विवादों में फिर डीईओ ऑफिस, रिटायर्ड प्राचार्यों से हो रही लाखों की वसूली, लगा आरोप

जिला शिक्षा अधिकारी में लूट मची है। अपने ही विभाग से रिटायर्ड प्राचार्यों को लूटा जा रहा है। उनकी इमानदारी के पेंशन पर नजर गड़ाए हुए हैं। लाखों रुपए पेंशन प्रकरण स्वीकृति के नाम पर मांगे जा रहे हैं। रुपए लेने के बाद भी प्रकरण में आपत्तियां लगा रहे हैं। सालों बाद भी कई प्राचार्यों की पेंशन स्वीकृत नहीं हुई है। वह दर दर भटक रहे हैं। इस कष्ट से जूझ रहे एक रिटायर्ड प्राचार्य ने खुलासा किया है।

विवादों में फिर डीईओ ऑफिस, रिटायर्ड प्राचार्यों से हो रही लाखों की वसूली, लगा आरोप
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रिटायर्ड प्राचार्यों का पेंशन प्रकरण ही नहीं बनाया जा रहा
सेवानिवृत्त प्राचार्य ने लगाया लिपिकों और डीईओ पर आरोप
रीवा।जिला शिक्षा अधिकारी रीवा एवं संभागीय पेंशन कार्यालय रीवा में सेवानिवृत्त प्राचार्य खुलेआम लूटा जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त प्राचार्यों का पेंशन प्रकरण जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय रीवा में निपटाया जाता है। यहीं पर प्राचार्यों की सेवा पुस्तिका जिला रहती है। जिला में विगत दो से तीन वर्षों से रिटायर हुए प्राचार्यों के पेंशन प्रकरण का निपटारा नहीं किया गया है। सबसे पहले उनसे ऑडिट के नाम पर अनुदान घोटाले के ऑडीटर, लिपिक द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र के नाम पर पचास हजार से एक लाख रुपए लिया जाता ह। फिर पेंशन शाखा के प्रभारी लिपिक सेवा पुस्तिका में अनर्गल आपत्ति लगा देते हैं। संभागीय पेंशन अधिकारी का हवाला देकर आपत्ति लगाते हैं। इसके नाम पर भी रुपए वसूले जा रहे हैं। पैसे लेने के बाद भी वर्षों तक पेंशन प्रकरण का निपटारा नहीं किया जाता है। प्रत्याशित पेंशन भी नहीं दी जाती है। सेवानिवृत्त प्राचार्य आदित्यनाथ  तिवारी ने बताया है कि जिले में सेवानिवृत्त प्राचार्य जिनकी पेंशन प्रकरण विचाराधीन है। इनमें श्रीमती आशा त्रिपाठी, दीनदयाल सिंह, सुधीर बांडा, हीरामणि त्रिपाइी, संतोष मिश्रा, रामनरेश तिवारी, औसेरीलाल साकेत, छोटेलाल रावत, इन्द्रभान वर्मा, आदित्यनाथ तिवारी, रामयश मिश्रा, आरती सिंह, राजेन्द्र द्विवेदी सहित कई प्राचार्य शामिल हैं। इन्हें अब तक पेंशन नहीं मिल पाई है। आदित्यनाथ तिवारी का कहना है कि पेंशन प्रकरण के संभागीय मुखिया रीवा कमिश्नर हैं। रीवा में ही बैठे हैं फिर भी प्रकरण वर्षों से लंबित पड़े हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा लाल गुप्ता से मिलने पर उनका जवाब रहता है कि अभी व्यस्त हूं। रिटायर्ड प्राचार्यों को परेशान किया जा रहा है। उनके पास रुपयों का आभाव हो गया है। इलाज भी नहीं करा पा रहे हैं। दर दर भटक रहे हैं। 35 से 40 वर्ष इमानदारी से काम करने वाले प्राचार्य अब अपने ही विभाग से प्रताडि़त हो रहे हैं।
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पेंशन प्रकरण ही नहीं भेज रहे
स्कूल शिक्षा विभाग से रिटायर होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी कार्याय से प्रकरण ही पेंशन कार्यालय नहीं भेजा जाता। यह हालात सिर्फ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का नहीं है। सभी कार्यालयों में प्रकरण डंप पड़े हुए हैं। जिस विभाग में कर्मचारी, अधिकारी सेवाएं देते हैं। उन्हें ही रिटायरमेंट के बाद परेशान किया जाता है। विभागों में सैकड़ों प्रकरण डंप पड़े हुए हैं। पेंशन कार्यालय में प्रकरण ही नहीं पहुंच रहा है। इसके कारण ही कर्मचारी, अधिकारी विभागों का चक्कर लगाने को परेशान हैं।