए डीईओ, भोपाल से यह जारी हुआ आदेश

अनुदान प्राप्त स्कूलों के अनुदान घोटाले में डीईओ रीवा बुरी तरह से उलझ गए हैं। आयुक्त लोक शिक्षण ने डीईओ के खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी है। जांचकर्ता अधिकारी जेडी रीवा को बनाया गया है।

अनुदान घोटाले में उलझ गए डीईओ, भोपाल से यह जारी हुआ आदेश
DEO office rewa file photo

रीवा। शिक्षा विभाग में हुए बहुचर्चित महाघोटाले की चपेट में आने से वर्तमान डीईओ गंगा प्रसाद भी नहीं बच पाए। पद पर रहते हुए अनुदान प्राप्त शिक्षकों को दोहरा भुगतान करके उलझ गए हैं। इसी मामले में इनक खिलाफ अब भोपाल विभागीय जांच बैठा दी गई है। आयुक्त लोक शिक्षण अनुभा श्रीवास्तव ने आदेश में कहा है कि संचालनालय के आदेश क्रमांक/स्थापना1/ डी/176/ रीवा/2022/154- 155 दिनांक 13 फरवरी 2023 को गंगा प्रसाद उपाध्याय प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी रीवा को मप्र सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 14 के तहत आरोप पत्रादि जारी कर 21 दिन में जवाब चाहा गया था। गंगा प्रसाद उपाध्याय के प्रस्तुत प्रतिवाद का परीक्षण किया गया। (विंध्य बुलेटिन.काम) प्ररकण प्रथम दृष्टया कपटपूर्ण आहरण कराकर वित्तीय अनियमितता करने के साथ साथ शासन को वित्तीय हानि पहुचंाने का है। प्रकरण की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए विस्तृत जांच जरूरी है। गंगा प्रसाद उपाध्याय से प्राप्त प्रतिवाद असमाधानकारक होने के कारण मप्र सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 14 के तहत विभागीय जांच संस्थित करने का निर्णय लिया गया है। डीईओ के खिलाफ लगाए गए आरोपों के विरुद्ध आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा को जांचकर्ता अधिकारी एवं सहायक संचालक कार्यालय संयुक्त संचालक रीवा को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी बनाया गया है।
क्या है अनुदान घोटाला
ज्ञात हो कि स्कूल शिक्षा विभाग में अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों को अनुदान राशि के भुगतान में फर्जीवाड़ा किया था। महालेखाकार ग्वालियर की ऑडिट में आपत्ति सामने आई  थी। वर्ष 2018 से 2019 के बीच में सिर्फ 70.67 लाख गबन की आपत्ति आई थी।  (विंध्य बुलेटिन.काम) जब तत्कालीन कलेक्टर डॉ इलैया राजा टी ने मामले की स्थानीय स्तर पर टीम बनाकर जांच कराई तो यह महाघोटाला बन कर सामने आया था। अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों के एरियर और वेतन घोटाले में ही 2 करोड़ 18 लाख 39 हजार 901 रुपए का गबन मिला था। इसके अलावा कई स्कूलों को बिना सामानों की सप्लाई के ही बिल बाउचर पास करा लिए। इससे करीब 2 करोड़ 23 लाख का गबन किया गया।  इस फर्जीवाड़ा में करीब 24 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
भोपाल से जांच के बाद 18 पर और लटकी तलवार
इसी मामले की आंच भोपाल तक भी पहुंची थी। आयुक्त लोक शिक्षण ने तीन सदस्यीय  टीम ने रीवा पहुंच कर जांच की थी। जांच के बाद प्रतिवेदन शासन को भेजा था। इसमें अनुदान घोटाला और सामग्री घोटाले की राशि भी बढ़ गई है। अब यह राशि भोपाल टीम की जांच के बाद 5 करोड़ 10 लाख पहुंच गई है। इसी मामले में जांच प्रतिवेदन के बाद भोपाल से 18 लोगों के खिलाफ एफआईआर के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। निजी मैसेंजर से रिकार्ड भी रीवा पहुंच गया है। जेडी को एफआईआर की जिम्मेदारी दी गई है। जेडी ने एफआईआर के लिए आवेदन सिविल लाइन थाना में कर दिया है। अभी तक मामले में कार्रवाई लंबित चल रही है।