भाजपा में डैमेज कंट्रोल: नागौद में गगनेद्र मानें, त्यौंथर में सब अंडर कंट्रोल अब मनगवां की बारी
टिकट को लेकर भाजपा में उपजे विरोध के सुर अब धीरे-धीरे ठंडे हो रहे हैं। बागियों को मनाने में भाजपा जुटी हुई है। डैमेज कंट्रोल करने के लिए नेताओं को लगाया गया। इसका असर भी दिख रहा है। नागौद से निर्दलीय चुनाव में लड़ने के लिए उतरे गगनेंद्र प्रताप सिंह अब मान गए। उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। यही हाल रीवा का भी है। त्यौंथर में भी विरोध के सुर फूट पड़े थे। डैमेज कंट्रोल किया गया। अब सिर्फ मनगवां में स्थिति संभालना बाकी है।
रीवा । भाजपा ने उम्मीदवारों का टिकट जारी किया। इसमें कई मंत्री और विधायकों के टिकट काट दिए गए। कई दावेदार भी इस लाइन से बाहर हो गए थे। इसके बाद भाजपा को अपने ही नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ा।रीवा में मनगवां और सतना में नागौद विधानसभा सीट में विरोध की स्थिति झेलनी पड़ी। कई नेता पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया गया। इन बागियों को मनाने के लिए भाजपा के नेताओं को लगाया गया। इंदौर से भाजपा के कैलाश विजयवर्गीय सतना पहुंचे थे। उन्होंने हवाई अड्डे पर गगनेंद्र प्रताप सिंह से मुलाकात कर उन्हें मनाने की कोशिश की थी। इस मानमनौव्वल का अब जाकर असर दिखा है। गगनेंद्र प्रताप सिंह ने नामांकन दाखिल करने के बाद चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है।
सिद्धार्थ को लेकर त्यौंथर में भी शुरू हो गया था विरोध
रीवा में त्योंथर विधानसभा सीट से भाजपा ने कांग्रेस से शामिल हुए सिद्धार्थ तिवारी राज को उम्मीदवार बना दिया। इसके बाद त्यौंथर में भी विरोध के सूर फूट पड़े थे। विधायक श्यामलाल और पूर्व विधायक स्वर्गीय रमाकांत तिवारी के पुत्र कौशलेश तिवारी ने विरोध करना शुरू कर दिया था। कौशलेश तिवारी के समर्थक चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। कौशलेश तिवारी को नामांकन दाखिल करने का दबाव बना रहे थे। उन्हें मनाने के लिए आधी रात को मंत्री राजेंद्र शुक्ला और जनार्दन मिश्रा सांसद को मान मनौव्वल के लिए उनके घर जाना पड़ा। कौशलेश तिवारी से घंटों चर्चा हुई। इसके बाद ही कौशलेश तिवारी का रुख बदला। वह अब विरोध की स्थिति में नहीं है।। पार्टी के समर्थन में आ गए हैं।
अब मनगवां से पन्ना बाई और पंचू लाल को मनाना बाकी है
भाजपा ने मनगवां से इस मर्तबा पांचूलाल प्रजापति को टिकट नहीं दिया है। उनका टिकट काट दिया गया है। उनकी जगह पर नरेंद्र प्रजापति को उम्मीदवार बनाया गया है। इससे नाराज होकर पंचू लाल प्रजापति ने भी बगावत कर दी है। अपनी पत्नी पन्ना बाई का नामांकन फार्म दाखिल किया है। इन्होंने दो फार्म दाखिल किए हैं। एक भाजपा तो दूसरा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में दाखिल किया है। उनका कहना है कि यदि पार्टी ने अपने विचार नहीं बदले और सिंबल नहीं दिया तो वह पार्टी का झंडा हटाकर निर्दलीय ही चुनाव लड़ेंगे। उनके इस विरोध को संभालने की कोशिश भाजपा कर रही है। सूत्रों का यह अभी मानना है कि 29 अक्टूबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रीवा पहुंच रहे हैं। ऐसे में मनगवां विधायक पंचू लाल प्रजापति से भी वह मुलाकात कर डैमेज कंट्रोल कर सकते हैं।