डीन ने ली डॉ गहरवार की जगह, सर्जरी विभाग के ओपीडी में बैठे और मरीजों की जांच की
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के डीन मंगलवार को सर्जरी विभाग की ओपीडी में पहुंच गए। उन्होंने डॉ गहरवार की कुर्सी पूछी और मरीजों की जांच में जुट गए। डीन के ओपीडी पहुंचने और मरीज की जांच करने के मामले से हड़कंप मच गया। अब चर्चा यह भी है कि डीन का नाम रोस्टर में भी जोडऩे की तैयारी है। यदि ऐसा हुआ तो हर मंगलवार को डीन भी ओपीडी में मरीजों का इलाज करते नजर आएंगे।

डीन की इस मंशा पर नियम आ सकता है आड़े
किसी भी तरह की प्रैक्टिस नहीं कर सकते हैं डीन
रीवा। मेडिकल कॉलेज के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि कोई डीन एडमिनिस्टे्रशन के साथ ही ओपीडी में बैठकर मरीज भी देखेंगे। मंगलवार को अचानक डीन सर्जरी ओपीडी पहुंच कर सभी को चौंका दिए। उन्होंने डॉ गहरवार की जगह बैठकर मरीजों की भी जांच की। करीब आधे घंटे तक बैठे रहे। हालांकि इसके बाद चले गए।
आपको बता दें कि श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन और विभागाध्यक्ष सर्जरी रह चुके डॉ एपीएस गहरवार पद से रिटायर हो चुके हैं। डॉ गहरवार की ओपीडी सर्जरी विभाग में हर मंगलवार को रहती थी। इस मंगलवार को ओपीडी में डीन डॉ सुनील अग्रवाल पहुंच गए। उन्होंने मौके पर मौजूद डॉक्टरों से डॉ गहरवार की जगह पूछी। इसके बाद वह खुद ही मोर्चा सम्हाल लिए। ओपीडी में काफी देर तक बैठे रहे। इस दौरान उन्होंने मरीजों को भी देखा। इसके बाद वहां चले गए। डीन के अचानक से ओपीडी में पहुंचने से हलचल तेज हो गई। ऐसी चर्चाएं जोरों पर है कि जल्द ही डीन डॉ सुनील अग्रवाल डॉ एपीएस गहरवार की जगह हर मंगलवार को ओपीडी में मरीजों को देखेंगे। रोस्टर में इस मर्तबा उनका भी नाम जोड़ा जा सकता है। ओपीडी में डीन के पहुंचने से चारों तरफ चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। हालांकि डीन का यह प्रयोग अच्छा है लेकिन के उनके इस नवाचार और नए प्रयोग में नियम आड़े आ सकते हैं। डीन और अधीक्षक के पद पर पदस्थ चिकित्सकों के लिए किसी भी तरह की प्रैक्टिस पूरी तरह से प्रतिबंधित रहती है। ऐसे में इन नियमों की बाधाएं उनके इस प्रयोग और मंशा पर पानी फेर सकता है। आपको बता दें कि डीन के रूप में पदस्थापना के साथ ही उन्हें प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं करने का हलफनामा देना होता है। उन्हें सिर्फ इन पदों पर अकादमिक जिम्मेदारियों को सम्हालने के लिए ही पदस्थ किया जाता है। ऐसे में अकादमिक कार्य प्रभावित न हो इसके कारण ही उन्हें किसी भी तरह की प्रैक्टिस से दूर रखा जाता है।