डीएमई ने बंद कमरे में लगाई मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्षों की क्लास बोले ड्यूटी समय में निजी प्रैक्टिस करते मिले तो खैर नहीं

शनिवार को डीएमई ने सभी विभागाध्यक्षों, डीन और अधीक्षक की बंद कमरे में क्लास लगाई। निजी प्रैक्टिस पर जमकर विफरे। डीएमई ने कहा कि ड्यूटी के दौरान सिर्फ ड्यूटी करें और मरीजों का इलाज करें। निजी प्रैक्टिस करते मिले तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही मेडिकल कॉलेज के गिरते शिक्षा के स्तर पर भी कड़ी नाराजगी जताई। एसजीएमएच के कैजुअल्टी का निरीक्षण भी किए। गंदगी मिलने पर कंपनी पर जुर्माना लगाने के निर्देश दिए हैं।

डीएमई ने बंद कमरे में लगाई मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्षों की क्लास बोले ड्यूटी समय में निजी प्रैक्टिस करते मिले तो खैर नहीं

मेडिकल कॉलेज के गिरने शिक्षा स्तर पर भी जताई नाराजगी, रेग्युलर क्लास लेने के दिए निर्देश
अस्पताल का निरीक्षण किए तो मिली अव्यवस्था और गंदगी, कंपनी पर 50 हजार का लगाया जुर्माना
रीवा। ज्ञात हो कि श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में निश्चेतना विशेषज्ञों का राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इसका शुभारंभ शनिवार को हुआ। इसमें शामिल होने भोपाल से डीएमई डॉ अरुण श्रीवास्तव भी पहुंचे। डीएमई रीवा से ही है। ऐसे में उन्हें रीवा से ज्यादा लगाव है और वह यहां के चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की कवायद में जुटे रहते हैं। यही वजह है कि कई मुद्दों को लेकर उन्होंने श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में बंद कमरे में सभी विभागाध्यक्षकों की बैठक आयोजित की। इसमें डीन डॉ सुनील अग्रवाल और अधीक्षक डॉ राहुल मिश्रा भी मौजूद रहे। डीएम‌ई ने तीन बातों पर ज्यादा जोर दिया। उन्होंने कहा कि वह भी रीवा से ही अपनी पढ़ाई किए हैं। यहां पढ़ाई का स्तर पर पहले अच्छा था।एजुकेशन के मामले में रीवा का नाम चलता था। अब वह स्तर नहीं रह गया है। इसमें सुधार लाने के निर्देश डीएमई ने दिए। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सा शिक्षक कक्षाओं का संचालन करें। पीजी के कक्षाएं लेने पर रोक लगा दी है। उन्होंने सभी एचओडी को शैक्षणिक स्तर में सुधार लाने के निर्देश दिए।
ड्यूटी में आकर भाग जाते हैं डॉक्टर यह नहीं चलेगा
डीएमई ने डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस को लेकर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि निजी प्रैक्टिस डॉक्टर करें लेकिन ड्यूटी ऑवर में सिर्फ मरीजों का इलाज संजय गांधी अस्पताल में करें। डॉक्टर ड्यूटी में आकर भाग जाते हैं। प्रैक्टिस में चले जाते हैं। यह सिस्टम नहीं चलेगा। उन्हें निर्देशित किया गया कि डॉक्टर प्रैक्टिस करें लेकिन ड्यूटी समय पर प्रैक्टिस न करें। गरीब मरीजों को इलाज मिले। कोई भी इलाज से वंचित न रह जाए।
अस्पताल का किया निरीक्षण, जताई नाराजगी
डीएमई डॉ अरुण श्रीवास्तव ने डीन, अधीक्षक के साथ संजय गांधी अस्पताल के कैजुअल्टी का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मौके पर गंदगी देखकर वह नाराज हो गए। इस पर हाइट्स कंपनी पर जुर्माना लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कैजुअल्टी में सुधार के निर्देश दिए। कंपनी पर लगातार जुर्माना कंपनी के मैनेजर अशोक सोलंकी की लापरवाही से लग रहा है। डीएमई ने उपकरण की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया। वेंटीलेंटर की संख्या बढ़ाने को डीन और अधीक्षक को कहा है। साथ ही करंट से घायल होकर आने वाले मरीजों के इलाज के लिए डिफाइब्रिलेटर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्ट्रेचर में गद्दी नहीं मिलने पर भी नाराजगी जताई। मौके पर ही गद्दियां लगवाई गई। वार्ड ब्वाय की ड्यूटी मरीजों को वार्ड तक पहुंचाने के लिए लगाने को कहा गया। उन्होंने कहा हर समय दो वार्ड ब्वाय सिर्फ मरीजों को वार्ड तक पहुंचाने के लिए यहां मौजूद रहे। उन्होंने कर्मचारी बढ़ा दिए गए हैं। यदि इसके बाद भी सुविधाओं में सुधार नहीं हुआ तो एक्शन लिया जाएगा।
-------------------------
सभी विभागाध्यक्षों की बैठक ली गई। सभी को निर्देशित किया गया है कि शैक्षणिक स्तर में सुधार किया जाए। जिससे यहां से बेहतर चिकित्सक बाहर निकल सकें। ड्यूटी के समय पर डॉक्टर निजी प्रैक्टिस न करने की चेतावनी दी गई है। सुपर स्पेशलिटी में तीन मरीजों के हार्ट का आपरेशन हुआ है। उनसे भी मुलाकात की गई। निमार्ण कार्य का निरीक्षण किया गया। रविवार को मेडिकल कॉलेज परिसर में चल रहे निर्माण कार्यों का अवलोकन किया जाएगा।
डॉ अरुण श्रीवास्तव
संचालक, चिकित्सा शिक्षा मप्र शासन